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सीजफायर के बीच पाकिस्तान को कब तक पुचकारेगा अमेरिका ? स्वामी योगेश्वरानंद गिरि महाराज की भविष्यवाणी

आज का सबसे बड़ा सवाल यही है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख अमेरिका की कठपुतली कब तक बनकर रहेंगे ? इसी पर स्वामी योगेश्वरानंद गिरि महाराज जी की भविष्यवाणी नीचे दिए गए वीडियो में देखें

21 Jun, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
06:54 AM )
सीजफायर के बीच पाकिस्तान को कब तक पुचकारेगा अमेरिका ?  स्वामी योगेश्वरानंद गिरि महाराज की भविष्यवाणी

अमेरिका जो सार्वजनिक मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ कड़े रुख के लिए जाना जाता है, वही अब आतंक के सरपरस्त देशों के साथ गहरे रिश्ते निभाता दिखाई दे रहा है. इसका ताजा उदाहरण पाकिस्तान और उसके सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर का अमेरिका दौरा है. हैरानी की बात यह है कि अमेरिकी प्रशासन ने पहली बार किसी देश के सैन्य प्रमुख को व्हाइट हाउस में लंच के लिए आमंत्रित किया है, एक ऐसी परंपरा जो आमतौर पर राष्ट्राध्यक्षों के लिए आरक्षित होती है.

जनरल असीम मुनीर की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाक़ात न सिर्फ़ समय की दृष्टि से संवेदनशील मानी जा रही है, बल्कि भारत-पाकिस्तान संबंधों के परिप्रेक्ष्य में भी कई सवाल खड़े कर रही है. गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच नियंत्रण रेखा पर युद्ध विराम बना हुआ है, लेकिन हालात पूरी तरह शांत नहीं कहे जा सकते. ऐसे में असीम मुनीर जैसे सैन्य प्रमुख, जिनकी छवि भारत-विरोधी मानी जाती है, के साथ अमेरिका की गर्मजोशी से भरी यह बैठक भारत के लिए चिंताजनक संकेत हो सकती है. सूत्रों के अनुसार, जनरल मुनीर वही व्यक्ति हैं, जो 1971 की हार का बदला लेने की बात सार्वजनिक मंचों पर दोहरा चुके हैं और कश्मीर मुद्दे को लेकर तीखे तेवर दिखा चुके हैं. हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले की साजिश के पीछे भी उनके संदेहास्पद संबंधों की चर्चा हो रही है, हालांकि इस पर आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.

राजनयिक जानकारों का कहना है कि अमेरिका की यह पहल पाकिस्तान को फिर से रणनीतिक सहयोगी बनाने की दिशा में एक संकेत हो सकती है।. इसके पीछे चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने की मंशा भी हो सकती है, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह दोस्ती आतंक के खिलाफ अमेरिका के घोषित सिद्धांतों को कमजोर नहीं करती? एक और चिंता की बात यह है कि पाकिस्तान की सेना पर पहले से ही यह आरोप लगता रहा है कि वहां लोकतंत्र महज दिखावा है और असली सत्ता सेना के हाथों में होती है. अब जब सेना प्रमुख को वैश्विक मंचों पर नेतृत्वकर्ता की तरह सम्मान दिया जा रहा है, तो यह पाकिस्तान की राजनीति और लोकतंत्र के लिए भी एक संकेत है. सबसे बड़ा सवाल यही है,क्या पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर वाकई अमेरिका की रणनीतिक कठपुतली बनते जा रहे हैं? और अगर हां, तो यह गठबंधन दक्षिण एशिया की स्थिरता के लिए आने वाले समय में कितना घातक साबित हो सकता है? इस विषय पर स्वामी योगेश्वरानंद गिरि महाराज की भविष्यवाणी नीचे दिए गए वीडियो पर देखें.

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