पितृ पक्ष के दौरान किन 3 पौधों को भूलकर भी नहीं लगाना चाहिए? किन 3 तीन सब्जियों के सेवन से रहता है पितृदोष का खतरा
पितृ पक्ष के दौरान बरगद का पेड़ लगाने से भी बचना चाहिए, क्योंकि बरगद के पेड़ को दीर्घायु का प्रतीक माना जाता है. इसलिए इस समय इस पौधे को लगाने से कई परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं.
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पितृपक्ष का महीना शुरू हो चुका है. ये समय पितरों के लिए खास माना गया है. मान्यता है कि इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करना आवश्यक होता है. वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो इस दौरान पितरों के नाम से पेड़-पौधे भी लगाते हैं. लेकिन अब ऐसे में सवाल उठता है कि इस दौरान किन पौधों को भूलकर भी अपने घर में नहीं लगाना चाहिए? किन सब्जियों का सेवन करने से बचना चाहिए? आइये इसके बारे में आपको भी बताते हैं…
पितृ पक्ष के दौरान किन पौधों को भूलकर भी नहीं लगाना चाहिए?
पीपल का पौधा: पितृ पक्ष के दौरान पीपल के पौधे को लगाने से बचना चाहिए क्योंकि पीपल के पेड़ को बृहस्पति और आध्यात्मिकता का प्रतीक माना जाता है. पितृपक्ष के दौरान इसे लगाने से पितृ नाराज हो सकते हैं और पितृ दोष का खतरा मंडराने लगता है. इसलिए इसे इस दौरान लगाने से बचें.
बरगद का पेड़: पितृ पक्ष के दौरान बरगद का पेड़ लगाने से भी बचना चाहिए, क्योंकि बरगद के पेड़ को दीर्घायु का प्रतीक माना जाता है. पितृ पक्ष के दौरान इस पौधे को लगाने से कई परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं.
आम का पौधा: पितृपक्ष के दौरान वास्तु के अनुसार नए पौधे नहीं लगाने चाहिए फिर क्यों न वो आम का पौधा ही हो. माना जाता है कि आम का पौधा सुख-समृद्धि और धन का प्रतीक होता है. लेकिन पितृपक्ष में इसे लगाने से नकारात्मक ऊर्जा पैदा हो सकती है और पितृ पक्ष भी 21 सितंबर को ही खत्म होने वाले हैं इसलिए पितृ पक्ष के बाद ही इन पौधों को लगाएं.
इस दौरान किन सब्जियों का सेवन नहीं करना चाहिए?
बैंगन: पितृ पक्ष के दौरान बैंगन खाने से बचना चाहिए. पौराणिक परंपराओं के अनुसार बैंगन को अशुद्ध माना जाता है. इसलिए श्राद्ध का भोजन बनाते समय भी बैंगन को नहीं खाना चाहिए. ये पितरों की आत्मा की शांति को भंग कर सकता है.
लहसुन प्याज: लहसुन और प्याज तामसिक भोजन में शामिल हैं. ये मन को अशांत, सुस्त और नकारात्मक ऊर्जा से भर देता है. इसलिए पितृ पक्ष के दौरान इनसे बचना चाहिए. क्योंकि पितृ पक्ष में पवित्रता और शुद्धता का विशेष महत्व होता है और लहसुन और प्याज को कई धार्मिक कार्यों में शामिल नहीं किया जाता है.
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लौकी का सेवन: कई जगह लौकी को तामसिक गुणों वाला माना जाता है. इसका सेवन आपके मन को अशांत और नकारात्मक शक्तियों से भर सकता है. वहीं पितृ पक्ष में इस प्रकार के भोजन को करना भी बुरा माना जाता है. इसलिए जितना हो सके लौकी का सेवन करने से बचें.
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