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द्विपुष्कर योग पर करें हनुमान पूजा और पाएं सुख, शांति और समृद्धि, जानें लाल रंग का बजरंगबली से कनेक्शन

भगवान हनुमान हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण देवता माने जाते हैं, जिनके बारे में मान्यता है कि हनुमान जी कलयुग में भी जीवित हैं और उनका जन्म मंगलवार के ही दिन हुआ था. इसलिए मंगलवार को हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस मंगलवार को एक ऐसा योग बन रहा है, जिसमें पूजन से हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है.

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23 Sep 2025
( Updated: 11 Dec 2025
01:59 PM )
द्विपुष्कर योग पर करें हनुमान पूजा और पाएं सुख, शांति और समृद्धि, जानें लाल रंग का बजरंगबली से कनेक्शन
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आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि पर मंगलवार को द्विपुष्कर योग का निर्माण हो रहा है. ये दिन हनुमान जी की कृपा पाने के लिए बेहद ही खास है. क्योंकि इस दिन सूर्य कन्या राशि में रहेंगे. वहीं, चंद्रमा सुबह के 2 बजकर 56 मिनट से शुरू होकर 24 सितंबर तक कन्या राशि में रहेंगे. इसके बाद तुला राशि में गोचर करेंगे.

द्रिक पंचांग के अनुसार, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 49 मिनट से शुरू होकर दोपहर के 12 बजकर 37 मिनट तक रहेगा और राहुकाल का समय दोपहर के 3 बजकर 15 मिनट से शुरू होकर 4 बजकर 46 मिनट तक रहेगा.

द्विपुष्कर योग कब और कैसे बनता है?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, द्विपुष्कर योग रविवार, मंगलवार या शनिवार को चंद्र तिथि यानी द्वितीया, सप्तमी या द्वादशी और चित्रा, स्वाति, या धनिष्ठा नक्षत्र के एक विशिष्ट संयोग से बनता है.

रामभक्त हनुमान का जन्म कब हुआ था?

इस योग में किए गए किसी भी शुभ कार्य का फल दोगुना प्राप्त होता है. इसलिए, द्विपुष्कर योग में शुभ कार्यों की शुरुआत करना लाभकारी होता है. इसी के साथ ही मंगलवार का दिन भी है, जो रामभक्त हनुमान और मंगल ग्रह को समर्पित है. स्कंद पुराण में उल्लेखित है कि बजरंगबली का जन्म भी मंगलवार को हुआ था. रामभक्त हनुमान को मंगल ग्रह के नियंत्रक के रूप में पूजा जाता है.

व्रत रखने से जुड़ी मान्यताएं

मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और हनुमान जी की विधि-विधान से पूजा करने से जीवन के कष्ट, भय और चिंताएं दूर हो जाती हैं. साथ ही, मंगल ग्रह से संबंधित बाधाएं भी समाप्त होती हैं.

कैसे करें हनुमान पूजन?

इस दिन विधि-विधान से पूजा करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करने के बाद पूजा स्थल को साफ करें. फिर एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और पूजा की सामग्री रखें और उस पर अंजनी पुत्र की प्रतिमा स्थापित करें. इसके बाद, सिंदूर, चमेली का तेल, लाल फूल और प्रसाद चढ़ाएं. हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ कर बजरंगबली की आरती करें. इसके बाद आरती का आचमन कर आसन को प्रणाम करके प्रसाद ग्रहण करें.

लाल रंग का भगवान हनुमान से कनेक्शन

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शाम को भी हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करना शुभ माना जाता है. मान्यता है कि लाल रंग मंगल ग्रह का प्रतीक है. इस दिन लाल कपड़े पहनना और लाल रंग के फल, फूल और मिठाइयां अर्पित करना शुभ माना जाता है. इस पावन दिन पर हनुमान जी की आराधना कर जीवन में सुख-समृद्धि और शांति की कामना करें.

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