Advertisement

ज्ञानपीठ पुरस्कार से विभूषित स्वामी रामभद्राचार्य पर क्या बोले योगी बाबा ?

जिनके नाम में प्रभु राम बसते हैं, वो हैं जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी. संत समाज से आने वाली एक ऐसी करिश्माई व्यक्तित्व, जिन्हें हाल ही में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया और इस सम्मान के बीच यूपी के योगी बाबा ख़ुद को क्या बोलने से रोक नहीं पाएँ ? जगतगुरु के संदर्भ में योगी बाबा के पोस्ट की चर्चा क्यों हो रही है ? और अब क्या आने वाला समय योगी बाबा का है ?

18 May, 2025
( Updated: 18 May, 2025
10:14 AM )
ज्ञानपीठ पुरस्कार से विभूषित स्वामी रामभद्राचार्य पर क्या बोले योगी बाबा ?
75 की उम्र तक आते-आते स्वामी रामभद्राचार्य में इस समाज के लिए, ज़रूरतमंदों के लिए और हैंडिकैप्ट लोगों के लिए ऐसे -ऐसे असाधारण कार्य किये हैं, जिसके चलते भारत सरकार द्वारा पद्मभूषण से भी सम्मानित हो चुके हैं. चित्रकूट में स्थापित तुलसी पीठ नामक धार्मिक और सामाजिक सेवा संस्थान के संस्थापक हैं. ऐसे लोगों के लिए एक मिसाल है, जो कठिनाइयों में हार मान जाते हैं. आपको ये जानकार ताझुभ होगा कि बग़ैर आँखों की रोशनी के आज 22 भाषाओं के ज्ञाता हैं, 100 से ज़्यादा ग्रंथों की रचनाकार हैं और तो और बतौर कथावाचक इस दुनिया को आध्यात्म से जोड़ने का कार्य कर रहे हैं.


सियासी गलियारों से लेकर संत समाज तक जगद्गुरु रामभद्राचार्य की पकड़ कितनी मज़बूत है. इसका अंदाज़ा इसी से लगाइये कि जब पहली बार बतौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शपथ ली.उस समारोह में स्वामी रामभद्राचार्य भी मौजूद थे. बीते साल जगतगुरु के किताब विमोचन कार्यक्रम में पीएम मोदी चित्रकूट पहुँचे थे. आज भी देश को प्रधानमंत्री या फिर यूपी के मुख्यमंत्री जब कभी चित्रकूट का चक्कर लगाते हैं. तो जगद्गुरु के दर्शन करने, उनके निवास स्थान ज़रूर जाते हैं. 

पीएम मोदी और जगतगुरु के बीच अगर दोस्ती का भाव है, तो महंत से मुख्यमंत्री बने योगी आदित्यनाथ के लिए जगतगुरु गुरु के समान हैं. योगी बाबा के लिए जगतगुरु की अबतक की भविष्यवाणियाँ 100 फ़ीसदी सटीक बैठी है.  जो कि ये दोनों ही हस्ती  भगवाधारी के साथ-साथ संत समाज से तालुख रखती है, जिस कारण इनकी आपकी ट्यूनिंग किसी से छिपी नहीं है..यही कारण है , जगद्गुरु को ज्ञानपीठ पुरस्कार  से विभूषित होता देख, उन्हें बधाई देने में योगी बाबा ने बिना किसी देरी के एक लंबा चौड़ा पोस्ट शेयर कर दिया. बधाई देते हुए ट्वीट किया "आज माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी द्वारा पूज्य संत, पद्मविभूषित जगद्गुरु तुलसीपीठाधीश्वर रामानंदाचार्य स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी महाराज को संस्कृत भाषा व साहित्य के क्षेत्र में उनके अतुल्य योगदान के लिए प्रतिष्ठित 'ज्ञानपीठ पुरस्कार-2023' से सम्मानित होने पर हृदयतल से बधाई! आपका कालजयी रचना संसार वैश्विक साहित्य जगत के लिए अमूल्य धरोहर है। आपका सम्मान संत परंपरा, भारत की साहित्यिक विरासत एवं राष्ट्रधर्म का सम्मान है."

आज भी आम जनमानस को स्वामी रामभद्राचार्य की आध्यात्मिक और साहित्यिक यात्रा सभी को प्रेरित करती है, अपने अंधेपन को चुनौती देते हुए स्वामी रामभद्राचार्य ने शास्त्र ज्ञान के रास्ते ख़ुद की एक अलग पहचान बनाई. जिसका सबसे बड़ा सबूत उस समय देखने को मिला, जब देश की सर्वोच्च अदालत में जगतुगुर ने अपनी गवाही में 441 शास्त्र प्रमाण के साथ राम जन्मभूमि पर मंदिर के होने का प्रमाण दिया था. जिसके बाद न्यायधीशों ने ये माना कि सच में स्वामी रामभद्राचार्य में दैवीय शक्ति है और आज जब जगतगुरु के सम्मान में योगी बाबा नतमस्तक हैं, तो इसका मतलब क्या योगी युग की शुरुआत है?

यह भी पढ़ें

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
'भारतीय सेना तौकीर रजा को देगी आजादी', एक मुसलमान की मौलाना को खुली चुनौती ! Faiz Khan
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें