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बिहार चुनाव पर प्रशांत किशोर की कभी न भूलने वाली भविष्यवाणी, सामने आई बड़ी बात

अपनी भविष्यवाणी पर अडिग जनसुराज पार्टी के कर्ताधर्ता प्रशांत किशोर का साफ़ कहना है, भविष्यवाणी सत्य ना होने पर राजनीति को बॉय-बॉय कर देंगे। लेकिन क्या प्रशांत किशोर के लिए राजनीति छोड़ने की नौबत आएगी? PK की भविष्यवाणी के बीच सीएम नीतीश कुमार की ख़ुद की सिग्नेचर भविष्यवाणी क्या कहती है, इसी पर देखिए हमारी आगे की ये रिपोर्ट.

30 Jun, 2025
( Updated: 30 Jun, 2025
04:04 PM )
बिहार चुनाव पर प्रशांत किशोर की कभी न भूलने वाली भविष्यवाणी, सामने आई बड़ी बात

राजनीतिक परिस्थितियों की गुलाम मानी गई है. शतरंज के इस खेल में प्यादा कब राजा बनकर बाज़ी मार जाए, इसकी भनक राजनीतिक पंडितों को भी नहीं लग पाती है. तभी तो बिहार चुनाव से ठीक 100 दिन पहले राजनीतिक भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणी करने का सिलसिला शुरू हो गया है. बिहार के बिहारी बाबू अपने वादे पर अडिग रहे, एनडीए के साथ रहे, शपथ तक डंटे रहे। अब तक इस पर चर्चा होती रही, लेकिन अब जब बिहारी बाबू के 5 साल पूरे होने जा रहे हैं, तो चुनावी डुगडुगी बजने से पहले ही उनकी कुर्सी ख़तरे में बताई जा रही है. इतिहास गवाह है, हारी हुई बाज़ी को जीतने वाले नीतीश कुमार पिछले 19 सालों से बिहार की सत्ता में हैं. 6 बार भाजपा को छोड़ा और पकड़ा, 2 बार आरजेडी के साथ मिलकर प्रदेश की सत्ता चलाई और फिर किंग मेकर की भूमिका में आकर वर्तमान में प्रदेश के सीएम हैं. लेकिन उनकी यही सत्ता अब ख़तरे में है, जिसकी भविष्यवाणी उन्हीं के शुभचिंतक प्रशांत किशोर कर रहे हैं. अपनी भविष्यवाणी पर अडिग जनसुराज पार्टी के कर्ताधर्ता प्रशांत किशोर का साफ़ कहना है. भविष्यवाणी सत्य न होने पर राजनीति को बॉय-बॉय कर देंगे. लेकिन क्या प्रशांत किशोर के लिए राजनीति छोड़ने की नौबत आएगी? PK की भविष्यवाणी के बीच सीएम नीतीश कुमार की ख़ुद की सिग्नेचर भविष्यवाणी क्या कहती है, इसी पर देखिए हमारी आगे की ये रिपोर्ट.

2025 के बचे 6 महीनों में ही बिहार को अपना नया किंग मिल जाएगा, क्योंकि इसी साल के अंतिम महीनों में चाणक्य की धरती चुनावी मौसम में रंगी दिखेगी. बिहार की 243 सीटों पर चुनावी संग्राम छिड़ेगा और इसी चुनावी जंग में जनसुराज पार्टी के संरक्षक प्रशांत किशोर अभी से फुल एक्टिव मोड में आ चुके हैं. जो कभी नीतीश बाबू के लिए चुनाव जीतने की पटकथा लिखा करते थे, आज उन्हीं की जड़ें उखाड़ फेंकने की भविष्यवाणी कर रहे हैं. हाल ही में उन्होंने इस बात की भविष्यवाणी कर डाली है कि जेडीयू 25 सीटों पर ही सिमट जाएगी और नीतीश कुमार फिर से सीएम नहीं बन पाएंगे खुलकर इस बात की भविष्यवाणी कर रहे हैं.

बिहार में 60 फीसदी से ज़्यादा लोग बदलाव चाहते हैं। अगले दो महीनों में यह साफ़ हो जाएगा कि ये लोग किसे वोट देंगे. क्या वे फिर से उन पर भरोसा करेंगे जिन्होंने पहले उन्हें निराश किया है, या किसी नए विकल्प को चुनेंगे? किसी भी हाल में नवंबर के बाद बिहार को नया मुख्यमंत्री मिलेगा, मैं यह लिखकर दे सकता हूं. पूरा बिहार जानता है कि नीतीश कुमार की हालत अब ऐसी नहीं है कि वह बिहार को संभाल सकें. वह मंच पर पीएम मोदी का नाम तक भूल जाते हैं. राष्ट्रगान बजने पर उन्हें समझ नहीं आता कि यह राष्ट्रगान है या कव्वाली. पिछले एक साल में उन्होंने मीडिया से बात तक नहीं की। जब वह खुद की देखभाल करने की स्थिति में नहीं हैं, तो बिहार की देखभाल कैसे करेंगे? अगर हमें यह पता है, तो क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह को नहीं पता? प्रशांत किशोर यानी पीके का साफ़ कहना है. भविष्यवाणी ग़लत साबित हुई तो राजनीति से संन्यास ले लेंगे. ऐसे में सवाल उठता है कि अबकी बार राजनीति से संन्यास लेता हुआ कौन दिखेगा? बात अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की करें, तो उनकी खुद की तक़दीर में आगे क्या लिखा है. आइए जानते हैं उन्हीं के सिग्नेचर से, जो बता रहे हैं सिग्नेचर एस्ट्रोलॉजर विवेक त्रिपाठी जी.

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