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Sawan Somwar 2025: सावन का पहला सोमवार आज, जानें जलाभिषेक का शुभ समय, पूजा की खास विधि और उपाय

सोमवार शिव का प्रिय दिन है, इसे बेहद ही ख़ास माना जाता है, ऐसी मान्यता हैं. जो भी भक्त सोमवार के दिन व्रत रखकर भगवान शिव की विधि पूर्वक पूजा करता है, उसे जीवन की सभी परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है, साथ ही भोलेनाथ की असीम कृपा बनी रहती है.

14 Jul, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
12:12 AM )
Sawan Somwar 2025: सावन का पहला सोमवार आज, जानें जलाभिषेक का शुभ समय, पूजा की खास विधि और उपाय

श्रावण मास का आज पहला सोमवार है, ये एक ऐसा पावन दिन है. जो सिर्फ पूजा- पाठ तक सीमित नहीं है, बल्कि भारत की संस्कृति से बेहद ही गहराई से जुड़ा हुआ है. सावन के महीने का शिव भक्तों को बड़ी ही बेसब्री से इंतज़ार रहता है, यही वो महीना है जो भोलेनाथ को समर्पित है, इस महीने में भक्त महादेव की आराधना करते हैं. 

सोमवार शिव का प्रिय दिन है, इसे बेहद ही ख़ास माना जाता है, ऐसी मान्यता हैं. जो भी भक्त सोमवार के दिन व्रत रखकर भगवान शिव की विधि पूर्वक पूजा करता है, उसे जीवन की सभी परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है, साथ ही भोलेनाथ की असीम कृपा बनी रहती है. कहा जाता है की ये पूजा उन लोगों के लिए बहुत ही ज़्यादा फलदायक होती है, जो हेल्थ की समस्या से परेशान हो, या जिनकी शादी में विलंब हो रहा हो, या फिर जो गरीबी और दरिद्रता से घिरा हो. महादेव की आराधना करने से सारे संकट दूर हो जाते हैं, कहा जाता है कि सावन में सोमवार का व्रत रखने से मन चाहा वर भी प्राप्त होता है.

सावन सोमवार में जलाभिषेक का श्रेष्ठ समय क्या कहा? 
प्रात:काल ब्रह्म मुहूर्त से लेकर प्रदोष काल तक शिव जी की पूजा की जा सकती है. लेकिन जलाभिषेक के लिए विषेश मुहूर्त इस प्रकार है. 
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 4 बजकर 15 से लेकर 5 बजे तक 
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 से लेकर 12 बजकर 50 मिनट तक

सावन के सोमवार की पूजन विधि
शिवलिंग की पूजा के लिए मंदिर जाएं या घर पर शिवलिंग स्थापित करके श्रद्धा और नियम से पूजन करें शिवलिंग का अभिषेक जल, दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से करें इसके बाद बेलपत्र, सफेद पुष्प, धतूरा, आक, अक्षत और भस्म अर्पित करें फिर भगवान शिव को सफेद मिठाई का भोग लगाएं और तीन बार ताली बजाते हुए उनका नाम स्मरण करें.

सावन सोमवार पूजा का धार्मिक महत्व
सावन सोमवार पूजा का धार्मिक महत्व हिंदू धर्म में बहुत विशेष है, क्योंकि सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है मान्यता है कि इस दौरान शिवजी की पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-शांति मिलती है सोमवार, जो शिव का प्रिय दिन है, सावन में और भी पवित्र हो जाता हैयह पूजा भक्ति, आत्म-शुद्धि और शिव की कृपा प्राप्त करने का मार्ग हैकुंवारी कन्याएं इस व्रत को विशेष श्रद्धा से करती हैं ताकि उन्हें मनचाहा वर प्राप्त हो. यह व्रत नकारात्मक ऊर्जा, रोग और दरिद्रता को दूर करने में सहायक माना जाता है.

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सावन के पहले सोमवार पर ख़ास उपाय 
सावन के पहले सोमवार को श्रद्धापूर्वक शिव पूजा करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. इस दिन किया गया छोटा-सा उपाय भी जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है पूजा प्रदोष काल (सूर्यास्त से ठीक पहले) में करने का विशेष महत्व है. शिवलिंग पर जल की धारा अर्पित करें  बेलपत्र, आक, धतूरा और सफेद पुष्प चढ़ाएंपूजा के बाद मंदिर या घर में शुद्ध घी का दीपक जलाएं, जो समृद्धि, सुख और सकारात्मक ऊर्जा लाता है शिवलिंग की कम से कम सात परिक्रमाएं करें, प्रत्येक परिक्रमा में "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें अंत में शांत मन से भगवान शिव के चरणों में अपनी मनोकामना व्यक्त करें स विधि से पूजा करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में शांति व समृद्धि आती है.

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