Advertisement

संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए जितिया व्रत रखती हैं महिलाएं, बहुत है इसका महत्व, जानें नियम और सही पूजन विधि

सनातन धर्म में जितिया व्रत का बहुत खास महत्व होता है. पुराणों के अनुसार इस व्रत को संतान की लंबी आयु के लिए रखा जाता है. लेकिन ये व्रत रखने के लिए भी कई नियम होते हैं. जिनका पालन करना बेहद जरूरी होता है. अगर इस दौरान आप अनजाने में भी कुछ गलतियों को कर देते हैं तो आपका व्रत अधूरा रह सकता है.

14 Sep, 2025
( Updated: 10 Dec, 2025
04:55 AM )
संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए जितिया व्रत रखती हैं महिलाएं, बहुत है इसका महत्व, जानें नियम और सही पूजन विधि
AI Image

हर साल जितिया व्रत आश्विन मास में कृष्ण पक्ष की सप्तमी वृद्धा अष्टमी तिथि के दिन रखा जाता है. सनातन धर्म में इस व्रत का बहुत खास महत्व होता है. पुराणों के अनुसार इस व्रत को संतान की लंबी आयु के लिए रखा जाता है. लेकिन ये व्रत रखने के लिए भी कई नियम होते हैं. जिनका पालन करना बेहद जरूरी होता है. अगर इस दौरान आप अनजाने में भी कुछ गलतियों को कर देते हैं तो आपका व्रत अधूरा रह सकता है. ऐसे में आइए विस्तार से जानते हैं कि इस व्रत को करने के लिए महिलाओं को किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

जितिया व्रत का शुभ मुहूर्त
आज जितिया व्रत सुबह 8 बजकर 50 मिनट से शुरू हो जाएगा और इसका समापन अगले दिन यानी 15 सितंबर, सोमवार की सुबह 6 बजकर 35 मिनट पर किया जाएगा.

संतान की लंबी उम्र के लिए माताएं रखती हैं ये व्रत
आश्विन मास की कृष्ण पक्ष सप्तमी तिथि को जितिया व्रत का नहाय-खाय होता है. इस साल यह तिथि 13 सितंबर, शनिवार को पड़ रही है. वहीं अष्टमी तिथि 14 सितंबर, रविवार को सुबह 8 बजकर 50 मिनट पर शुरू होगी. ऐसे में 13 सितंबर को ही नहाय-खाय रखा जाएगा. इस दिन महिलाएं नदी या तालाब में स्नान करती हैं और फिर सरसों के तेल की खल को झिमनी के पत्तों पर रखकर भगवान जीमूतवाहन की पूजा करती हैं. पूजा के बाद वह तेल अपनी संतान के सिर पर लगाती हैं ताकि बच्चों को आशीर्वाद और सुरक्षा मिल सके..

यह भी पढ़ें

निर्जला व्रत का है बड़ा महत्व
आज सूर्योदय से पहले ब्रह्म मुहूर्त में जितिया ओठगन होगा. इसमें व्रत रखने वाली विवाहित महिलाएं चूड़ा, दही समेत कई प्रकार के स्वादिष्ट भोजन तैयार करती हैं. उसके बाद अपने शरीर को दरवाजे से टिकाकर पानी पीती हैं. माना जाता है कि ऐसा करने से भाइयों की आयु में वृद्धि होती है और ओठगन के बाद महिलाओं का व्रत शुरू हो जाता है और इस व्रत में महिलाएं पानी तक नहीं पीती हैं.

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
‘ना Modi रूकेंगे,ना Yogi झुकेंगे, बंगाल से भागेंगीं ममता, 2026 पर सबसे बड़ी भविष्यवाणी Mayank Sharma
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें