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कल्कि धाम के रास्ते क्या 2029 में क्या नितिन गडकरी की होगी ताजपोशी?

024 में देश ने मोदी 3.0 को देखा और अब जब आगे 2029 का चुनाव है, जिसमें एक बार फिर देश की नेतृत्व शक्ति चुनी जाएगी और जब ये सब होगा, उसी वक़्त कल्कि धाम मंदिर का उद्धाटन भी होगा. ऐसे में आज की डेट में केंद्रिय मंत्री नितिन गड़करी को कल्कि धाम आने का न्यौता मिलना, क्या ये उनके पीएम बनने का संकेत है ? देश की नियती में अब किसकी नेतृत्व शक्ति लिखी है, जिसका शुभारंभ कल्कि धाम के रास्ते होना है. इसी पर देखिये हमारी ये ख़ास रिपोर्ट.

01 Jul, 2025
( Updated: 01 Jul, 2025
04:44 PM )
कल्कि धाम के रास्ते क्या 2029 में क्या नितिन गडकरी की होगी ताजपोशी?

श्री कल्कि धाम मंदिर की आधारशिला रखी जा चुकी है. 5 एकड़ परिसर में 11 फीट ऊंचे चबूतरे पर मंदिर का निर्माण, आसमान को छूते 108 फ़ीट ऊँचे शिखर और 68 तीर्थों की स्थापना यानी की मंदिर निर्माण से प्रभु कल्कि की भव्य, दिव्य और नव्य नगरी बसाई जा रही है. समूचे विश्व में ये पहला ऐसा तीर्थस्थल होगा, जहां भगवान के अवतरित होने से पहले ही उनकी मूर्ति को स्थापित किया जाएगा यानी की भगवान कल्कि की दिव्य प्रतिमा विराजमान होगी .अब जो कि कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम अनुसार, मंदिर का निर्माण कार्य आने वाले साढ़े चार सालों में पूर्ण हो जाएगा, इस कारण क्या भगवान कल्कि के विराजते ही देश की सत्ता पर एक नये चेहरे की ताजपोशी होगी ? ….आज ये सवाल इसलिए उठा है कि क्योंकि  22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पीएम मोदी के हाथों हुई और फिर 23 दिन बाद 14 फ़रवरी को कल्कि धाम मंदिर का शिलान्यास पीएम मोदी के हाथों हुआ, जिसे देखते हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पीएम मोदी को कलियुग और सत्युग का सेतु करार दिया. 2024 में देश ने मोदी 3.0 को देखा और अब जब आगे 2029 का चुनाव है, जिसमें एक बार फिर देश की नेतृत्व शक्ति चुनी जाएगी  और जब ये सब होगा, उसी वक़्त कल्कि धाम मंदिर का उद्धाटन भी होगा . ऐसे में आज की डेट में केंद्रिय मंत्री नितिन गड़करी को कल्कि धाम आने का न्यौता मिलना, क्या ये उनके पीएम बनने का संकेत है ? देश की नियती में अब किसकी नेतृत्व शक्ति लिखी है , जिसका शुभारंभ कल्कि धाम के रास्ते होना है.

देश का एक चाय वाला जब देश का प्रधानमंत्री बन सकता है और वो भी तीन दफ़ा, तो क्या देश का हाईवे मैन देश का अगला पीएम नहीं बन सकता है ? एक मराठी ब्राह्मण परिवार में जन्में नितिन गडकरी पेशे से एक सफल बिज़नस मैन होने के साथ-साथ वकील भी है, लेकिन समाज सेवा के प्रति उनकी ईमानदार छवि और कर्मठता ने उन्हें राजनीति के शिखर पर पहुँचाया. 49 वर्षों के अपने राजनीतिक करियर में नितिन गड़करी ने ना सिर्फ़ फ्लाईओवर मैन बनकर महाराष्ट्र को चमकाया. पार्टी की प्रत्येक ज़िम्मेदारी को बख़ूबी निभाया. 52 की उम्र में भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त हुए.नागपुर सीट से जीत का परचंम लहराया. पिछले 12 सालों से बतौर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री बनकर देश को ऐसा चमकाया कि आज की डेट में एक्सप्रेसवे मैन ऑफ इंडिया बने हुए हैं और आज जब इसी एक्सप्रेसवे मैन को कल्कि धाम आने का न्यौता मिला, तो राजधानी दिल्ली तक हलचल मच गई.

इन दिनों राष्ट्रीय राजमार्ग 9 पर अमरोहा के जोया से सैदनगली मार्ग पर ग्राम एचोड़ा कम्बोह में कल्कि धाम का निर्माण चल रहा है.इसी के चलते बीते दिनों कल्किपीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम की नितिन गड़करी से मुलाक़ात हुई और इसी मुलाक़ात में कल्कि पीठाधीश्वर ने गडकरी जी को कल्कि धान आने का न्यौता दिया और इसी के साथ गडकरी ने भी जल्द ही कल्कि धाम आने का आश्वासन दिया. भले ही ये एक औपचारिक मुलाक़ात हो, लेकिन हम सभी जानते हैं कि 2029 चुनाव के ईद-गिर्द ही कल्कि धाम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा होगा …और एक बार फिर 2024 वाली पिक्चर देखने को मिलेगी, लेकिन अबकी बार की पिक्चर में नेतृत्व चेहरा बदल जा सकता है. आज भी पीएम मोदी के बाद प्रधानमंत्री के तौर पर जनता के पसंदीदा चेहरों में अगर एक नाम योगी बाबा है, तो इसी कड़ी में नितिन गडकरी को भी देखा जाता है. हालाँकि गडकरी जी की दिल्ली आने में कोई दिलचस्प नहीं है, क्योंकि दिल्ली में उन्हें संक्रमण का ख़तरा दिखता है..वो ख़ुद ये कहते हैं…

दिल्ली नहीं आना चाहते हैं…बढ़ते प्रदूषण के चलते दिल्ली नहीं जाना चाहता हूँ, दिल्ली का दौरा करने पर अक्सर संक्रमण हो जाता है.हर बार दिल्ली आता हैं, तो ऐसा लगता है जाना ही नहीं चाहिए, इतना भयंकर प्रदूषण है.अगर आप दिल्ली में तीन दिन रह लें, तो संक्रमण हो जाएगा.

हालाँकि पार्टी द्वारा दिये गये हर एक कार्य को वो ज़िम्मेदारी के साथ करेंगे, ऐसा भी उनका कहना है…ख़ुद ये बोलते हैं कि अभी जो हुआ है, वो तो न्यूज़ रील थी, असली फ़िल्म शुरु होना बाक़ी है.किसी कार्यकर्ता की क्या ज़िम्मेदारी होगी और वह क्या काम करेगा, यह पार्टी तय करती है.मुझे जो भी ज़िम्मेदारी दी जाएगी, मैं उसे पूरा करूँगा.मैंने कभी अपना राजनीतिक बायोडेटा प्रकाशित नहीं किया है और न ही कभी समर्थकों से हवाई अड्डों पर उनके लिए भव्य स्वागत कार्यक्रम आयोजित करने के लिए कहा है.

2013 में ही देश के संत समाज ने चिमटा बजा कर एक सुर में मोदी नाम लिया और आज मोदी नाम भारत का स्वाभिमान बन चुका है…नियति में क्या लिखा है, समय से पहले बता पाना नामुमकिन है, लेकिन घटनाक्रम को देखते हुए क़यास ज़रूर लगाए जा सकते हैं, आज अगर नितिन गडकरी को कल्कि धाम से बुलावा आया है, तो इसके पीछे भी नियति ने कोई नई पटकथा ज़रूर लिखी होगी.

 

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