वायरल हुआ ‘फ्रिज शिवलिंग’ का वीडियो, आचार्य बोले– ये पूजा है शास्त्रविरुद्ध!
क्या शिव भक्त पीएम मोदी भी फ्रिज की जमी बर्फ से शिवलिंग बनाकर शिव आराधना करते होंगे? इन्हीं सवालों के बीच फ्रिज वाले बाबा बर्फानी के वीडियो सोशल मीडिया में ट्रेंड कर रहे हैं, जिस पर अब ज्योतिषाचार्य से लेकर वास्तुविद की प्रतिक्रिया सामने आई है.
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अमरनाथ यात्रा की समाप्ति को एक हफ़्ते से भी ज़्यादा का समय बीत चुका है. लेकिन फ्रिज में जमी बर्फ से शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा करने का क्रेज लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है. लेकिन क्या ऐसा करना उचित है? और अगर सच में फ्रिज की जमी बर्फ से शिवलिंग बनाकर बाबा बर्फानी की पूजा की जा सकती है. तो क्या शिव भक्तों की अमरनाथ यात्रा व्यर्थ है? क्या शिव भक्त पीएम मोदी भी फ्रिज की जमी बर्फ से शिवलिंग बनाकर शिव आराधना करते होंगे? इन्हीं सवालों के बीच फ्रिज वाले बाबा बर्फानी के वीडियो सोशल मीडिया में ट्रेंड कर रहे हैं. जिस पर अब ज्योतिषाचार्य से लेकर वास्तुविद की प्रतिक्रिया सामने आई है.
पीएम मोदी की शिव भक्ति किसी से छिपी नहीं है. वो खुद जिस गुजरात की धरती से आते हैं. वहां का सोमनाथ मंदिर शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. 12 दिव्य स्थानों पर शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में समाई शक्ति को गहराई से अनुभव करना और उनके दिव्य दर्शन पाना अमूमन शिव भक्तों की इच्छा होती है. और इसी कारण से शिव धामों में पीएम मोदी की मौजूदगी कई दफा देखने को मिलती है. गुजरात का सोमनाथ मंदिर हो या फिर काशी के बाबा विश्वनाथ देवभूमि में विद्यमान केदारनाथ मंदिर हो या फिर उज्जैन नगरी का महाकाल लोक झारखंड का वैद्यनाथ धाम हो या फिर तमिलनाडु का श्री रामेश्वरम मंदिर. इन ज्योतिर्लिंगों के अलावा भी शिव के प्राचीन मंदिरों में शिव भक्ति से सराबोर पीएम मोदी को दुनिया ने देखा है. हालांकि पीएम मोदी को अब तक अमरनाथ यात्रा पर जाने का सौभाग्य प्राप्त नहीं हो पाया है. लेकिन प्रत्येक वर्ष होने वाली अमरनाथ यात्रा और इस यात्रा में जाने वाले तीर्थ यात्रियों को शुभकामना देना पीएम मोदी कभी नहीं भूलते हैं. मन की बात कार्यक्रम में अमरनाथ यात्रा का जिक्र कर चुके हैं. इस बार की अमरनाथ यात्रा पर शिव भक्तों का जोश हाई था. पहलगाम हमले के बाद भी बाबा बर्फानी के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा 5 लाख के पार पहुंचा. बाबा बर्फानी के प्रति उनके भक्तों की भक्ति आतंकियों के नापाक मंसूबों पर भारी पड़ी. हालांकि इस बार की यात्रा एक हफ्ते पहले ही समाप्त कर दी गई. इसके पीछे का कारण था भारी बारिश, भूस्खलन और अमरनाथ गुफा में शिवलिंग रूपी हिमलिंग का तेजी से पिघलना यानी बाबा बर्फानी का अंतर्ध्यान हो जाना. अब अगले साल अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी प्रकट होंगे. अगले साल बाबा बर्फानी के दर्शन होंगे. लेकिन इन दिनों कुछ लोग ऐसे हैं, जो अपनी कोशिशों से फ्रिज की जमी बर्फ से बाबा बर्फानी की पूजा कर रहे हैं.
इन दिनों बर्फ के शिवलिंग पर आधारित वीडियो बनाए जा रहे हैं, जो सोशल मीडिया में ट्रेंड भी कर रहे हैं. कुछ लोग इन्हीं वीडियो को देखकर फ्रिज में बर्फ जमाकर शिवलिंग भी बना रहे हैं. दरअसल, कुछ ऐसे वीडियो हैं जिनमें यह बताया जा रहा है कि कैसे फ्रिज की जमी बर्फ से शिवलिंग रूपी आकृति बनाकर महादेव की पूजा की जा सकती है. मतलब यह कि यूट्यूब पर बाकायदा घर में बर्फानी बाबा यानी बर्फ से शिवलिंग बनाने के तरीके बताने वाली वीडियोज चल रही हैं. इन्हीं वीडियो को देखकर लोग भोलेनाथ की पूजा के लिए मंदिरों में न जाकर घर पर ही फ्रिज में जमी बर्फ से शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा कर रहे हैं और जमी बर्फ के शिवलिंग रूपी आकृति पर बेलपत्र चढ़ा रहे हैं. जिस पर वास्तुविद और ज्योतिषाचार्य दुर्गेश तारे ने आपत्ति जताई है.
ज्योतिषाचार्य दुर्गेश तारे ने शिव की इस तरह की पूजा को शास्त्र विरुद्ध बताया है. गुमराह लोगों को आईना दिखाते हुए उन्होंने कहा कि महादेव के हिम (बर्फ) के शिवलिंग बनाने का सामान्य रूप से कोई प्रमाण नहीं मिलता. जबकि अमरनाथ में बर्फानी धाम एक प्राकृतिक संरचना है, जहां स्वतः शिवलिंग बनता है. देखा जा रहा है कि यूट्यूब पर अपने फॉलोवर बढ़ाने के लिए वीडियो बनाने का आजकल ट्रेंड है. इसी चलन में फ्रिज में बर्फ जमाकर शिवलिंग बनाने के तरीके सिखाए जा रहे हैं और इसे अमरनाथ के बाबा बर्फानी से जोड़ा जा रहा है.
कुछ लोग कई रंगों की बर्फ जमाकर रंगीन शिवलिंग भी बना रहे हैं. शास्त्रों में ऐसे मनचाहे प्रयोग करने का कोई प्रमाण नहीं है. "कलो पार्थिव सिद्धिद" यह कथन मिलता है. यानी कलयुग में पार्थिवेश्वर अर्थात मिट्टी के शिवलिंग का प्रमाण मिलता है. ध्यान रखने वाली बात है कि हमें सनातन के संरक्षण के लिए ऐसे मनगढ़ंत प्रयोगों के प्रचार-प्रसार से बचना चाहिए. – ज्योतिषाचार्य दुर्गेश तारे
अब सवाल ये उठता है कि जो लोग फ्रिज की जमी बर्फ से शिवलिंग बनाकर पूजा कर रहे हैं, क्या उन्हें इसका अशुभ परिणाम भी झेलना पड़ेगा? इस पर ज्योतिषाचार्य दुर्गेश तारे ने कहा है कि शास्त्रों में धातु और पाषाण यानी पत्थर के शिवलिंग की पूजा का विधान मिलता है. शिवलिंग का छरण आयु को कम करता है. ऐसे में जो लोग अपने घरों में बर्फ से शिवलिंग बना रहे हैं और उसकी पूजा-अर्चना कर रहे हैं, वही शिवलिंग धीरे-धीरे पिघलने लगता है. लिहाजा यह पूजा करने वाले के लिए ठीक नहीं है. शिवलिंग का घटते जाना शास्त्रीय और वास्तु दोनों ही दृष्टि से गलत है. मतलब बिलकुल साफ है कि फ्रिज में जमी बर्फ से शिवलिंग बनाना और फिर उसकी पूजा करना गलत है, जिसके अशुभ परिणाम भी पूजा करने वाले व्यक्ति को झेलने पड़ेंगे. इस तरह की पूजा का ना ही शास्त्रों में कहीं जिक्र है और ना ही ऐसी पूजा शिव भक्त पीएम मोदी करते हैं.
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