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पहलगाम हमले के बाद अमरनाथ यात्रा को लेकर शंकराचार्य का बड़ा ऐलान

पहलगाम हमले को अंजाम देकर क्या दहशतगर्द अपनी नापाक इरादों में कामयाब हो चुके हैं? टारगेटेड कीलिंग का मक़सद क्या हिंदुत्व को जड़ से मिटाना है ? हिंदू पर्यटकों की मौत से क्या हिंदू तीर्थ यात्रियों को डराना है ? शंकराचार्य की भविष्यवाणी में गृहयुद्ध की चिंगारी और अमरनाथ यात्रा से जुड़ा ऐलान ?

चश्मदीदों की गवाही, धर्म पूछकर आतंकियों का टूरिस्टों पर गोली चलाना ये साबित करता है कि आतंकियों की इस टारगेटेड कीलिंग का मक़सद ना सिर्फ़ हिंदुओं को डराना है बल्कि तीर्थयात्रियों के बीच भय का माहौल क़ायम करना भी है. तभी तो अमरनाथ यात्रा शुरु होने से ठीक पहले इस आतंकी हमले को अंजाम दिया गया. 2014 में मोदी सरकार के आ जाने से विश्व पटल पर भारतीयों का डंका बजा. हिंदुत्व की असल पहचान वापस लौट आई. मोदी की मंदिर नीति से इस्लामिक देशों में हिंदुत्व की पताका लहराई. हिंदुत्व के बढ़ते इसी दायरे पर चोट करने के लिए पहलगाम जैसी कायराना आतंकी हमला को अंजाम दिया गया. आतंकियों ने उसी जगह हिंदुओं को चुन-चुनकर मारा, जहां से अमरनाथ यात्रा की शुरुआत होती है. दरअसल पहलगाम, अमरनाथ यात्रा का प्रमुख बेस कैंप है. हर साल लाखों श्रद्धालु और पर्यटक यहां से बाबा बर्फ़ानी की जय-जयकार करते हुए अपनी यात्रा का शुभारंभ करते हैं. 3 जुलाई के आसपास अमरनाथ यात्रा शुरु होनी है लेकिन अब क्या इस घटना के बाद से यात्रा को स्थगित कर दिया जाएगा ? पहलगाम हमले के बाद क्या भोले के भक्त अमरनाथ यात्रा पर जाना छोड़ देंगे ?  बैसरन घाटी को लहूलूहान होता देख,  पर्यटक और तीर्थयात्री क्या कश्मीर जाना छोड़ देंगे. इन्हीं सवालों के बीच पुरी पीठ के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती महाराज की भविष्यवाणी में गृहयुद्ध की चिंगारी बुझ पड़ी या फिर अब ज्वाला बनकर सब स्वाहा कर देगी. आईये आपको बताते है. 

पहलगाम आतंकी हमले में जो कुछ भी हुआ, उस पर पुरी पीठ शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती महाराज की प्रतिक्रिया सामने आई है शंकराचार्य का कहना है. इस तरह का जघन्य अपराध कहीं से भी क्षम्य नहीं है।धर्म पूछकर हिंदुओं की हत्या किया जाना भारत में गृह युद्ध जैसा माहौल बनाने की एक साजिश लग रही है.  पूरे घटनाक्रम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वत: संज्ञान में लिया है और आने वाले दिनों में भारत कठोर कदम उठाएगा।जो लोग आतंकवाद की धारा में बह रहे हैं, उनका अंत सुनिश्चित है. अगर पाकिस्तान के कहने पर आतंकियों ने निहत्थे हिंदू पर्यटकों पर गोलियां चलाईं है तो यह निश्चित है कि भारत उन्हें छोड़ेगा नहीं.

शंकराचार्य का साफ़ कहना है कि पहलगाम हमले की आड़ में गृहयुद्ध कराने की पूरी प्लैनिंग थी, जो कि अबविफल हो चुकी है लेकिन जहां बात अमरनाथ यात्रा की आती है.. तो उस पर शंकराचार्य ने इस बात ऐलान कर दिया कि यात्रा पर आतंकी हमला का असर नहीं पड़ेगा. क्योंकि भारत में ऋषियों की परंपरा रही है। लोग देखते हैं कि मौत हो गई है, लेकिन इसके बावजूद वह नहीं रुकते हैं, क्योंकि उनकी आस्था प्रबल है. मैकाले हिंदुओं को दिशाहीन करना चाहता था, लेकिन हमारी ऋषि परंपरा इतनी प्रबल है कि वह उसमें सफल नहीं हो सका। इसी प्रकार अमरनाथ यात्रा पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा.

सौ बात की एक बात ये कि शंकराचार्य ये मानते हैं कि हिंदुओं की अपने धर्म के प्रति गहरी आस्था उन्हें धर्म के रास्ते भटकने नहीं देगी. हिंदुओं की प्रबल आस्था के आगे आतंकी घटना का प्रभाव शून्य है. ना ही अमरनाथ यात्रा पर रोक लगेगी और ना ही भोले के भक्त बाबा बर्फानी के दर्शन करना छोड़ेंगे अब जब भारत-पाकिस्तान युद्ध के मुहाने पर खड़ा है, तो ऐसे में क्या अबकी बार की अमरनाथ यात्रा पर रोक लगना चाहिए या नहीं ? ..

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