पारिवारिक क्लेश, आर्थिक तंगी और घर में कोई न कोई रहता है बीमार, तो हो सकता है पितृ दोष का असर, जानें पितरों की शांति के उपाय
पितृदोष जीवन में कई ऐसी परेशानियां खड़ी कर देता है जिनसे निकलना बहुत मुश्किल हो जाता है. इसलिए इनकी आत्मा की शांति के लिए सबसे अच्छा समय पितृपक्ष माना जाता है, पितृपक्ष के दौरान आप इनकी आत्मा की शांति के लिए कुछ उपायों को कर सकते हैं जो आपके लिए वरदान साबित होंगे.
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कई बार हमारे घर में अचानक से बहुत ज्यादा झगड़े होने लग जाते हैं. अचानक से किसी सदस्य की ज्यादा तबीयत खराब हो जाती है या फिर कर्ज बढ़ने लगता है. ज्यादातर इसका कारण कुंडली में लगा पितृदोष होता है. माना जाता है कि पितृदोष जीवन में कई ऐसी परेशानियां खड़ी कर देता है जिनसे निकलना बहुत मुश्किल हो जाता है इसलिए इनकी आत्मा की शांति के लिए सबसे अच्छा समय पितृपक्ष माना जाता है, पितृपक्ष के दौरान आप इनकी आत्मा की शांति के लिए कुछ उपायों को कर सकते हैं जो आपके लिए वरदान साबित होंगे. तो चलिए इसके बारे में आपको भी पूरी जानकारी देते हैं… लेकिन उससे पहले ये जान लेते हैं कि पितृदोष आखिर लगता कैसे है?
पितृ दोष कब और कैसे लगता है?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार व्यक्ति पितृदोष से पीड़ित तब होता है जब पितरों की आत्मा तृप्त नहीं होती है या फिर उनका श्राद्ध, तर्पण व पिंडदान सही से नहीं किया जाता है. यह कुंडली में नवम भाव या सूर्य पर शनि, राहु या केतु का दुष्प्रभाव पितृ दोष को बढ़ाता है. इसका मुख्य कारण कुल की परंपराओं का अपमान, तामसिक भोजन या पितृ पक्ष में बरगद और पीपल जैसे पेड़ों को लगाने से भी होता है.
पितृ दोष के कारण जीवन में कौन सी परेशानियां आती हैं?
पितृ दोष के कारण बार-बार स्वास्थ्य खराब हो सकता है. मानसिक तनाव बढ़ सकता है. आर्थिक नुकसान हो सकता है. वैवाहिक जीवन में परेशानियां आ सकती हैं. परिवार में बार-बार झगड़ा हो सकता है. इतना ही नहीं बिना कारण के डर लगना, सपने में मृत परिजनों को देखना और नकारात्मक ऊर्जा भी आपके अपने आस-पास महसूस हो सकती है. अब इन दोषों से मुक्ति के लिए क्या करना चाहिए? आइये इसके बारे में भी आपको बताते हैं.
पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए पितृ पक्ष में इन उपायों को जरूर करें
सबसे पहले किसी ज्योतिषी से कुंडली में पितृ दोष की जांच करवा लें. अगर पितृ दोष निकलता है तो इन उपायों को करें.
पितृ पक्ष में बिहार के गया जी जाकर पितरों के नाम से श्राद्ध, तर्पण या पिंडदान जरूर करवाएं.
इसके बाद पितरों के नाम से जरूरी सामान जैसे कि कपड़ा, भोजन, चप्पल और छाता गरीबों में जरूर दान करें.
रोजाना ऊँ पितृभ्य नम: मंत्र का जाप जरूर करें.
रोजाना सुबह-सुबह सूर्य को साफ पानी का अर्घ देना न भूलें. इससे आपका सूर्य भी मजबूत होगा.
इसके अलावा पितृ पक्ष के दौरान कुत्तों और अन्य जानवरों को भोजन करवाना न भूलें.
पक्षियों के लिए साफ पानी और भोजन हमेशा आपकी छत पर रखा होना चाहिए. क्योंकि पितृ पक्ष के दौरान पितृ अपने परिजनों से मिलने धरती पर जीवों का रूप धारण करने आते हैं. इसलिए उनकी आत्मा की शांति के लिए ये उपाय जरूर करें.
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