जंग का ऐलान कर चुके Swami Avimukteshwaranand ने IIT बाबा की दिखाई औकात

दरअसल, एक लंबे समय से स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी गौ को राष्ट्रीय माता का दर्जा दिलाने का आंदोलन कर रहे हैं, गाय को पशु की श्रेणी से निकाले जाने की माँग कर रहे हैं। ना सिर्फ़ केंद्र सरकार बल्कि देश की तमाम राज्य सरकारों से गौ हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने और गौशालाओं की स्थिति सुधारने की माँग कर रहे हैं। इसके लिए वो कई दफ़ा सड़कों पर उतरे। देश की सरकार को समय देते गए। आख़िरी अल्टीमेटम दे चुके हैं, 17 मार्च तक अगर सरकार की तरफ़ से कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती है, तो फिर जंग होगी। इसके लिए शंकराचार्य ने देशवासियों से एकजुट होने का आह्वान किया है। साफ़ कह चुके हैं:
"अगर सरकार और राजनीतिक दल 17 मार्च तक गौ माता पर अपना पक्ष स्पष्ट नहीं करते हैं, तो हम 17 मार्च से पूरे देश में प्रदर्शन शुरू करेंगे। देशभर में यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहेगा, और हम स्वयं दिल्ली के रामलीला मैदान में बैठेंगे।"
इतिहास में पहली दफ़ा गौ रक्षा के ख़ातिर देश के शंकराचार्य ख़ुद की सरकार के ख़िलाफ़ बिफुल फूंकेंगे। या फिर यूँ कहें कि 2500 साल पुरानी शंकराचार्य परंपरा में यह पहली बार होगा, जब कोई शंकराचार्य इस तरह से सवाल उठाकर प्रदर्शन करेगा। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के इन तेवरों से साफ़ है कि अब उन्हें चुनावी वादे नहीं, बल्कि एक्शन चाहिए।
गौर करने वाली बात ये कि Beef Exporters में टॉप में रहने वाले देशों में भारत भी शुमार है, गौमांस निर्यात में भारत दुनिया के चौथे पायदान पर आता है। ऐसे में क्या पीएम मोदी गौ हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगा पाएंगे? क्या ऐसा मुमकिन है? अब ये तो 17 मार्च की तस्वीर बताएगी। फिलहाल, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जी ने महाकुंभ से वायरल हुए आईआईटी बाबा की भी हैसियत दिखा दी।
वहीं आईआईटी बाबा, जिनके दर्शन महाकुंभ में हुए वहीं आईआईटी बाबा, जिन्हें महाकुंभ का इंजीनियर बाबा कहा जाने लगा। वहीं आईआईटी बाबा, जिन्होंने IIT बॉम्बे से इंजीनियरिंग की वहीं, आईआईटी बाबा, जिन्होंने लाखों रुपये की नौकरी छोड़कर आध्यात्म की राह चुनी।वहीं आईआईटी बाबा, जो ख़ुद को भविष्यवक्ता बताते हैं।अभय सिंह उर्फ़ आईआईटी बाबा। सोशल मीडिया पर ज़बरदस्त फैन फॉलोइंग है, इनके वायरल होने के बाद धार्मिक आयोजन में बुलाया जाने लगा। लेकिन जब यही आईआईटी बाबा टीवी शो में पिटते दिखे। पुलिस के कथित आरोप अनुसार, जब इनके पास गांजा मिला। जब यही बाबा अजीबों गरीब हरकत करते दिखे,इन्हीं आईआईटी बाबा में पाखंड नजर आने लगा तो फिर संतों की टिप्पणी आनी शुरु हो गई।
आईआईटी बाबा को लेकर पहली दफा शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। शंकराचार्य ने आईआईटी पर नाराजगी जताते हुए ये कहा है:"सनातन संस्कृति और धार्मिक मान्यताओं पर किसी भी तरह की अपमानजनक टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। संत समाज हर हाल में धर्म और परंपराओं की रक्षा करेगा।"
अब जो कि आईआईटी बाबा की हरकतें एक संत से तो बिलकुल मेल नहीं खाती हैं, जिस कारण देश का संत समाज आईआईटी बाबा को जोकर और पागल बता रहा है।