आज तृतीया और चतुर्थी का श्राद्ध एक साथ कैसे करें? जानें पितरों की शांति के उपाय
आज ही के दिन यानी 10 सितंबर को चतुर्थी का श्राद्ध भी किया जाएगा. इस दिन परिवार के उन सदस्यों का श्राद्ध किया जाना चाहिए जिनकी मृत्यु कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को हुई हो. श्राद्ध करने के बाद आप गरीबों में पितरों के नाम से सफेद कपड़ों का दान भी जरूर करें और जानकारी के लिए आगे पढ़ें...
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पितृ पक्ष 7 सितंबर से शुरू हो चुका है और 21 सितंबर तक चलने वाला है. ये समय पितरों के लिए बेहद ही खास होता है. मान्यता है कि इस दौरान पितृ अपने परिजनों से मिलने धरती पर आते हैं. इसलिए इन दिनों में पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध किया जाता है. ऐसे में आज यानी बुधवार को दो तिथियों का श्राद्ध एकसाथ होने वाला है. तृतीया और चतुर्थी का श्राद्ध का कितना महत्व होता है, आइए जानते हैं. लेकिन उससे पहले जानते हैं कि तृतीया और चतुर्थी तिथि पर किनका श्राद्ध किया जाएगा…
तृतीया पर किसका श्राद्ध किया जाएगा?
आज यानी तृतीया तिथि पर उन व्यक्तियों का श्राद्ध किया जाना चाहिए जिनकी मृत्यु तृतीया तिथि को हुई हो. इस दिन आप श्राद्ध करने के बाद ब्राह्मणों को भोजन भी जरूर करवाएं और पितरों के नाम से दान भी जरूर करें.
चतुर्थी तिथि पर किसका श्राद्ध किया जाएगा?
आज ही के दिन यानी 10 सितंबर को चतुर्थी का श्राद्ध भी किया जाएगा. इस दिन परिवार के उन सदस्यों का श्राद्ध किया जाना चाहिए जिनकी मृत्यु कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को हुई हो. श्राद्ध करने के बाद आप गरीबों में पितरों के नाम से सफेद कपड़ों का दान भी जरूर करें.
दोनों तिथियों के श्राद्ध को एकसाथ कैसे करें?
श्राद्ध करने के लिए स्नान आदि कर हरे या सफेद रंग के हल्के वस्त्र धारण कर लें. इसके बाद जहां आपको श्राद्ध करना है, उस स्थान को अच्छे से साफ कर लें. साथ ही घर को गंगाजल से शुद्ध करें. इसके बाद दक्षिण दिशा की ओर अपना मुख करके बैठ जाएं और फिर काले तिल, जौ, चावल, दूध, और शहद से दोनों का अलग-अलग तर्पण करें. सात्विक भोजन जैसे कि खीर, पूड़ी, दाल से ब्राह्मणों को भोजन करवाएं. इसके बाद आज जिन व्यक्तियों का श्राद्ध कर रहे हैं, उनके नाम से ब्राह्मणों को सफेद वस्त्र या फिर उनकी जरूरत का सामान दान करें.
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पितरों की आत्मा की शांति के लिए करें ये उपाय
- आज पितरों के नाम से श्राद्ध जरूर करें.
- गरीबों में पितरों के नाम से भोजन करवाएं.
- पितरों के नाम से गरीबों को वस्त्र, चप्पल और छाता जरूर दान करें.
- कुत्तों को पितृपक्ष के दौरान खाना जरूर खिलाएं.
- गाय को हरा चारा आज जरूर खिलाएं.
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