प्रभु जगन्नाथ की तीसरी सीढ़ी पर PM Modi पैर क्यों नहीं रखते हैं ?
चार धाम में से एक प्रभु जगन्नाथ की ये निराली दुनिया अनेकों रहस्यों से बंधी हुई है। आज तक यहाँ की हिस्ट्री एक मिस्ट्री बनी हुई है।सिंह द्वार से प्रवेश करते ही समुद्र की लहरों की आवाज़ कहां घुम हो जाती है। प्रतिमा में मौजूद ब्रह्म पदार्थ किसका धड़कता हददय है और नील चक्र के पास मंदिर का शिखर ध्वज हवा के विपरीत ही क्यों लहराता है ? इन चमत्कारों के जवाब दुनिया के किसी भी वैज्ञानिक के पास नहीं है और इसी कड़ी में मंदिर से जुड़ा एक रहस्य ऐसा है, जिसका संबंध यमलोक के राजा यमराज से जुड़ा है।

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हर किसी के मन में धरती के बैकुंठ लोक जगन्नाथपुरी में आकर महाप्रभु के दर्शन करने की इच्छा होती है।और इस कड़ी में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कही पीछे नहीं है। धार्मिक प्रवृत्ति के हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी महाप्रभु की भक्ति से ख़ुद को दूर नहीं रख पाते हैं । बतौर मुख्यमंत्री मोदी जी गुजरात में हर साल अहमदाबाद में निकाली जाने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा में हमेशा शामिल होते थे।और जब गुजरात से दिल्ली पहुँचे,केंद्र की सत्ता तक पहुँचे ।जगन्नाथपुरी जाकर महाप्रभु के साक्षात दर्शन करना कभी नहीं भूले।बतौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब साल 2016 में जगन्नाथ पुरी पहुँचे , तब उन्होंने पूरे विधि-विधान के साथ प्रभु जगन्नाथ की पूजा अर्चना की। सुबह के 10:55 से लेकर 11 .40 बजे तक प्रभु जगन्नाथ के दर्शन किये। इन दौरान पुरी की जनता ने भी उनका भव्य स्वागत भी किया था और अब जब देश में लोकतंत्र का महापर्व मनाया जा रहा है ।2024 का लोकसभा चुनाव लड़ा जा रहा है, ऐसे में चुनाव प्रचार के लिए पीएम मोदी आज प्रभु जगन्नाथ की दुनिया में पहुँचे।मोदी-मोदी के नाम से जगन्नाथ धाम गूंज उठा , आज पाँचवें चरण की वोटिंग के बीच पुरी में पीएम मोदी का रोड शो निकाला गया।हालाँकि अपने दिन की शुरुआत पीएम मोदी ने प्रभु जगन्नाथ के दर्शन-पूजन से की। जैसे ही पीएम मोदी मंदिर परिसर से बाहर निकले, उनकी एक झलक पाने के लिए लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा।जय जगन्नाथ का नारा देकर कमल के खिलने की भविष्यवाणी होने लगी।लेकिन इन सबके बीच, जगन्नाथ मंदिर की तीसरी सीढ़ी का रहस्य भी चर्चा में रहा। जी हैं, आपको ये जानकर हैरानी होगी कि, जब-जब पीएम मोदी प्रभु जगन्नाथ के दर्शने के लिए उनके धाम पहुँचे, मंदिर के मुख्यद्वार की नीचे से ऊपर की तरफ़ की तीसरी सीढ़ी पर कदम रखना तो दूर ,उसे आज तक छुआ तक नहीं । यानी सिंह द्वार से सटी 22 सीढ़ियों में से तीसरी सीढ़ी पर पीएम मोदी ने आज भी अपना पैर नहीं रखा और इसके पीछे की वजह क्या है? क्या है जगन्नाथ मंदिर की तीसरी सीढ़ी का सबसे बड़ा रहस्य ?
चार धाम में से एक प्रभु जगन्नाथ की ये निराली दुनिया अनेकों रहस्यों से बंधी हुई है। आज तक यहाँ की हिस्ट्री एक मिस्ट्री बनी हुई है।सिंह द्वार से प्रवेश करते ही समुद्र की लहरों की आवाज़ कहां घुम हो जाती है। प्रतिमा में मौजूद ब्रह्म पदार्थ किसका धड़कता हददय है और नील चक्र के पास मंदिर का शिखर ध्वज हवा के विपरीत ही क्यों लहराता है ? इन चमत्कारों के जवाब दुनिया के किसी भी वैज्ञानिक के पास नहीं है और इसी कड़ी में मंदिर से जुड़ा एक रहस्य ऐसा है, जिसका संबंध यमलोक के राजा यमराज से जुड़ा है।
मंदिर के मुख्य द्वार यानी सिंह द्वार से सटी 22 सीढ़ीयों में से नीचे से ऊपर की ओर आती तीसरी सीढ़ी पर कोई भी भक्त कदम नहीं रखता है।भक्त भूल वश इस पर पैर न रखे, इसके लिए इस तीसरी सीढ़ी को अन्य सीढ़ियों की तुलना में काला रंग किया हुआ है..और इसी सीढ़ी पर यमशिला मौजूद है।कहते हैं.महाप्रभु के दर्शनों के बाद इस तीसरी सीढ़ी पर पैर रखने की मनाही है।ऐसा इसलिए क्योंकि व्यक्ति के पुण्य उसी वक़्त क्षीण हो जाते हैं, इसके पीछे की पौराणिक मान्यता ये कहती है ।
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जब भगवान जगन्नाथ के दर्शन कर लोग पाप मुक्त होने लगे थे. ये देखकर यमराज भगवान जगन्नाथ के पास पहुंचे और कहा, भगवन आपने पाप मुक्ति का ये बहुत ही सरल उपाय बता दिया है।लोग आपके दर्शन कर बड़ी ही आसानी से पाप मुक्त होने लगे और कोई भी यमलोक नहीं आता है। यमराज जी की ये बात सुनकर भगवान जगन्नाथ ने कहा कि, आप मंदिर के मुख्य द्वार की तीसरी सीढ़ी पर अपना स्थान ग्रहण करें जो 'यम शिला' के रूप से जाना जाएगा। जो कोई भी मेरे दर्शन के बाद उस शिला पर पैर रखेगा उसके सारे पुण्य क्षीर्ण हो जाएंगे और उन्हें यमलोक जाना पड़ेगा।
यमराज को दिये अपने इस वचन से अब जो कि प्रभु जगन्नाथ भी बंधे हुए हैं।इस कारण पूरी दुनिया महाप्रभु के दर्शन तो करती है, लेकिन दर्शनों के उपरांत मुख्य द्वार की तीसरी सीढ़ी पर उतरते समय पैर नहीं रखती है । और यही कारण है कि पीएम मोदी भी तीसरी सीढ़ी को छूते तक नहीं है।