रोज रात को हल्दी वाला दूध पीएं, पाएं गहरी नींद और बीमारियों से छुटकारा...जानें इसके जबरदस्त फायदे
चरक संहिता में हल्दी अपने आप में बेहतरीन औषधि मानी गई है. इसे आयुर्वेद में 'हरिद्र' कहा गया है. हल्दी त्वचा रोग, सूजन और विषैले तत्वों को दूर करने के लिए जानी जाती है. इसमें करक्यूमिन नामक तत्व होता है जो शरीर में सूजन कम करता है, रोगों से लड़ने में मदद करता है और एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है. वहीं दूसरी तरफ, दूध को आयुर्वेद में शरीर की बुनियादी ताकत को बढ़ाने वाला माना गया है. जब ये दोनों मिलते हैं, तो ये त्रिदोष यानी वात, पित्त, कफ को संतुलन में लाते हैं.

हमारी दादी-नानी के नुस्खों में एक ऐसा 'जादुई' पेय शामिल है, जिसे सदियों से स्वास्थ्य लाभों के लिए सराहा जाता रहा है - हल्दी वाला दूध, जिसे 'गोल्डन मिल्क' (Golden Milk) भी कहते हैं. यह सिर्फ एक स्वादिष्ट ड्रिंक नहीं, बल्कि गुणों का खजाना है, खासकर जब इसे रात को सोने से पहले पिया जाए. आधुनिक विज्ञान भी अब हल्दी में मौजूद प्रमुख घटक करक्यूमिन (Curcumin) के अद्भुत फायदों को मान रहा है, जो डिप्रेशन से लेकर कई अन्य गंभीर समस्याओं से राहत दिलाने में मदद कर सकता है.
चरक संहिता में हल्दी अपने आप में बेहतरीन औषधि मानी गई है. इसे आयुर्वेद में 'हरिद्र' कहा गया है. हल्दी त्वचा रोग, सूजन और विषैले तत्वों को दूर करने के लिए जानी जाती है. इसमें करक्यूमिन नामक तत्व होता है जो शरीर में सूजन कम करता है, रोगों से लड़ने में मदद करता है और एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है. वहीं दूसरी तरफ, दूध को आयुर्वेद में शरीर की बुनियादी ताकत को बढ़ाने वाला माना गया है. जब ये दोनों मिलते हैं, तो ये त्रिदोष यानी वात, पित्त, कफ को संतुलन में लाते हैं.
नींद के लिए भी फायदेमंद है हल्दी वाला दूध
अगर आप नींद नहीं आने की शिकायत से परेशान रहते हैं, तो हल्दी वाला दूध आपके लिए रामबाण हो सकता है. इसमें मौजूद ट्रिप्टोफान नामक अमीनो एसिड मस्तिष्क को शांत करता है और गहरी नींद लाने में मदद करता है. यह इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है. यही नहीं, हल्दी वाला दूध सर्दी-जुकाम, खांसी, गले की खराश जैसी आम बीमारियों में राहत देता है.
किन स्वास्थ्य समस्याओं से देता है राहत?
दूध से मिलने वाला कैल्शियम और हल्दी का सूजन कम करने वाला गुण मिलकर हड्डियों और जोड़ों को ताकत देते हैं, खासतौर पर गठिया या कमर दर्द में.
इसके अलावा, स्किन की परेशानियों जैसे मुंहासे, खुजली या फोड़े-फुंसियों में भी यह काफी लाभकारी है क्योंकि हल्दी खून को शुद्ध करती है.
पाचन की बात करें तो हल्दी लिवर को साफ करती है और पाचन क्रिया को बेहतर बनाती है, जिससे गैस, कब्ज या एसिडिटी से राहत मिलती है. मानसिक तनाव, चिंता या अवसाद से लड़ने में भी यह मददगार है क्योंकि यह सेरोटोनिन और डोपामिन जैसे हार्मोन को संतुलित करती है.
महिलाओं के लिए भी यह बेहद खास फायदेमंद है. पीरियड्स के दौरान होने वाली ऐंठन, मूड स्विंग और हार्मोनल असंतुलन को यह संतुलित करता है. साथ ही, अगर आप वजन कम करने की सोच रहे हैं, तो हल्दी वाला दूध आपके मेटाबॉलिज्म को तेज करता है और चर्बी घटाने में मदद करता है.
कब पीएं हल्दी वाला दूध?
चरक संहिता में इसे पीने का सबसे सही वक्त रात को सोने से करीब 30 मिनट पहले का है. ध्यान रखें कि खाली पेट हल्दी वाला दूध न पिएं. भोजन कर लेने के बाद इसका सेवन करें. योग या प्राणायाम के बाद हल्दी वाला दूध पीना बेहद फायदेमंद होता है.
सोने से पहले हल्दी वाला दूध पीना आपके समग्र स्वास्थ्य के लिए एक साधारण लेकिन अविश्वसनीय रूप से प्रभावी आदत हो सकती है. यह न केवल आपको गहरी और अच्छी नींद लेने में मदद करेगा, बल्कि डिप्रेशन, तनाव, हड्डियों की समस्याओं और कमज़ोर इम्यूनिटी जैसी कई बीमारियों से भी राहत दिलाएगा. अपनी रात की दिनचर्या में इस 'गोल्डन मिल्क' को शामिल करें और इसके ज़बरदस्त फायदों का अनुभव करें.
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Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान और जागरूकता के उद्देश्य से है. प्रत्येक व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति और आवश्यकताएं अलग-अलग हो सकती हैं. इसलिए, इन टिप्स को फॉलो करने से पहले अपने डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.