आरएसएस हेडक्वार्टर में पीएम मोदी के आगे किसका नाम लिया गया ?
योगी ख़ुद को PM रेस से बाहर बताते हैं..अमित शाह मोदी में 2029 के बाद का भी फ्यूचर देखते हैं…तो ऐसे में मोदी का असल वारिस कौन है, जिसका नाम विपक्षी ताक़तों की ज़ुबान पर है…. क्या RSS ने ढूँढ निकाला है, मोदी का उत्तराधिकारी ?? देखिये इस प हमारी ये ख़ास रिपोर्ट

पीएम मोदी के दिल्ली आने की भविष्यवाणी हो..या फिर मठाधीश को मठ से उठाकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाने की भविष्यवाणी। धर्म ज्ञान पर पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के संदर्भ में की गई राष्ट्रभक्त विश्व विख्यात सुदर्शनचक्र ज्योतिषाचार्य श्री संत बेत्रा अशोका जी की भविष्यवाणी सत्यता की कसौटी पर 100 फ़ीसदी खरी उतरी। साल 2014 से लेकर अब तक, राजनीति के इन दो महारथियों को लेकर संत बेत्रा अशोका जी की ज़ुबान से जो कुछ भी निकला, उसे दुनिया ने वर्तमान में होता देखा। बीते दिनों पीएम मोदी आरएसएस हेडक्वार्टर नागपुर क्या पहुँचे, एक बार फिर उनके वारिस को लेकर राजनीतिक बाज़ार गर्म हो उठा। अबकी बार पीएम मोदी के ही धुर विरोधी संजय रावत ने देश के अगले मोदी को लेकर सांकेतिक भविष्यवाणी कर डाली है। योगी ख़ुद को PM रेस से बाहर बताते हैं। अमित शाह मोदी में 2029 के बाद का भी फ्यूचर देखते हैं। तो ऐसे में मोदी का असल वारिस कौन है, जिसका नाम विपक्षी ताक़तों की ज़ुबान पर है।
21 नवंबर 2021।इस तारीख़ को भुला पाना मुश्किल है। क्योंकि इसी तारीख़ में सीएम योगी आदित्यनाथ के ट्विटर हैंडल से दो ऐसी तस्वीर ट्वीट की गई , जिसे देख भारत के दुश्मन जल भुन गये। योगी बाबा के कंधे पर पीएम मोदी का हाथ। और साथ-साथ चलते राजनीति के दो महारथी। और योगी बाबा को कुछ समझाते हुए पीएम मोदी का निराला अंदाज। इन्हीं तस्वीरों के साथ सीएम योगी ने लिखा था। हम निकल पड़े हैं प्रण करके ,अपना तन-मन अर्पण करके, जिद है एक सूर्य उगाना है ,अम्बर से ऊँचा जाना है, एक भारत नया बनाना है।उसी दिन से पूरे देश में इस बात का हल्ला हो गया कि रिटायरमेंट से पहले पीएम मोदी ने योगी को अपना उत्तराधिकारी चुन लिया है।जबकि 2021 से पहले ही श्री संत बेत्रा अशोका जी ने अपनी भविष्यवाणी में 2030 के बाद योगी बाबा को हिंदू राष्ट्र का प्रथम पीएम बताया।
श्री संत बेत्रा अशोका जी की यही भविष्यवाणी अब ख़तरे में नज़र आने लगी है। क्योंकि एक न्यूज़ चैनल को दिये इंटरव्यू में ख़ुद सीएम योगी ने ये बात कही है कि।मैं कोई वारिस नहीं, एक योगी हूं,।दिल्ली की बजाए गोरखपुर जाने की दिलचस्पी दिखाई है। इस बीच पीएम मोदी के उत्तराधिकारी को लेकर अटकलें उस वक़्त तेज़ हुईं, जब पीएम मोदी संघ मुख्यालय के दौरे पर नागपुर पहुँचे। कार्यक्रम था, आरएसएस के संस्थापकों को श्रद्धांजलि देने का। लेकिन इस मौक़े पर एक नये मोदी को खोजा जाने लगा।इसके पीछे के कारण भी ठोस हैं। बतौर प्रधानमंत्री मोदी जी अपने 11 साल के कार्यकाल में पहली दफ़ा संघ मुख्यालय नागपुर पहुँचे थे। इससे पहले 2014 का चुनाव लड़ने से पहले उन्हें 2013 में नागपुर बुलाया गया, तब गुजरात के मुख्यमंत्री पद की ज़िम्मेदारी सँभाले हुए थे। ये बात किसी से छिपी नहीं है कि भाजपा के प्रधानमंत्री उम्मीदवारों की जड़े संघ से जुड़ी रही हैं। अटल जी हो या फिर आज के मोदी जी, दोनों का ही अतीत RSS से जुड़ा है। हालाँकि संघ सूर्त्रों की मानें, तो इन अटकलों में कोई सच्चाई नहीं है। पीएम मोदी अपना तीसरा कार्यकाल भी पूरा करेंगे। अगर उनका स्वास्थ्य सही रहा तो वह आगे भी राजनीति में नेतृत्व करेंगे। हालाँकि पीएम मोदी के बाद कौन? इसकी भी तलाश जारी है..और इसी तलाश में शिवसेना नेता संजय राउत ने एक चेहरा महाराष्ट्र से बताया है। पीएम मोदी के नागपुर दौरे पर टिप्पणी करते हुए संजय रावत ने भविष्य के मोदी की सांकेतिक भविष्यवाणी की है। उनका दावा है।
“प्रधानमंत्री के उत्तराधिकारी का चुनाव आरएसएस करेगी इसलिए मोदी को नागपुर बुलाया गया था, ताकि बंद दरवाजे में हुई बैठक में इस बात पर चर्चा हो सके।मोदी का उत्तराधिकारी महाराष्ट्र से आएगा।
मतलब साफ़ है कि PM रेस में एक और चेहरे की एंट्र और वो भी देवेंद्र फडणवीस। महाराष्ट्र में प्रचंड बहुमत दिलाने वाले फडणवीस का पिछला राजनीतिक रिकॉर्ड अच्छा रहा है, वहीं संघ के साथ उतनी ही गहरी उनकी नज़दीकियाँ हैं। भले ही इस वक़्त फडणवीस ख़ुद को पीएम रेस में ना देखें, 2029 के बाद भी देश में पीएम मोदी का नेतृत्व देखे जाने की इच्छा जता रहे हों, लेकिन सच तो यही है कि अब पीएम मोदी के उत्तराधिकारी उम्मीदवारों में एक नाम और बढ़ गया है। बहरहाल ।किस चेहरे में आपको मोदी का वारिस साफ़ दिखता है।