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महाकाल के दर पर अब किनको "पनिशमेंट" मिलेगी ?

जो कि उज्जैन नगरी में महाकाल अपने राजा रूप में विद्यमान है, जिस कारण राजा की मर्ज़ी के बग़ैर महाकालेश्वर आना इतना आसान नहीं है और अब तो महाकाल के दरबार में आपकी एक गुस्ताखी आपको भारी पड़ने वाली है. कालों के काल महाकाल के आगे अब किनको बख्शा नहीं जाएगा.

कॉरिडोर बन जाने से आज महाकालेश्वर धाम की भव्यता सातवें आसमान पर है.. 2019 में करोड़ों के क़ॉरिडोर की नींव रखी गई.दो चरणों में कार्य संपन्ना हुआ. 2022 में जैसे ही ही कॉरिडोर बनकर तैयार हुआ. महाकाल लोक की अलौलिक दुनिया की आभा को देखपूरी दुनिया पागल हो गई.आलम ये है कि पहले की तुलना में भक्तों की तादाद में दिन पर दिन इज़ाफ़ा होता जा रहा है.ऐसा कोई दिन नहीं, जब बाबा का दरबार भक्तों से ना पटा हो अपने आराध्य के प्रति महाकाल भक्तों का समर्पण ऐसा है कि मंदिर की दान पेटी सदैव करोड़ों की माया से खचाखच भरी रहती है. बाबा की भस्म आरती की एक झलक पाकर प्रत्येक शिव भक्त धन्य हो जाता है. जो कि उज्जैन नगरी में महाकाल अपने राजा रूप में विद्यमान है, जिस कारण राजा की मर्ज़ी के बग़ैर महाकालेश्वर आना इतना आसान नहीं है…और अब तो महाकाल के दरबार में आपकी एक गुस्ताखी आपको भारी पड़ने वाली है. कालों के काल महाकाल के आगे अब किनको बख्शा नहीं जाएगा.

ऐसा कोई देव नहीं, जो यहाँ आया नहीं और ऐसा कोई इंसान नहीं, जिसे महाकाल ने अपनाया नहीं. दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग रूप में विराजमान महाकाल का ये इकलौता ऐसा धाम है, जहां से इस समस्त सृष्टि का समय निर्धारित होता आया है. काल के स्वामी, महाकाल के इस दरबार मेंजो आता है, ख़ुद को धन्य समझता है. कालों के काल महाकाल की दुनिया, महाकाल लोक जिसकी भव्यता आज चरम पर है. कॉरिडोर बन जाने से महाकालेश्वर धाम की ऐसी तस्वीर बदली की आजपूरी दुनिया यहाँ खींची चली आ रही है.इसी भीड़ में अगर कोई महाकाल भक्त मोबाइल के साथ पकड़ा गया 
 महाकाल की गर्भगृह में मोबाइल का इस्तेमाल करता हुआ देखा गया. या फिर महाकाल के संग सेल्फ़ी खींचता हुए नज़र आया. उसके बाद उसकी खैर नहीं क्योंकि मंदिर प्रबंधन ने सुरक्षा को देखते हुए और धार्मिक माहौल बनाए रखने के लिए मंदिर परिसर में मोबाइल के उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है. अब अगर आप मंदिर परिसर में मोबाइल चलाते हुए दिखे, तो फिर आपके ख़िलाफ़ दंडात्मक कार्रवाई होगीयानी की किसी भी किमत पर बख्शे नहीं जाएँगे.

हालाँकि ऐसा नहीं है कि महाकाल मंदिर के भीतर पहले मोबाइल ले जाने की सुविधा थी..पहले से ही मोबाइल पर प्रतिबंध है लेकिन कर्मचारियों की लापरवाही के चलते चोरी छिपे लोग ना सिर्फ़ फ़ोन अपने साथ लेकर चले जाते हैं बल्कि मंदिर की गर्भगृह से रील और वीडियो बनाकर भी वायरल कर देते हैं. अब जो कि मंदिर प्रबंधन कमेटी की तरफ़ से श्रद्धालुओं को लॉकर सुविधा दी जाएगी। अब से मानसरोवर भवन, बड़ा गणपति के पास गेट नंबर-4, अवंतिका द्वार नंबर-1 पर लॉकर की सुविधा उपलब्ध होगी. आलम ये है कि लॉकर में मोबाइल जमा कराने पर संबंधित प्रक्रिया पूरी कर रसीद दी जाएगी, दर्शन करने के बाद श्रद्धालु यह रसीद को दिखाकर अपना मोबाइल वापस ले सकते हैं. अबकी बार मंदिर प्रशासन ने कही कोई लूप होल ना छोड़ते हुए मोबाइल यूज पर बैन लगाया है. हालाँकि सबसे बड़ी चुनौती ये भी है कि रोज़ाना 50 से 70 हज़ार श्रद्धालु बाबा के दर्शन करते हैं. इस हिसाब से रोज़ के 30 से 40 हजार मोबाइल रखने के लिए इतने लॉकर की उपलब्धता मंदिर प्रशासन करा पाएगी..क्योंकि मौजूदा समय में मंदिर प्रशासन के पास सीमित संख्या में ल़ॉकर हैं. भले ही फ़ोन बैन का फ़ैसला श्रद्घालु की सुरक्षा उनकी श्रद्धा और धार्मिक माहौल को बनाए रखने के चलते लिया गया है लेकिन से फ़ैसला भक्तों द्वारा कितना स्वीकारा जाएगा, अब ये देखना बाक़ी है. 

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