Advertisement

जगन्नाथ पुरी धाम से PM Modi ने सनातन विरोधियों को दिया मुँह तोड़ जवाब

ओडिशा में पीएम मोदी की जय-जय कार जगन्नाथ धाम से भक्तों के लिए बड़ी ख़ुशख़बरी। सालों से बंद दरवाज़े अब जाकर खोले गये। अब क्या रत्न भंडार की बारी है ? देखिये सिर्फ़ धर्म ज्ञान पर

21 Jun, 2024
( Updated: 03 Dec, 2025
02:06 PM )
जगन्नाथ पुरी धाम से PM Modi ने सनातन विरोधियों को दिया मुँह तोड़ जवाब

तीसरी बार देश की सत्ता सँभालते ही पीएम मोदी ने कुछ ऐसा किया है, जिसके बाद से प्रभु जगन्नाथ के भक्त मोदी की जय-जय कार करने लगे हैं। प्रभु जगन्नाथ ने पीएम मोदी को जीत का आशीर्वाद क्या दिया, एक्शन में आए पीएम मोदी ने अपने एक काम से महाप्रभु के भक्तों का दिल जीत लिया। क्या है ये पूरा मामला, आईये आपको बताते हैं धर्म ज्ञान की इस ख़ास रिपोर्ट में। 

4 जून के दिन पीएम मोदी ने नवीन पटनायक की 24 सालों की सत्ता को ढहा दिया। बेशक पीएम मोदी प्रचंड बहुमत से दूर रहे, गठबंधन की सरकार बनाने में कामयाब रहे लेकिन ओड़िसा में प्रभु जगन्नाथ के आशीर्वाद ने पीएम मोदी की जीत का परचंम लहरा दिया। 78 सीटें जीतकर भाजपा ने पटनायक की सरकार को उखाड़ फैंका और इसी के साथ आज ओड़िसा की सत्ता में कमल खिल चुका है लेकिन क्या आप जानते हैं, ओड़िसा में भाजपा को मिली इसी ऐतिहासिक जीत का श्रेय पीएम मोदी को दिया जाता है क्योंकि चुनाव बीच जगन्नाथपुरी धाम जाकर पीएम मोदी ने ना सिर्फ प्रभु जगन्नाथ के दरबार में नतमस्तक हुए बल्कि भक्तों की आस्था को देखते हुए कई ऐसे वादे भी किये, जिन पर काम करना शुरु क़र दिया है। 

महाप्रभु के दर्शन करने के बाद पीएम मोदी ने जनता के बीच जाकर इस बात का आश्वासन दिया था कि उनकी पार्टी जनता के सपनों को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। तभी तो सत्ता में आते ही पीएम मोदी ने मंदिर के बंद पड़े बाक़ी तीनों दरवाज़े खुलवा दिये।  दरअसल जगन्नाथ मंदिर के चारों कपाट भक्तों के लिए खोल दिये गये हैं, इन अलग-अलग दिशा में मौजूद मंदिर के तीन दरवाज़ों को कोरोना काल में बंद कर दिया गया था। अब तक एक दरवाजा भक्तों की इंट्री और एग्जिट के लिए खुला हुआ था, जिस गेट से अभी भक्तों का आवागमन था, उस गेट का नाम है ‘सिंह द्वार अब तीनों द्वार यानी व्याघ्र द्वार, हस्ति द्वार और अश्व द्वार से भी भक्त अपने आराध्य के दर्शन कर सकेंगे। ये जग ज़ाहिर है, भाजपा ने चुनाव से पहले इन दरवाजों को खुलवाने का वादा किया था, बीते पांच सालों से इन्हीं कपाट को खोलने की माँग उठ रही थी, जिस पर कार्रवाई करते हुए प्रशासन की तरफ़ से खोल दिये गये हैं। मंदिर के चारों द्वार खोले जाने पर भक्त सबसे ज़्यादा आनंदित हैं, और अब रत्न भंडार को खोले जाने की उम्मीद भी की जा रही है, जिसकी चाबीं पटनायक सरकार में खो चुकी थी। 

मंदिर के जिन 4 द्वार के खोले जाने से भक्तजन उत्साहित है, उसके बारे में आप ये जान लें कि ये चारों दरवाजें चार दिशाओं में हैं। पूर्व दिशा में मौजूद सिंह द्वार मंदिर का मुख्य द्वार है, इसे मोक्ष का द्वार माना गया है। पश्चिम दिशा में व्याघ्र द्वार मौजूद है, इस गेट से संत और खास भक्त प्रवेश करते हैं। उत्तर दिशा में हस्ति द्वार है, इसे धन लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है, इसी द्वार पर दोनों तरफ हाथी की आकृति बनी हुई है, जिन्हें मुगल काल में क्षतिग्रस्त कर दिया था। दक्षिण दिशा में अश्व द्वार है, जीत की कामना के लिए योद्धा इस गेट का इस्तेमाल करते थे। 


यह भी पढ़ें

प्रभु जगन्नाथ का रत्न भंडार..जहां मंदिर का ख़ज़ाना मौजूद रहता है। उस ख़ज़ाने की सुरक्षा में लगे दरवाज़े पर जड़े ताले की चाबी फ़िलहाल ग़ायब है और अब मंदिर से जुड़ी दो अहम फाईले भी गायब हो चुकी है। चाबी कहां गुम हो गई ? इसको लेकर रहस्यों का जाल बना हुआ है। ये पूरा मामला अबका नहीं बल्कि 5 साल पुराना है..1985 में रत्न भंडार खोला गया था और तब से लेकर आज रत्न भंडार के कपाट खोले नहीं गये हैं। रत्न भंडार में क्या कुछ है, इसको लेकर साल 2018 में सरकार की तरफ़ से जो रिपोर्ट पेश की गई , उसके मुताबिक़ ये बात कही गई कि रत्न भंडार में 12831 भारी सोने के गहने हैं। करोड़ों की माया महाप्रभु के इसी रत्न भंडार में हैं, अब जब प्रभु जगन्नाथ की कृपा से प्रदेश और केंद्र में डबल इंजन की सरकार है, तो ऐसे में क्या अब खोयी हुई चाबी जल्द मिलने वाली है ? क्या पीएम मोदी की तीसरे कार्यकाल में ही रत्न भंडार के द्वार खोले जाएँगे ? आपको क्या लगता है। मंदिर के कपाट खुलने के बाद अब क्या रत्न भंडार की बारी है ? कमेंट करके ज़रूर बताइयेगा।


Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
'मुसलमान प्रधानमंत्री बनाने का प्लान, Yogi मारते-मारते भूत बना देंगे इनका’ ! Amit Jani
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें