मोरारी बापू पर भड़के शंकराचार्य ने दिया धर्म दंड , अब करना पड़ेगा प्रायश्चित !
सूतक में बाबा विश्वनाथ की पूजा करना और व्यास पीठ पर बैठकर कथा करना, कथावाचक मोरारी बापू के लिए सिर दर्दी बन गया है, माफ़ी माँगने के बाद भी मोरारी बापू को बख्शा नहीं जा रहे हैं, आलम ये है कि अब उन्हें ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद गिरि महाराज की नाराज़गी झेलनी पड़ रही है। ना ही योगी नाम की ढाल काम कर पा रही है और ना ही क्षमा याचना बचा पा रही है । अबकी बार शंकराचार्य द्नारा मोरारी बापू को सज़ा सुनाई गई है ।

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सूतक में बाबा विश्वनाथ की पूजा करना और व्यास पीठ पर बैठकर कथा करना, कथावाचक मोरारी बापू के लिए सिर दर्दी बन गया है, माफ़ी माँगने के बाद भी मोरारी बापू को बख्शा नहीं जा रहे हैं, आलम ये है कि अब उन्हें ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद गिरि महाराज की नाराज़गी झेलनी पड़ रही है. ना ही योगी नाम की ढाल काम कर पा रही है और ना ही क्षमा याचना बचा पा रही है. अबकी बार शंकराचार्य द्नारा मोरारी बापू को सज़ा सुनाई गई है.
पत्नी के निधन के 2 दिन बाद जैसे ही मोरारी बापू काशी पहुँचे, लोगों ने उनके ख़िलाफ़ नारेबाज़ी करनी शुरु कर दी. दरअसल 12 जून के दिन मोरारी बापू की पत्नी का निधन हुआ और इसके दो दिन बाद 14 जून को वो काशी पहुँचे. जहां उन्होंने बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूजन भी किया और राम कथा भी की. सूतक काल में मोरारी बापू की यही धार्मिक गतिविधियां काशी के संतों को नागवार गुजरी, उन्होंने मोरारी बापू पर धार्मिक परंपराओं का उल्लंघन और सूतक की मर्यादा की धज्जियाँ उड़ाने का आरोप लगाया. इसी कड़ी में उन्हें ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज के क्रोध का भी सामना अब तक करना पड़ रहा है. हालाँकि अपने किये को लेकर मोरारी बापू मंच से मांफी माँग चुके हैं.
इन सबके बीच सीएम योगी के साथ मोरारी बापू की तस्वीरों ने आग में घी डालने का कार्य किया, जो लोग मोरारी बापू के प्रशंसक हैं, उन्हें योगी में बापू का ढाल नज़र आने लगी. क्योंकि इस पूरे विवाद में योगी बाबा की नज़रों में अगर मोरारी बापू दोषी होते, तो काशी में उनसे मिलने नहीं जाते. हालाँकि आप से व्यक्तिगत मुलाक़ात भी कह सकते हैं और दूसरी बात ये कि मुरारी बापू के लिए योगी सिर्फ़ योगी नहीं. बल्कि पूजनीय योगी जी है. अपने इंटरव्यू में मोरारी बापू कई दफ़ा योगी बाबा की प्रशंसा कर चुके हैं. खुलकर कहते हैं कि मैं इस साधु को प्रणाम करता हूँ. आज के साधु को लोक मंगल के लिए यही राजनीति में उतरना पड़ा, तो वो स्वीकारनीय योग्य है. पूजनीय योगी जी ने अपने विवेक से यूपी में बहुत अच्छा कार्य किया है. बाबा और मोरारी बापू, दोनों के बीच की ट्यूनिंग दुनिया के सामने है, लेकिन क्या यहीं ट्यूनिंग शंकराचार्य के क्रोध को शांत कर पायेगी.
एक बार फिर मोरारी बापू चर्चा में है, अबकी बार स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मोरारी बापू का चेहरा देखना भी पाप बताया है, जिसे हर कोई सज़ा के तौर पर देख रहा है. मोरारी बापू के ख़िलाफ़ मोर्चा खोलते हुए शंकराचार्य ने साफ़ कर दिया है कि जब तक मोरारी बापू शास्त्र मर्यादा में नहीं आएँगे, तब तक उनका चेहरा नहीं देखेंगे, क्योंकि उनका चेहरा देखना हम पाप समझेंगे. इतना ही नहीं शंकराचार्य द्वारा मोरारी बापू के ख़िलाफ़ ये घोषणा की गई है कि सनातनी जनता मोरारी बापू के किसी भी आचरण और उपदेशों को प्रमाण न मानें.
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सौ बात की एक बात ये कि, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की नजरों में मोरारी बापू ने हिंदू धर्म शास्त्रों में श्रद्धाहीनता और मिथ्यादंभ का प्रदर्शन किया है, जिसकी सज़ा उन्हें भुगतनी पड़ेगी। बहरहाल देश के लिए अगर शंकराचार्य पूजनीय हैं, तो फिर मोरारी बापू सम्मानजनक हैं।..सिक्के के दोनों पहलू आपके सामने हैं, अब आप ये निर्णय कीजिये कौन सही और कौन ग़लत ?