पीएम मोदी खुद से लेंगे कितना बड़ा फ़ैसला? पीवीआर नरसिम्हा भविष्यवाणी
20 दिन बाद पीएम मोदी का जन्मदिन है. उनकी ज़िंदगी के 76वें साल की एक नई शुरुआत होगी. और इसी नई शुरुआत में पीएम मोदी ख़ुद से कितना बड़ा फ़ैसला ले सकते हैं, जिसके चलते दिल्ली से वाशिंगटन डीसी तक भूकंप आना निश्चित है. इसी पर अमेरिकी धरती से अमेरिकी हिंदू ज्योतिष की वायरल भविष्यवाणी क्या कहती है? देखिये धर्म ज्ञान पर.
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भारत-अमेरिका के रिश्तों में आई खटास गहराती जा रही है. तभी तो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहकर भी ट्रंप की कॉल्स का जवाब नहीं दे रहे हैं. जर्मन अख़बार सीना ठोककर यह दावा कर रहा है कि बात करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने चार दफ़ा फ़ोन मिलाया और पीएम मोदी ने हर बार कॉल लेने से साफ़ इनकार कर दिया. इन सबके बीच 20 दिन बाद पीएम मोदी का जन्मदिन है. उनकी ज़िंदगी के 76वें साल की एक नई शुरुआत होगी. और इसी नई शुरुआत में पीएम मोदी ख़ुद से कितना बड़ा फ़ैसला ले सकते हैं, जिसके चलते दिल्ली से वाशिंगटन डीसी तक भूकंप आना निश्चित है. इसी पर अमेरिकी धरती से अमेरिकी हिंदू ज्योतिष की वायरल भविष्यवाणी क्या कहती है? देखिये धर्म ज्ञान पर.
ये बात किसी से छिपी नहीं है कि पिछले 25 सालों से संजोए गए भारत-अमेरिका संबंधों में खटास उस वक़्त आई, जब सत्ता में दोबारा आकर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर 50 फ़ीसदी का टैक्स लगाया. या फिर यूँ कहें कि अमेरिका की नज़रों में रूस से तेल ख़रीदने की क़ीमत अब भारत चुकाएगा. हालांकि आज का भारत अब पहले जैसा नहीं रहा. तभी तो 50 फ़ीसदी टैरिफ़ के आगे झुकने की बजाय सीना तानकर अपनी शर्तों पर रूस से तेल ख़रीद रहा है.
इन सबके बीच जर्मन अखबार फ्रैंकफर्टर ऑलगेमाइन में छपी एक ख़बर में यह दावा किया जा रहा है कि ट्रंप ने हाल के हफ्तों में कम से कम चार बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फ़ोन पर बातचीत की कोशिश की. लेकिन पीएम मोदी ने हर बार कॉल लेने से इनकार कर दिया. इन दावों में कितनी सच्चाई है, इसकी आधिकारिक रूप से पुष्टि कर पाना अभी मुश्किल है. हालांकि सरकारी सूत्रों की मानें तो सरकार इस तरह के दावों को ख़ारिज करती है.
ट्रंप ने पीएम मोदी को फ़ोन किया है या नहीं, और पीएम मोदी की तरफ़ से जवाब दिया गया है या नहीं, यह तो मालूम नहीं. लेकिन अभी की परिस्थितियों को देखते हुए ट्रंप को भारत-विरोधी चश्मे से देखा जाना शुरू हो चुका है. माना जा रहा है कि अब भारत-अमेरिका के रिश्ते मित्रता की पटरी पर आने वाले नहीं हैं.वहीं, अमेरिकी ज़मीन से एक हिंदू ज्योतिष ने इन दावों से साफ़ इनकार किया है. सवाल यह है कि पीएम मोदी का आने वाला समय भारत-अमेरिका के रिश्तों में खाई खोदने का कार्य करेगा या फिर उन्हें पटरी पर लेकर आएगा? इसी को लेकर अमेरिकी हिंदू ज्योतिष पीवीआर नरसिम्हा राव मीडिया की सुर्खियों में आ गए हैं.
इंजीनियरिंग स्नातक पीवीआर नरसिम्हा राव आज की तारीख़ में एक ऐसी प्रभावशाली शख़्सियत हैं, जिनके सानिध्य में इस वक़्त अमेरिका में सनातन का प्रचार-प्रसार हो रहा है. वे इंडो-अमेरिकन ज्योतिषी हैं. आईआईटी मद्रास से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने ह्यूस्टन के राइस विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री हासिल की. संस्कृत और हिंदी के विद्वान होने के साथ-साथ पेशे से वे सॉफ्टवेयर इंजीनियर भी हैं. उन्होंने जगन्नाथ होरा नाम से एक ज्योतिष सॉफ्टवेयर भी बनाया है और आज ज्योतिष के माध्यम से लोगों का मार्गदर्शन कर रहे हैं. भले ही अमेरिका में रहते हैं, लेकिन भारत में उनकी गहरी दिलचस्पी है. तभी तो भारत के भविष्य को लेकर उनकी भविष्यवाणियाँ अक्सर सटीक बैठती हैं. 2024 को लेकर ज्योतिषी नरसिम्हा राव अपनी गणनाओं के आधार पर कह चुके हैं कि आने वाला साल भारत के लिए सफलता और विफलताओं से भरा रहेगा. 2023 सितंबर के बाद से विपक्ष हावी होता दिखेगा. इस दौरान आतंकवाद बढ़ेगा, देश के आंतरिक दुश्मन साज़िशें करेंगे और कई चुनौतियों से सत्ताधारी बीजेपी को गुजरना पड़ेगा. लेकिन अंत में बीजेपी पुनः सत्ता जीतने में कामयाब रहेगी. कोरोना महामारी को लेकर ट्रंप के हारने की भविष्यवाणी भी इनकी सच साबित हुई थी. नरसिम्हा राव साफ़-साफ़ सांकेतिक रूप से भविष्यवाणी कर चुके हैं कि आने वाला समय सनातन का होगा. दुनिया सनातन को अपनाना शुरू कर देगी, जिसके चलते भारत की ताक़त लगातार बढ़ती चली जाएगी. भारत एक विश्वगुरु के तौर पर दुनिया का नेतृत्व करेगा. हालांकि इस बीच दुनिया को ख़राब अर्थव्यवस्था, अस्थिरता और नास्तिकता का सामना करना पड़ेगा. लेकिन 2030 तक सनातन में ये तमाम समस्याएँ समाहित हो जाएँगी. दुनिया सनातन के रास्ते पर चलकर खुद को बदलेगी और सनातनी हो जाएगी. अंततः सनातन को विश्व स्तर पर स्वीकार किया जाएगा.
हाल ही में पीवीआर नरसिम्हा जी ने भारत-अमेरिका के रिश्तों का भी भविष्य बताया है. उनका साफ़ कहना है कि ट्रंप का समय दिसंबर तक मज़बूत रहेगा. क्योंकि उनके दशा चक्र में राहु की दशा चल रही है, जो दिसंबर 2025 तक है और राहु उनकी पॉवर को दर्शाता है. दिसंबर के बाद परिवर्तन संभव है. गुरु की दशा अष्टम भाव में वृश्चिक राशि में होगी, और गोचर में गड़बड़ियाँ दिसंबर के बाद से दिखेंगी. हालाँकि, भारत पर ट्रंप का दबाव लंबे समय तक नहीं रहेगा. भारत-अमेरिका के रिश्ते बिगड़ने वाले नहीं हैं. अभी की स्थिति ज्यादा समय तक टिकने वाली नहीं है. फिलहाल गुरु अतिचारी स्थिति में है, जिस कारण नेताओं का इंटेलेक्ट भ्रष्ट हो सकता है. यह नाज़ुक वक़्त है और ग़लत फ़ैसले लिये जा सकते हैं, लेकिन यह सब छोटे समय के लिए होगा. 2025 और 2026 में जो भी घटनाएँ होंगी या जो भी फ़ैसले लिए जाएँगे, उनका प्रभाव दूरगामी नहीं रहने वाला है. नरसिम्हा जी ने यह भी उदाहरण दिया कि 1960 में भारत-चीन "भाई-भाई" का नारा गूंजा था, लेकिन हकीकत कुछ और सामने आई. चीन हमेशा दोस्त बनने का नाटक करेगा और भारत को भी यही नाटक करना चाहिए, क्योंकि चीन कभी उसका सगा नहीं हो सकता.
वहीं, पीएम मोदी की कुंडली के अनुसार अक्टूबर के बाद उन पर दबाव बढ़ेगा. अक्टूबर के बाद किसान आंदोलन जैसी परिस्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं. उनकी कुंडली में सत्ता परिवर्तन का योग दिखाई देता है. इसलिए नरसिम्हा जी का कहना है कि मोदी जी ख़ुद से पद छोड़ेंगे. 2026 से 2028 के बीच वे किसी और को प्रधानमंत्री बनाकर जाएंगे. मोदी जी की कुंडली में तीन बार जीतने का योग था, लेकिन तीसरा कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएंगे.
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