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मोतिहारी में चंचल बाबा से मिले आशीर्वाद में पीएम मोदी के लिए क्या नया है ?

पीएम मोदी के शीश पर हाथ रखकर आशीर्वाद देने वाले ये संत महात्मा कौन हैं, जो अब तक मीडिया के कैमरों से ओझल थे. और इनकी आशीर्वाद में छिपी है पीएम मोदी के लिए कौन सी अमृत रूपी भविष्यवाणी. यही जानने के लिए देखिए धर्म ज्ञान.

26 Jul, 2025
( Updated: 26 Jul, 2025
12:03 PM )
मोतिहारी में चंचल बाबा से मिले आशीर्वाद में पीएम मोदी के लिए क्या नया है ?

नंगे पांव प्रधानमंत्री का झुकना, हाथ जोड़े खड़े रहना और शीश झुकाकर अभिवादन करना बिहार के मोतिहारी से आई इन तस्वीरों से देश का संत समाज गदगद है. तस्वीरें एक हफ़्ते पुरानी हैं, लेकिन अभी तक सोशल मीडिया की रौनक बनी हुई हैं. इन तस्वीरों में ऐसा क्या ख़ास है, जिसकी चर्चा अभी तक हो रही है? पीएम मोदी के शीश पर हाथ रखकर आशीर्वाद देने वाले ये संत महात्मा कौन हैं, जो अब तक मीडिया के कैमरों से ओझल थे? और उनकी आशीर्वाद में छिपी है पीएम मोदी के लिए कौन सी अमृत रूपी भविष्यवाणी? यही जानने के लिए देखिए धर्म ज्ञान.

ये जग जाहिर है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साधु बनना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने भरपूर कोशिश भी की, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था और एक चाय वाला देश का प्रधानमंत्री बन गया. ये बात उन दिनों की है, जब अपनी युवा अवस्था में मोदी कोलकाता के बेलूर मठ पहुँचे हुए थे. यहाँ उन्होंने कुछ दिन गुज़ारने के बाद संस्था के तत्कालीन अध्यक्ष स्वामी माधवानंद के सामने स्वामी परंपरा में शामिल होने की इच्छा ज़ाहिर की. लेकिन माधवानंद ने मोदी जी को ऐसा करने से रोक दिया और मन लगाकर शिक्षा ग्रहण करने की नसीहत दी. कहते हैं, पढ़ाई के दौरान दो बार मोदी जी ने संन्यास लेना चाहा, लेकिन हर बार उनके साधु बनने की बात को अनसुना कर दिया गया. इसके बाद मठ के प्रमुख स्वामी महाराज ने मोदी को राजनीति में जाने की राह दिखाई और राजनीति के माध्यम से जनसेवा करते रहने की सीख दी. परिणामस्वरूप आज पीएम मोदी खुद को देश का प्रधान सेवक समझकर दिन-रात जनता की सेवा में जुटे हैं. ताक़त के साथ अभिमान का आना स्वाभाविक है, लेकिन पीएम मोदी ने इस अभिमान को अपना स्वाभिमान बनाया और खुद को देश के संत समाज से जोड़ा. सनातन के प्रति पीएम मोदी की निष्ठावान सेवा का ही नतीजा है कि आज देश का संत समाज मोदी नाम की माला जपने लगा है. इसका ताज़ा उदाहरण तब देखने को मिला, जब पीएम मोदी जनता को 7,200 करोड़ रुपये की सौग़ात देने बिहार के मोतिहारी ज़िले में पहुँचे. इसके बाद आगे क्या हुआ, ये जानने के लिए बने रहिए धर्म ज्ञान के साथ.

इन दिनों सोशल मीडिया पर एक मिनट का एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें पीएम मोदी की स्वामी शक्ति शरणानंद सरस्वती जी महाराज से मुलाक़ात है. कौन हैं ये स्वामी शक्ति शरणानंद सरस्वती जी, जो चंचल बाबा के नाम से भी प्रसिद्ध हैं, इसके बारे में बताने से पहले आप ये जान लें कि मोतिहारी की जमीन पर संत समाज से आने वाली इस शख़्सियत से मिलने के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट करके क्या कहा, 'आज मोतिहारी में स्वामी शक्ति शरणानंद सरस्वती जी महाराज से आशीर्वाद लेने का सौभाग्य मिला. उनके व्यक्तित्व में जहां तेज और ओज का वास है, वहीं वाणी में आध्यात्मिकता रची-बसी है. महाराज जी की आत्मीयता, स्नेह और मार्गदर्शन से अभिभूत हूं!'

आपको ये जानकर हैरानी होगी कि पीएम मोदी और स्वामी शक्ति शरणानंद सरस्वती जी महाराज की ये भेंट कार्यक्रम का हिस्सा नहीं थी. और ना ही स्वामी शक्ति शरणानंद सरस्वती महाराज इससे पहले मीडिया के सामने कभी आए. इस मुलाक़ात का सूत्रधार भाजपा नेता संजय जैशवाल हैं, जो यह बताते हैं कि गुरु पूर्णिमा के अवसर पर चंचल बाबा ने उनसे पीएम मोदी से मिलने की इच्छा जताई. जिसके कुछ दिन बाद पीएमओ से उन्हें कॉल आता है और उनसे पूछा जाता है कि मोतिहारी कार्यक्रम में अगर कोई गैर-राजनीतिक व्यक्ति हो, जिससे पीएम मोदी को मिलना चाहिए, तो बताएं. बस फिर क्या था, संजय जैशवाल तुरंत चंचल बाबा का नाम लेते हैं. और फिर उसके बाद दो बड़ी आध्यात्मिक शख़्सियतों की मुलाक़ात दुनिया के सामने आती है.
इसी मुलाक़ात में पीएम मोदी को अपना आशीर्वाद देते हुए स्वामी शक्ति शरणानंद सरस्वती जी ये कहते हैं “हमारी मुलाकात कुछ देर तक चली. प्रधानमंत्री का आकर्षण और दृढ़ संकल्प अद्भुत है. यही उनके लगातार काम करने की वजह है. वह एक बेहतरीन प्रशासक होने के साथ-साथ आध्यात्मिक व्यक्ति भी हैं.” 

स्वामी शक्ति शरणानंद सरस्वती जी के इन शब्दों को अगर गौर से समझेंगे, तो ये पाएंगे कि उन्होंने पीएम मोदी को अमृतरूपी आशीर्वाद दिया है. उन्होंने पीएम मोदी को एक कुशल प्रशासक के साथ-साथ आध्यात्मिक व्यक्ति भी बताया है, जिसने बिना लड़े दुनिया जीत ली. और दुनिया जीतने वाला अजेय कहलाया जाता है. मतलब साफ है कि भविष्य में भी विश्व की कोई ताकत पीएम मोदी की राह का काँटा नहीं बन पाएगी.

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