प्रेमानंद महाराज ने की भयंकर भविष्यवाणी, सुनकर दंग रह जाएंगे आप !
कलयुग में लोगों को सही राह दिखाने वाले प्रेमानंद महाराज जी अब एक बार फिर चर्चा में आ गये हैं, एक बार फिर लोगों के बीच सुर्खियों में बने हुए हैं, लेकिन इस बार महाराज जी अपनी की हुई एक भविष्यवाणी को लेकर चर्चा में बने हुए हैं कि "मैं कभी भी मर सकता हूं", ये बात सुनकर महाराज जी के भक्त काफी परेशान नजर आ रहे हैं.

प्रेमानंद महाराज एक ऐसे संत हैं जिन्होंने दुनिया को सही मार्ग पर चलने के लिए सटीक रास्ता दिखाया, जिन्होंने भक्तों को हर परेशानी का हल बताया, जिन्होंने इस दुनिया को भक्ति का सही मतलब समझाया, आज वही प्रेमानंद महाराज जी एक बार फिर सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रहे हैं, लेकिन इस बार किसी भक्ति भाव से नहीं अपनी ही एक भविष्यवाणी की वजह से प्रेमानंद महाराज चर्चाओं में हैं क्योंकि उन्होंने इस बार खुद के मौत की भविष्यवाणी कर दी है. जिसके बाद सोशल मीडिया पर इस खबर ने हलचल मचा दी लेकिन उन्होंने ऐसा क्यों कहा ?, क्या ये भविष्यवाणी सच होने वाली है? क्या प्रेमानंद महाराज जल्द ही अपना शरीर त्याग करने वाले हैं?
कान्हा की नगरी वृंदावन में विराजने वाले प्रेमानंद महाराज जी अपने विचारों के लिए, अपने मार्गदर्शन के लिए आये दिन सोशल मीडिया पर छाये रहते हैं, लेकिन हाल ही में प्रेमानंद महाराज द्वारा की गई एक भविष्यवाणी ने उनके भक्तों को डरा कर रख दिया है. क्योंकि उनके पास पहुंचे एक भक्त ने जब प्रेमानंद महाराज ने कहा भक्त जब से कोरोना शुरू हुआ है तब से मैं हर दिन सैनिटाइजर का उपयोग करता हूं, करीब 200 से 300 बार हाथ धो लेता हूं. ऐसा लगता है कि मेरे आसपास वायरस के होने का डर लगा रहता है, मेरा जो परिवार है वह बहुत पूजा-पाठ करता है, फिर भी मुझे इतना डर लगता है कि अगर मैं बाहर निकलता हूं तो घर आकर 2 से 3 घंटे नहाता हूं, पूरा साबुन ही खत्म कर देता हूं. भक्त की बात सुनकर प्रेमानंद महाराज जी ने बड़ी ही सहजता के साथ उसे समझाते हुए कहा कि प्रेमानंद महाराज तुमको अगर कुछ हो जाएगा तो एक बार मुझ पर भरोसा करके छोड़ दो, बस शौच के बाद साबुन लगाकर हाथ जरूर धो लेना.
इतना ही नहीं भक्त ने अपनी और परेशानी बताते हुए कहा कि भक्त और डाक्टर मैं ऑटो में भी बैठ नहीं सकता, किसी भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सवारी नहीं कर सकता, लेकिन वहां मौजूद एक शख्स ने कहा कि मैं एक डॉक्टर हूं और इस युवक को साइकोलॉजिकल बीमारी है, जिसे हम आम भाषा में ओसीडी भी कह सकते हैं. तब ये बात सुनकर प्रेमानंद महाराज ने भक्त को समझाया और कहा कि प्रेमानंद महाराज डर किस बात का, मेरी तो दोनों किडनियां खराब हैं, मैं कभी भी मर सकता हूं, आये दिन मेरा डायलिसिस होता है, मेरे साथ कभी भी कुछ हो सकता है, मैं मरने के लिए तैयार हूं, मुझे कोई डर नहीं है, मैं निडर हूं, तुम जवान होकर भी डर रहे हो .