सनातन के रंग में रंगी कौन है ये मुस्लिम महिला जिसने महाकुंभ में डूबकी लगाकर सबको हैरान कर दिया ?
प्रयागराज के महाकुंभ की चर्चा जोरों शोरो से हो रही है। मुस्लिम देशों में सबसे ज्यादा महाकुंभ को अगर सर्च किया है तो वो है इस्लाम को मानने वाला पाकिस्तान। ऐसे भी कई लोग है जिन्होने न धर्म को गैर माना, न देश को गैर माना, महाकुंभ में शामिल होने आए उन्ही में से एक नाम है शबनम शेख का जिसकी चर्चा हर तरफ़ हो रही है।
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प्रयागराज में महाकुंभ शुरु हो चुका है ये महाकुंभ देश ही नही बल्कि विदेशी साधु-संतो के भी मिलन का मेला है दुनिया भर से लोग प्रयागराज के प्रसिद्ध मेले महाकुंभ में आस्था की डूबकी लगाने आ रहे है। महाकुंभ में सनातनीयों को किसी भी तरह की कोई ठेस न पहुंचे इस लिए महाकुंभ शुरु होने से पहले ही जूना अखाड़े के कुछ संतो ने ये मांग रखी की महाकुंभ के दौरान कोई भी ऐसा व्यक्ति नही आना चाहिए जो सनातन से न जूड़ा हो जिसके मन में महाकुंभ के प्रति आस्था न हो। ऐसे व्यक्ति का महाकुंभ में आना व्यर्थ है लेकिन धर्म से मुस्लिम और कर्म से सनातनी शबनम शेख ने महाकुंभ में आकर ऐसा क्या किया जिसे देख मुस्लिम देश संगम नगरी की तरफ दौड़े चले आ रहे हैं, क्या है ये पूरा मामला, देखिये इस पर हमारी ये खास रिपोर्ट।
आपने साल 2024 के राम मन्दिर प्राण प्रतिष्ठा में हिजाब पहनी मुस्लिम महिला के बारे में तो सुना ही होगा, जो पैदल चलकर ही मुंबई से अयोध्या पहुंच गई थी। ये युवती थी शबनम शेख लेकिन इस बार शबनम शेख ने प्रयागराज के महाकुंभ में आस्था की पावन डूबकी लगाकर ये बात साबित कर दिया कि अगर दिल में आस्था हो तो कोई कही भी शामिल हो सकता है। हिजाब से ढकी, सनातन के रंग में रंगी, शबनम शेख आस्था के साथ संगम नगरी में चल रहे विश्व के सबसे बड़े धार्मिक ग्लोबल इवेंट महाकुंभ में आई, यहां वो साधु-संतों के साथ शिविर में रुकी। इसके बाद शबनम शेख पावन संगम में स्नान करके वापस तो चली गई, लेकिन अब ये सवाल उठने लगा कि
महाकुंभ में मुस्लिमों की ऐंट्री पर बैन की मांग कर रहे साधुओं के बीच शबनम कैसे रुकी ?
ये बात तो आपको पता ही होगी कि इन दिनों प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में आए देश-विदेशों से साधु-सन्तों के मिलन की चर्चा हर जगह तूफान की तरह फैल रही है और इसी महाकुंभ में आए जगतगुरु आचार्य परमहंस दास ने शबनम शेख को अपने शिविर में रुकने के लिए जगह दी थी और न सिर्फ जगह दी, बल्कि शबनम शेख का पूरे सम्मान के साथ स्वागत किया, फूलों की माला पहनाई और माथे पर तिलक भी लगाया। इसके बाद शबनम शेख ने त्रिवेणी संगम में पूरे मन के साथ आस्था की डूबकी लगाई इसके बाद जनतगुरु परमहंस दास ने क्या कहा जरा उसको भी सुनते जाईये उन्होंने कहा कि शबनम एक अच्छी बेटी है और उनके हृदय में सनातन धर्म के प्रति सम्मान और प्यार है, शबनम शेख जैसी बेटीयां समाज को जोड़ने का काम करती है, ऐसे लोगों का महाकुंभ में स्वागत है, विरोध सिर्फ उनका है जो गलत भावना के साथ सनातनियों की आस्था के समागम में आना चाहते है । शबनम शेख की तारिफ सिर्फ जगतगुरु ही नही बल्कि पूरी दूनिया के लोग कर रहे है। इसके बाद हम आपको बताते है कि महाकुंभ का मुस्लिम देशों पर कितना असर पड़ रहा है।
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आपको ये जानकर हैरानी होगी की पीछले कुछ दिनों में महाकुंभ को सर्च करने वाला पाकिस्तान पहला देश बना है इसके बाद कतर , यूएई और बहरीन जैसे देशो ने महाकुंभ को सबसे ज्यादा सर्च किया है लेकिन कुछ लोग ऐसे भी है जो महाकुंभ को सर्च ही नही बल्कि महाकुंभ में आने की श्रद्धा भी रखते है इसलिए महाकुंभ में योगी सरकार श्रद्धालुओं के लिए अच्छी व्यवस्था भी है इसलिए मौनी अमावस्या के दिन पड़ने वाले अमृत स्नान पर करीब 7 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की आशंका जा रही है इस आकड़े से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि महाकुंभ के प्रति लोगों के दिलो में कितनी आस्था है जाती धर्म का कोई भेदभाव नही है यहा हर वो व्यक्ति आ सकता है जो दिल से सनातनी हो। शबनम शेख धर्म से नही बल्कि कर्म से सनातनी है इसलिए तो खुद जगतगुरु परमहंस दास ने उन्हे महाकुंभ के शिविर में जगह दी, महाकुंभ में उनका स्वागत किया, और पूरे सम्मान के साथ उन्हें महाकुंभ से विदा भी किया । आपको शबनम शेख का महाकुंभ आकर आस्था की डुबकी लगाना।
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