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ज्येष्ठ माह का दूसरा बड़ा मंगल आज: मंगल दोष हो या शनि की साढ़े साती, जानें पूजा विधि और वो चमत्कारी मंत्र जो दूर करेंगे हर बाधा!

ज्येष्ठ माह का आज दूसरा बड़ा मंगल है. इस दिन बजरंगबली के वृद्ध स्वरूप की पूजा होती है. कहा जाता है कि आज के दिन विशेष विधि से पूजा करने से मंगल दोष और शनि की पीड़ा भी खत्म होती है. तो जान लें कि पूजा की विधि क्या है और कौन से विधान हैं आज के दिन को लेकर.

Created By: केशव झा
20 May, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
12:46 PM )
ज्येष्ठ माह का दूसरा बड़ा मंगल आज: मंगल दोष हो या शनि की साढ़े साती, जानें पूजा विधि और वो चमत्कारी मंत्र जो दूर करेंगे हर बाधा!
सनातन धर्म में वैसे तो हर दिन का धार्मिक दृष्टि से काफी महत्व है. इसी आधार पर देखें तो मंगलवार का दिन अंजनी पुत्र हनुमान जी को समर्पित है. ये दिन श्री रामभक्त की आराधना के लिए श्रेष्ठ माना जाता है. कहा जाता है कि बजरंगबली को प्रस्न्न करने से प्रभु श्रीराम भी आसानी से प्रस्नन हो जाते हैं. अगर कोई पवनसुत की भक्ति करता है वो भी अगर ज्येष्ठ माह में तो उसकी भक्ति का पूरा फल जल्दी मिलता है.

कहा जाता है कि ज्येष्ठ या जेठ मास में पड़ने वाले प्रत्येक मंगलवार को की गई पूजा से कई बिगड़े काम बन जाते हैं. इस मास में पड़ने वाले मंगलवार को बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल भी कहा जाता है.  आज दूसरा बड़ा मंगल है. इस दिन हनुमानजी के वृद्ध स्वरूप की पूजा करने का विधान है. 

मंगल दोष और शनि की पीड़ा को दूर करने के लिए करें हनुमानजी की पूजा!
कहा जाता है कि अगर कुंडली में मंगल दोष हो तो हनुमानजी की पूजा से वह शांत होता है और मंगल का सकारात्मक प्रभाव मिलने लगता है.सिर्फ मंगल ही नहीं, बल्कि शनि दोष, ढैय्या और साढ़ेसाती जैसे प्रभाव भी हनुमान उपासना से कम होते हैं. मान्यता है कि बड़े मंगल के दिन व्रत रखकर यदि हनुमानजी का ध्यान किया जाए, तो जीवन में आ रही परेशानियां दूर होती हैं और सुख-शांति लौट आती है.

बड़ा मंगल 2025 पूजा मुहूर्त

बड़े मंगल यानी आज हनुमानजी की पूजा करने के लिए 2 सबसे खास मुहूर्त इस प्रकार हैं…
वैसे तो पहला मुहूर्त – सुबह 4 बजकर 47 मिनट से 5 बजकर 51 मिनट तक था
वहीं दूसरा मुहूर्त – शाम 7 बजकर 7 मिनट से दोपहर 7 बजकर 28 मिनट तक रहेगा

आज दूसरा बड़ा मंगल, बन रहे हैं शुभ योग!
आज का बड़ा मंगल और भी खास है, क्योंकि इस दिन दो विशेष शुभ योग बन रहे हैं — इन्द्र योग और द्विपुष्कर योग. इन शुभ संयोगों के कारण आज का दिन पूजा-पाठ, व्रत और शुभ कार्यों के लिए बेहद फलदायी माना जा रहा है.

‘हनुमान जी के कुछ मंत्र जिनसे दूर होती है नकारात्मकता और बाधा’
ऐसे मंत्र जो नकारात्मकता को दूर करते हैं, शत्रुओं को हावी नहीं होने देते और नौकरी में आ रही बाधा से मुक्त करते हैं. आइए ऐसे ही मंत्रों के बारे में जान लेते हैं.

हर प्रकार की बाधा दूर करने वाला मंत्र
ओम ह्रां ह्रीं ह्रं ह्रैं ह्रौं ह्रः॥ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्. बड़े मंगल पर आप हनुमान जी के इस मंत्र का जाप करने से हर प्रकार की बाधा का नाश होता है.

प्रेत बाधा और नकारात्मक शक्ति दूर करने वाला मंत्र
ॐ दक्षिणमुखाय पच्चमुख हनुमते करालबदनाय के जाप से व्यक्ति प्रेत बाधा एवं अन्य नकारात्मक शक्तियों से बचा रहता है.

नौकरी में बाधा दूर करेगा ये मंत्र
मर्कटेश महोत्साह सर्वशोक विनाशन. मान्यता है कि इस मंत्र जाप से नौकरी में आ रही बाधा दूर होती है. इसका कम से कम 108 बार जाप जरूर करना चाहिए.

‘हर कष्ट और रोग दूर करेगा ये मंत्र’
ऊं हं हनुमते नम:. ये मंत्र अत्यंत ही लाभकारी माना जाता है. कहते हैं इस मंत्र के जाप से व्यक्ति को हर कष्ट और रोग से मुक्ति मिलती है.

इनके अलावा ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा, ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् स्वाहा, ओम नमो भगवते हनुमते नमः भी सर्वोत्तम लाभ देते हैं.

कहते हैं जो भक्त सच्चे मन से इस दौरान भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना करता है उसके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. इसके अलावा हनुमान जी के कुछ मंत्रों के जाप से भी भक्तों के दुख दर्द दूर होते हैं.

हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए पूरे महीने यानी कि 13 मई से 10 जून के बीच कुछ विशेष उपाय से भी जिंदगी की बाधाएं दूर हो सकती हैं. ये उपाय उनके भोग से संबंधित हैं. सुंदरकांड, श्री हनुमान महाउपासना, हनुमान जी के मन्त्र और अष्टोत्तरशत नाम जैसे ग्रंथों में हनुमान जी को भोग से संबंधित जानकारी का उल्लेख है.

बात बड़े मंगल की तो जानकारों के अनुसार, हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए पहले बड़े मंगल पर बूंदी के लड्डू, दूसरे (20 मई) में चना और गुड़, तीसरे (27 मई) में सिंदूर, चमेली और तेल, चौथे (3 जून) को बेसन के लड्डू और पांचवें (10 जून ) को पान और नारियल चढ़ाने से मारुतिनंदन प्रसन्न होंगे और दुख हरेंगे.

ज्येष्ठ माह की शुरुआत मंगलवार 13 मई से हुई जो 10 जून तक चलेगा. ये जानकारियां सामान्य मान्यताओं, धार्मिक ग्रंथों में उल्लेखित जानकारियों पर आधारित है. इसका सनातन धर्म में बड़ा महत्व है. एक तरह से इसे एक महत्वपूर्ण त्योहार की तरह मनाया जाता है.  हिंदू कैलेंडर के अनुसार आने वाले ज्येष्ठ के महीने में हर मंगल को हिंदू इसे धूम-धाम से मनाते हैं और हनुमान मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना करते हैं. पुण्य और मनोकामना की प्राप्ति के लिए इस दिन बड़े पैमाने पर भंडारे का आयोजन भी होता है, वहीं प्रसाद वितरण की भी परंपरा रही है. 

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