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गोस्वामी समाज के विरोध के बीच क्या बन पाएगा बाँके बिहारी कॉरिडोर ? बड़ी भविष्यवाणी

बांके बिहारी कॉरिडोर मामले में लड़ाई सरकार बनाम गोस्वामी बन चुकी है..ऐेसे में क्या योगी की ताक़त बना पाएगी वृंदावन की कुंज गलियों में दिव्य बाँके बिहारी धाम का भव्य कॉरिडोर ?

25 Jun, 2025
( Updated: 04 Dec, 2025
03:43 AM )
गोस्वामी समाज के विरोध के बीच क्या बन पाएगा बाँके बिहारी कॉरिडोर ? बड़ी भविष्यवाणी

वृंदावन यमुना किनारे बसा वह पवित्र धाम, जिसके कण-कण में कृष्ण की लीलाएं समाई हैं. यहां स्थित बांके बिहारी मंदिर न केवल मथुरा, बल्कि पूरे भारतवर्ष के कृष्ण भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है. यही एकमात्र स्थान है जहां श्रद्धालुओं को राधा रानी और कृष्ण मुरारी के एक साथ साक्षात दर्शन होते हैं. बांके बिहारी ठाकुर जी की स्वयंभू मूर्ति के प्रति श्रद्धा इतनी अटूट है कि भक्तों का विश्वास है  एक झलक मात्र से सभी कष्ट पलभर में दूर हो जाते हैं। यही कारण है कि मंदिर में प्रतिदिन आने वाली भक्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. लेकिन यह बढ़ती भीड़ अब भक्तों के लिए ही संकट का कारण बन चुकी है. वृंदावन की कुंज गलियां, जो कभी शांत और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरी होती थीं, अब बेतहाशा भीड़ के कारण तंग और असुरक्षित गलियों में तब्दील हो चुकी हैं. बीते कुछ वर्षों में हादसों की घटनाएं इस बात का प्रमाण हैं कि व्यवस्था में बदलाव की आवश्यकता है.

इसी चुनौती को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘बांके बिहारी कॉरिडोर’ को अपने ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में आगे बढ़ाने की घोषणा की है. यह कॉरिडोर न केवल भक्तों की सुविधा को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है, बल्कि इसका उद्देश्य मंदिर क्षेत्र को सुरक्षित, सुव्यवस्थित और आधुनिक आधारभूत ढांचे से जोड़ना है. जहां एक ओर सरकार इसे श्रद्धालुओं की सहूलियत और सुरक्षा से जोड़ रही है, वहीं गोस्वामी समाज इस परियोजना का कट्टर विरोध कर रहा है. गोस्वामी समुदाय का मानना है कि कॉरिडोर का निर्माण मंदिर की परंपरा, पवित्रता और सांस्कृतिक विरासत के खिलाफ है. विरोध इतना गहरा है कि अब यह मुद्दा सरकार बनाम गोस्वामी समाज की सीधी लड़ाई में तब्दील हो गया है. मंदिर प्रांगण में किसी भी बड़े परिवर्तन को अस्वीकार्य बताते हुए गोस्वामी समाज ने साफ कर दिया है कि वे किसी भी कीमत पर यह कॉरिडोर बनने नहीं देंगे.सवाल यही है कि क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी प्रशासनिक इच्छाशक्ति और राजनीतिक प्रभाव से इस विवाद को हल कर पाएंगे? क्या वृंदावन की कुंज गलियों में भक्तों को राहत देने वाला भव्य कॉरिडोर बन पाएगा? या यह योजना भी विरोध की भेंट चढ़ जाएगी? इसी मुद्दे पर प्रसिद्ध संत स्वामी यो ने की है एक ऐतिहासिक भविष्यवाणी. उनका मानना है कि यह संघर्ष केवल विकास बनाम आस्था नहीं है, बल्कि आने वाले समय में धार्मिक धरोहरों के पुनर्संरचना की दिशा तय करने वाला निर्णय साबित होगा. देखिए पूरा विश्लेषण और स्वामी यो की भविष्यवाणी, नीचे दिए गए वीडियो में.

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