अयोध्या दीपोत्सव 2025 में 2000 कलाकारों की गूंज, अवधी-भोजपुरी भजन और सीएम योगी के आदेश पर बन रहा भव्य मंच!
अयोध्या में दीपोत्सव 2025 इस बार कुछ खास लेकर आने वाला है. हजारों दीपों की रोशनी के बीच जब 2000 से अधिक कलाकार मंच संभालेंगे, तो हर कोई मंत्रमुग्ध रह जाएगा. आखिर इस बार का दीपोत्सव क्यों बनेगा यादगार. पूरी जानकारी के लिए आगे पढ़े.
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अयोध्या में दीपोत्सव 2025 को लेकर जबरदस्त उत्साह अभी से देखने को मिल रहा है. क्योंकि सीएम योगी के निर्देश पर महोत्सव में इस बार स्थानीय कलाकारों को भी मिलेगा बढ़चढ़कर प्रतिभाग करने का अवसर. ऐसे में दीपोत्सव में 2000 से अधिक कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे. इनमें उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों के करीब 500 कलाकार भी प्रतिभाग करेंगे. स्थानीय स्तर पर अयोध्या के लगभग 300 स्थानीय कलाकार भी इस भव्य आयोजन में शामिल होंगे. चलिए विस्तार से जानते हैं…
वृहद और मध्यम मंचों के साथ 07 छोटे मंचों पर होगा सांस्कृतिक प्रदर्शन
अयोध्या अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान के सलाहकार और विशेष कार्याधिकारी आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि अयोध्या में इस बार एक वृहद मंच, तीन मध्यम मंच और सात छोटे मंच बनाए जा रहे हैं. इन मंचों पर देशभर से आए कलाकार अवधी और भोजपुरी भजन व लोक संगीत की प्रस्तुतियों से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध करेंगे.
श्रद्धालुओं के लिए रहेंगे तीन प्रकार के मंच
अयोध्या अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान के सलाहकार और विशेष कार्याधिकारी आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि राम कथा पार्क में वृहद मंच और मध्यम मंच तुलसी उद्यान, बड़ी देवकाली और गुप्तार घाट पर स्थापित किए जा रहे हैं. इन मंचों पर भगवान श्रीराम के जीवन प्रसंगों पर आधारित भव्य नाट्य मंचन होंगे.
सात छोटे मंचों पर दिखेगा कलाकारों का हुनर
दीपोत्सव में आने वाले श्रद्धालुओं को रामकथा सुनने और प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सात छोटे मंच भी बनाए जा रहे हैं. यहां अयोध्या और आसपास के जिलों के कलाकार पारंपरिक लोकगीत, नृत्य और नाट्य प्रदर्शन करेंगे. इससे स्थानीय कलाकारों को अपने हुनर को बड़े मंच पर प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा.
झांकियों के साथ चलते कलाकार दिखाएंगे सांस्कृतिक झलक
दीपोत्सव की शोभायात्रा में 22 भव्य झांकियां शामिल होंगी. इन झांकियों पर और उनके आगे-पीछे कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए चलेंगे. रामायण के विभिन्न प्रसंगों पर आधारित इन झांकियों से श्रद्धालुओं को दिव्य अनुभूति होगी.
अयोध्या की संस्कृति का होगा विराट संगम
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दीपोत्सव 2025 में अयोध्या न सिर्फ भक्ति और आस्था की नगरी बनेगी, बल्कि सांस्कृतिक विविधता का केंद्र भी होगी. अवधी, भोजपुरी, ब्रज और फगुआ की लहरियों से गूंजती अयोध्या अपनी सनातन संस्कृति की झलक पूरे विश्व को दिखाएगी.
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