अखंड भारत का प्रथम राष्ट्रपति कौन बनेगा ? भविष्य मालिका पुराण की भविष्यवाणी
आज का भारत क्या अखंड भारत के पथ पर चल पड़ा है ?600 वर्ष पूर्व ताड़ के पत्तों पर लिखी गई भविष्य मालिका पुराण में अखंड भारत की तस्वीर क्या दर्ज है ? 2032 के बाद क्या अखंड भारत की तस्वीर दिखेगी और अगर दिखेगी तो अखंड भारत का प्रथम राष्ट्रपति कौन होगा ? इसको लेकर परम पूजनीय पंडित श्री काशी नाथ मिश्र जी का क्या कुछ कहना है.

1925 में अखंड भारत का सपना सबसे पहले आरएसएस ने देखा और आज यही सपना देश के 140 करोड़ भारतीय देख रहे हैं. ये जो शब्द है अखंड भारत इसका मतलब समझाते हुए वीर सावरकर ने कहा था. कश्मीर से रामेश्वरम तक और सिंध से असम तक संपूर्ण भारत है. आरएसएस के सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य भी यही मानते हैं कि अंग्रेजों के कब्जे और फिर पूरे भूभाग को बांट देने से पहले सालों तक हम लोग एक साथ थे, सांस्कृतिक रूप से एक-दूसरे से जुड़े थे क्योंकि हम सभी आध्यात्मिकता पर आधारित जीवन के बारे में समान दृष्टिकोण साझा करते थे. आज के दौर में जब-जब अखंड भारत का विचार आता है, तो दुनिया के नक़्शे पर अखंड भारत की सीमा अफगानिस्तान से लेकर पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार, तिब्बत, भूटान, नेपाल और अक्साई चिन तक दिखती है. आज के संघ प्रमुख मोहन भागवत के भाषणों में अखंड भारत की झलक नज़र आती है, खुलकर डंके की चोट पर 20 से 25 सालों में अखंड भारत के साकार होने की सांकेतिक भविष्यवाणी करते हैं. इतिहास को पढ़ा जाए, तो आर्यों के देश के रूप में माने जाने वाले भारत पर 2500 वर्षों में कई आक्रमण हुए. इन आक्रमणों ने भारतवर्ष से पाकिस्तान, बंगलादेश, नेपाल, भूटान, तिब्बत, श्रीलंका, म्यांमार, अफगानिस्तान, ईरान, तजाकिस्तान, बर्मा, इंडोनेशिया, ब्लूचिस्तान को अलग किया, इसी कड़ी में मलेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड, दक्षिणी वियतनाम, कंबोडिया जैसे देश भी आते हैं. ऐसे में इन सभी देशों को एक सूत्र में बांधने का समय अब क्या आ गया है. आज का भारत क्या अखंड भारत के पथ पर चल पड़ा है ? 600 वर्ष पूर्व ताड़ के पत्तों पर लिखी गई भविष्य मालिका पुराण में अखंड भारत की तस्वीर क्या दर्ज है ? 2032 के बाद क्या अखंड भारत की तस्वीर दिखेगी और अगर दिखेगी तो अखंड भारत का प्रथम राष्ट्रपति कौन होगा ? इसको लेकर परम पूजनीय पंडित श्री काशी नाथ मिश्र जी का क्या कुछ कहना है.