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ईरान और अफगानिस्तान से सटे बलूचिस्तान को क्या योगी बनाएंगे हिंदू राष्ट्र?

बलूच लिबरेशन आर्मी पाकिस्तानी फौज को मौत के घाट उतार रही है. 6 महीनों में 284 पाक सैनिक मारे गए हैं. हालांकि, अपनी इसी जंग में बलूचिस्तान भारत को उम्मीद भरी नजरों से देखता है. बलूचिस्तान में ही हिंदुओं की सबसे बड़ी देवी माँ हिंगलाज शक्ति पीठ विद्यमान है, जिस कारण यूपी का नाथ संन्यासी भी बलूचिस्तान में दिलचस्पी रखता है. ऐसे में क्या माँ हिंगलाज के एक बुलावे पर नाथ संन्यासी योगी बाबा पूरे बलूचिस्तान को हिंदू राष्ट्र बनाने की ताकत रखते हैं? इसी पर देखिए हमारी आज की ये स्पेशल रिपोर्ट.

10 Jul, 2025
( Updated: 10 Jul, 2025
06:24 PM )
ईरान और अफगानिस्तान से सटे बलूचिस्तान को क्या योगी बनाएंगे हिंदू राष्ट्र?

ईरान-अफगानिस्तान से सटा बलूचिस्तान, जिसे पाकिस्तानी हुकूमत और पाकिस्तानी आर्मी माथे का झूमर बताती है, आज वहीं झूमर उनका सबसे बड़ा सिरदर्द बना हुआ है. खुद के लिए आज़ादी की मांग कर रहे बलूचिस्तान ने सिर पर कफ़न बांधकर लड़ना शुरू कर दिया है और इसी लड़ाई में बलूच लिबरेशन आर्मी पाकिस्तानी फौज को मौत के घाट उतार रही है. 6 महीनों में 284 पाक सैनिक मारे गए हैं. हालांकि, अपनी इसी जंग में बलूचिस्तान भारत को उम्मीद भरी नजरों से देखता है और बलूचिस्तान में ही हिंदुओं की सबसे बड़ी देवी माँ हिंगलाज शक्ति पीठ विद्यमान है, जिस कारण यूपी का नाथ संन्यासी भी बलूचिस्तान में दिलचस्पी रखता है. ऐसे में क्या माँ हिंगलाज के एक बुलावे पर नाथ संन्यासी योगी बाबा पूरे बलूचिस्तान को हिंदू राष्ट्र बनाने की ताकत रखते हैं? इसी पर देखिए हमारी आज की ये स्पेशल रिपोर्ट.

बलूचिस्तान, जिसका पाकिस्तान में रहकर दम घुटता है, अब खुद के लिए आज़ादी मांग रहा है. और ये मांग अभी की नहीं, बल्कि 77 साल पुरानी है. आज भले ही पाक आर्मी चीफ असीम मुनीर बलूचिस्तान को पाकिस्तान के माथे का झूमर बताते हैं, लेकिन झूमर की रोशनी को कभी रोशन नहीं होने दिया. पाकिस्तानी हुकूमत ना ही बलूच लोगों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया करा पाई और ना ही एक उज्जवल भविष्य. इसके उलट, बलूचिस्तान के लोग खुद के प्राकृतिक संसाधनों का उपभोग नहीं कर सकते हैं, ना ही सरकारी उच्च पदों पर आसीन हो सकते हैं. ना ही उन्हें धार्मिक स्वतंत्रता है और ना ही खुद के साथ होने वाले अत्याचार के खिलाफ बोलने की आज़ादी.

इन्हीं कारणों के चलते समूचा बलूचिस्तान पाकिस्तान से आज़ादी की मांग कर रहा है. एक लंबे समय से बलूच लिबरेशन आर्मी का पाक आर्मी के साथ खूनी संघर्ष चल रहा है. ताज़ा आंकड़े कहते हैं कि पिछले 6 महीनों में बलूच आर्मी के हमलों में 284 पाक सैनिक मारे गए हैं. बलूच लोग खुद की स्वतंत्रता का ऐलान कर चुके हैं. बाकायदा मोदी सरकार से दिल्ली में बलूच दूतावास खोलने की इजाजत भी मांगी है और विश्व पटल पर यूएन से खुद के लिए एक अलग देश की मान्यता देने की मांग की है.

इन्हीं सब को देखते हुए बलूचिस्तान में भारत की दिलचस्पी समझ आती है. लेकिन यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ही बलूचिस्तान का उद्धार करेंगे, इसकी चर्चा चारों तरफ है. इसके पीछे का कारण है नाथ संप्रदाय की कुलदेवी माँ हिंगलाज शक्ति पीठ.

बलूचिस्तान की दुर्गम पहाड़ियों में विद्यमान 51 शक्तिपीठों में शुमार माँ हिंगलाज का धाम, जिसके लिए कहा जाता है—हिंगलाज में तुम्हीं भवानी, महिमा अमित न जात बखानी. माँ हिंगलाज भवानी के दर्शन करने की परंपरा आदिकाल से चली आ रही है. यहीं पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम पहुँचे. यहीं पर भगवान परशुराम के पिता ने घोर तप किया और यहीं पर गुरु गोरखनाथ से लेकर दादा मखान और गुरु नानक ने तप साधना की. यहाँ शक्ति का जागृत रूप स्थापित है, जिस कारण कट्टरपंथी ताकतें भी इस मंदिर को चोट पहुँचाने से कतराते हैं.

यहाँ के बलोच जो धर्म से मुस्लिम हैं, लेकिन खुद को माँ के भक्त भी मानते हैं. इसी के चलते बलूच लोग माँ हिंगलाज शक्तिपीठ को बलूचिस्तान का रक्षक मानते हैं. और इन्हीं रक्षक देवी के भक्त नाथ संप्रदाय से आने वाले नाथ संन्यासी यूपी के योगी बाबा भी हैं. अपने इंटरव्यू में योगी बाबा कई दफा बलूचिस्तान की हिंगलाज शक्तिपीठ का ज़िक्र कर चुके हैं. अपनी कुलदेवी के प्रति उनकी गहरी आस्था को पूरी दुनिया ने देखा है. इन्हीं कारणों के चलते बलूचिस्तान इस नाथ संन्यासी में खुद का मसीहा देखता है.

अमूमन यह माना जाता है कि अगर बलूचिस्तान पाकिस्तान से आज़ादी पाने में कामयाब हो जाएगा, तो फिर भारत के 100 करोड़ हिंदुओं के लिए माँ हिंगलाज मंदिर के द्वार खुल जाएँगे. क्योंकि तब ना ही पाकिस्तानी वीज़ा की ज़रूरत पड़ेगी और ना ही पाकिस्तानी आर्मी राह का रोड़ा बन पाएगी. हालांकि, एक सच्चाई यह भी है कि बलूचिस्तान भारत से कोई सीमा साझा नहीं करता है. पाकिस्तान का यह सबसे बड़ा प्रांत सिर्फ ईरान और अफगानिस्तान से सटा हुआ है.

गौर करने वाली बात यह है कि सिर्फ समुद्र के रास्ते ही भारत से डायरेक्ट बलूचिस्तान पहुँचा जा सकता है. माना तो यही जाता है कि माँ हिंगलाज के एक बुलावे पर यूपी का यही नाथ संन्यासी पूरे बलूचिस्तान को हिंदू राष्ट्र बनाने की ताकत रखता है. क्योंकि योगी की कर्णी और करनी में फर्क नहीं है और वे खुद भी हिंदू राष्ट्र के सबसे बड़े पैरोकार हैं.

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