Advertisement

कौन है मां ब्रह्मचारिणी जिन्हें नवरात्रि के दूसरे दिन पूजा जाता है? पौराणिक कथा से जानिए इस दिन की अराधना का विशेष महत्व

नवरात्रि का दूसरा दिन सिर्फ पूजा भर नहीं, बल्कि मां ब्रह्मचारिणी की दिव्य साधना और त्याग की गहराई को समझने का अवसर भी होता है. उनकी उपासना से जीवन में कठिनाइयों को सहने की शक्ति, आंतरिक शांति और सफलता प्राप्त होती है. काशी जैसे तीर्थस्थलों पर उमड़ती श्रद्धालु भीड़ उनके महत्व को और बढ़ा देती है. आइए जानते हैं कौन हैं मां ब्रह्मचारिणी और क्यों नवरात्रि 2025 में उनकी पूजा का विशेष महत्व है.

Author
23 Sep 2025
( Updated: 11 Dec 2025
02:01 PM )
कौन है मां ब्रह्मचारिणी जिन्हें नवरात्रि के दूसरे दिन पूजा जाता है? पौराणिक कथा से जानिए इस दिन की अराधना का विशेष महत्व
AI Image

शारदीय नवरात्र का दूसरा दिन मां दुर्गा के द्वितीय स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित होता है. मां ब्रह्मचारिणी तपस्या, संयम और ब्रह्मचर्य का प्रतीक मानी जाती हैं. मान्यता है कि नवरात्रि के दूसरे दिन जो भी भक्त पूरे मन से ब्रह्मचारिणी की पूजा करता है उसे मां का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है. जीवन से सभी दुखों का निवारण होता है और अपार ज्ञान की प्राप्ति होती है. ऐसे में भक्त अपने दुखों से निजात पाने के लिए माता की पूजा करते हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर नवरात्रि के दूसरे दिन ही मां ब्रह्मचारिणी की पूजा क्यों की जाती है? आखिर देवी ब्रह्मचारिणी हैं कौन? चलिए इसके बारे में हम आपको बताते हैं.

कौन है मां ब्रह्मचारिणी?

पौराणिक कथा है कि पार्वती जी ने भगवान शिव को पाने हेतु कठोर तप किया और वर्षों तक व्रत-तपस्या कर ब्रह्मचारिणी कहलाईं. उनके तप से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें पत्नी रूप में स्वीकार किया.

नवरात्रि के दूसरे दिन ही मां ब्रह्मचारिणी की पूजा क्यों करनी चाहिए?

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से साधक को इच्छित वरदान, कठिनाइयों को सहने की शक्ति और जीवन में सफलता प्राप्त होती है. माना जाता है कि सच्चे मन से उनकी उपासना करने वाला मनवांछित फल पाता है और जीवन में सद्गति प्राप्त करता है. यही कारण है कि द्वितीया तिथि पर भक्तगण मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करके जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने और आंतरिक शक्ति प्राप्त करने की कामना करते हैं.

महादेव की नगरी काशी में लगता है मां ब्रह्मचारिणी के भक्तों का तांता

काशी के दुर्गा घाट और ब्रह्माघाट स्थित प्राचीन मंदिरों में इस दिन विशेष चहल-पहल देखने को मिलती है. सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मां के दर्शन और पूजन के लिए उमड़ पड़ती है. महिलाएं कलश सजाती हैं, दुग्ध, फल और पुष्प अर्पित करती हैं. मंदिर परिसर में घंटे की ध्वनि और भक्तों के जयकारों से वातावरण पूर्णतः भक्तिमय हो जाता है.

पुजारी ने बताया इस दिन का खास महत्व

यह भी पढ़ें

दुर्गा घाट स्थित ब्रह्मचारिणी मंदिर के महंत राजेश्वर सागर का कहना है कि नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है और प्रत्येक दिन का विशेष महत्व है. नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की विशेष पूजा की जाती है. इस दिन मां के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को धन, धान्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है.

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
Gautam Khattar ने मुसलमानों की साजिश का पर्दाफ़ाश किया, Modi-Yogi के जाने का इंतजार है बस!
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें