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Tomato Fever का खतरा! बच्चों में तेजी से फैल रही यह बीमारी, जानिए इसके लक्षण और सावधानियां

टोमेटो फीवर एक वायरल संक्रमण है जो मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित कर रहा है. इसमें शरीर पर लाल गोल छाले बनते हैं, तेज बुखार और कमजोरी होती है. यह बीमारी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क और अस्वच्छ वातावरण के कारण फैलती है. समय पर इलाज, साफ-सफाई और पर्याप्त आराम से बच्चों को सुरक्षित रखा जा सकता है.

देश के कुछ राज्यों में बच्चों में तेजी से फैल रही एक नई बीमारी ने स्वास्थ्य विभाग और अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है. इस बीमारी को टोमेटो फीवर (Tomato Fever) कहा जा रहा है. इसके लक्षण छोटे बच्चों में अधिक देखे जा रहे हैं और यह बीमारी न केवल संक्रमण फैलाती है बल्कि समय पर इलाज न मिलने पर गंभीर रूप भी ले सकती है. इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि टोमेटो फीवर क्या है, यह कैसे फैलता है, इसके लक्षण क्या हैं, और बच्चों के लिए यह क्यों खतरे का कारण बन रहा है.

टोमेटो फीवर क्या है?

टोमेटो फीवर एक वायरल बीमारी है जो मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित कर रही है. इसका नाम इसलिए पड़ा क्योंकि बीमारी में बच्चों की त्वचा पर लाल और गोल छाले दिखते हैं, जो टमाटर जैसे आकार और रंग के होते हैं. यह आमतौर पर 1 से 5 वर्ष की उम्र के बच्चों में देखा जा रहा है.

यह बीमारी अधिकतर उन क्षेत्रों में फैल रही है जहाँ बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर है या स्वच्छता का ध्यान नहीं रखा जाता. डॉक्टरों का कहना है कि यह कोई नया वायरस नहीं बल्कि पहले से मौजूद संक्रमण का रूप हो सकता है जो मौसमी बदलाव और साफ-सफाई की कमी के चलते तेजी से फैल रहा है.

टोमेटो फीवर कैसे फैलता है?

टोमेटो फीवर मुख्य रूप से संक्रमण फैलने से होता है. इसके फैलने के मुख्य कारण हैं:

  • संक्रमित बच्चे के संपर्क में आने से
  • छींक, खांसने या लार के जरिए वायरस का फैलाव
  • गंदे हाथों से खाने-पीने की चीजें छूने से
  • खुले में खेलते समय संक्रमण का संपर्क
  • भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर बच्चों का संपर्क बढ़ना

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह बीमारी संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, खिलौने और अन्य चीजों के साझा उपयोग से भी फैल सकती है. इसलिए बच्चों को साफ-सफाई के बारे में जागरूक करना बेहद जरूरी है.

बच्चों में टोमेटो फीवर के लक्षण

टोमेटो फीवर के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 2 से 3 दिन बाद दिखाई देने लगते हैं. इनमें मुख्य हैं:

  • शरीर में कमजोरी और थकान
  • तेज बुखार आना
  • त्वचा पर लाल गोल छाले बनना, जो टमाटर की तरह दिखते हैं
  • जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द
  • शरीर में सूजन और जलन
  • भूख न लगना और बेचैनी
  • कभी-कभी उल्टी और दस्त जैसी समस्याएँ

लक्षण हल्के से गंभीर तक हो सकते हैं, इसलिए शुरुआती पहचान और इलाज जरूरी है.

बच्चों के लिए यह बीमारी क्यों खतरनाक है?

टोमेटो फीवर बच्चों के लिए खासतौर पर इसलिए खतरनाक माना जा रहा है क्योंकि: 

  • बच्चों की इम्यूनिटी वयस्कों की तुलना में कमजोर होती है
  • बुखार और संक्रमण से शरीर में पानी की कमी हो सकती है
  • त्वचा में जलन और संक्रमण से असुविधा बढ़ती है
  • सही इलाज न मिलने पर स्थिति गंभीर हो सकती है
  • संक्रमण अन्य बच्चों में तेजी से फैल सकता है
  • छोटे बच्चों में निर्जलीकरण और कमजोरी का खतरा बढ़ जाता है

डॉक्टरों की सलाह है कि माता-पिता लक्षण दिखते ही तुरंत चिकित्सा सहायता लें और बच्चों की देखभाल में विशेष ध्यान दें.   

इलाज और बचाव के उपाय

टोमेटो फीवर का कोई विशिष्ट एंटीवायरल इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों के आधार पर उपचार किया जाता है. इसमें मुख्य तौर पर:

  • पर्याप्त आराम देना
  • शरीर में पानी की कमी न होने देना
  • बुखार के लिए डॉक्टर द्वारा सुझाई दवाइयों का सेवन
  • त्वचा पर जलन कम करने के लिए हाइजीन का पालन करना
  • बच्चों के कपड़े और बर्तन अलग रखना
  • साफ-सफाई का ध्यान रखना और हाथ धोने की आदत डालना

इसके अलावा, अभिभावकों को बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने वाले भोजन, जैसे फल, सब्जियाँ और पर्याप्त नींद का ध्यान रखना चाहिए.

विशेषज्ञ क्या कह रहे हैं?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि टोमेटो फीवर किसी बड़े महामारी का रूप नहीं ले रहा, लेकिन बच्चों में तेजी से फैलने के कारण सतर्क रहना जरूरी है. डॉक्टरों ने अभिभावकों से अपील की है कि बिना घबराए, साफ-सफाई का पालन करें, बच्चों की दिनचर्या संतुलित रखें और लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करें.

टोमेटो फीवर बच्चों में तेजी से फैल रही एक संक्रमणजनित बीमारी है, जिसमें शरीर पर टमाटर जैसे लाल छाले बनते हैं. यह बीमारी मुख्य रूप से संक्रमित बच्चों के संपर्क और अस्वच्छ वातावरण के कारण फैलती है. बच्चों की कमजोर इम्यूनिटी के चलते यह बीमारी खतरनाक हो सकती है, लेकिन समय पर इलाज, पर्याप्त आराम और साफ-सफाई से इससे बचा जा सकता है. अभिभावकों को चाहिए कि वे सतर्क रहें, अफवाहों से बचें और बच्चों की सेहत का पूरा ध्यान रखें.

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