आज छठ के तीसरे दिन संध्या अर्घ्य में भूलकर भी न करें ये 6 गलतियां, वरना छठी मैया हो सकती हैं नाराज!
आज छठ पूजा का तीसरा दिन यानि संध्या अर्घ्य का दिन है, आज अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रती अपनी मनोकामनाएँ पूर्ण होने की प्रार्थना करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं, इस अर्घ्य के दौरान की गई एक छोटी सी गलती भी व्रत का फल कम कर सकती है? जानिए आज किन सावधानियों से मिलेगी छठी मैया और सूर्य देव की असीम कृपा.
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छठ का महापर्व भगवान सूर्य और छठी मैया को समर्पित होता है. ये व्रत लोगों का भगवान के प्रति अटूट विश्वास का प्रतीक है. ये पर्व 4 दिनों तक मनाया जाता है और इस बार ये त्योहार 25 अक्टूबर से शुरू होकर 28 अक्टूबर तक चलने वाला है. ऐसे में आज छठ का तीसरा दिन है. इस दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है. लेकिन इस दौरान व्रती और व्रती के परिवार वालों को कुछ खास नियमों का पालन करना बेहद जरूरी होता है. ताकि व्रत का पूरा फल मिल सके. ऐसे में चलिए जानते हैं कि आज किन बातों का ध्यान रखना है बेहद जरूरी…
आज संध्या अर्घ्य के दौरान भूलकर भी न करें ये 6 गलतियाँ!
- छठ पूजा के तीसरे दिन सूर्योदय से लेकर अगले सूर्योदय तक न तो व्रती को अन्न ग्रहण करना चाहिए और न ही पानी पीना चाहिए.
- ध्यान रखें कि इस व्रत को तभी लें जब आप इसे पूरा करने में सक्षम हों. क्योंकि व्रत को बीच में तोड़ना अशुभ माना जाता है.
- प्रसाद बनाते समय ध्यान रखें कि कपड़े, तन-मन कुछ भी गंदा न हो. प्रसाद बनाते समय आपको इन सावधानियों को बरतना जरूरी है.
- व्रत के दौरान क्रोध, घृणा और अपशब्द बोलने से बचना चाहिए. वरना व्रत की शुद्धता कम हो सकती है.
- इस दौरान शांत रहना और मंत्र जाप करना भी अच्छा होता है.
- ध्यान रखें कि इस दौरान प्रसाद बनाते समय नमक और चीनी का प्रयोग नहीं करना चाहिए. चीनी की जगह आप गुड़ का उपयोग कर सकते हैं.
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आज छठ पूजा के तीसरे दिन किन कार्यों से मिलेगी छठी मैया और सूर्य देव की कृपा?
- आज छठ के तीसरे दिन गरीबों में प्रसाद और भोजन का दान करना सबसे उत्तम रहेगा.
- आज छठ कथा जरूर सुनें, इससे वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहेगी.
- संध्या अर्घ्य के समय सूर्य देव को दूध, जल और फूलों का अर्घ्य देना अच्छा रहेगा.
- अर्घ्य देते समय लोटे को इस तरह पकड़ना चाहिए कि सूर्य देव की किरणें जल के बीच में दिखाई दें.
- अर्घ्य देते समय छठी मैया के मंत्र जैसे ‘ऊँ छठी मैया नम:’ या फिर ‘ऊँ सूर्याय नम:’ का जाप जरूर करें.
- इस दिन व्रती के परिवार वाले सात्विक भोजन ही करें. नमक, लहसुन, प्याज का उपयोग करने से बचना चाहिए.
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