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हरियाली तीज 2025: शिव-पार्वती के दर्शन के लिए दिल्ली के इन मंदिरों में लगेगी भक्तों की भीड़

पौराणिक मान्यता है कि माता पार्वती ने कई जन्मों तक तपस्या कर शिवजी को पति रूप में प्राप्त किया. हरियाली तीज उस दिव्य मिलन का प्रतीक है. इस दिन महिलाएं व्रत रखकर शिव-पार्वती की पूजा करती हैं, श्रृंगार करती हैं और अच्छे दांपत्य जीवन की कामना करती हैं. यह दिन हरियाली और सौभाग्य का संदेश लेकर आता है. झूले, लोक गीत, मेहंदी, चूड़ियां और पारंपरिक वेशभूषा इस पर्व की पहचान हैं. शास्त्रों के अनुसार, इस दिन पूजा करने से सौभाग्य, प्रेम और समृद्धि मिलती है.

26 Jul, 2025
( Updated: 27 Jul, 2025
02:50 PM )
हरियाली तीज 2025: शिव-पार्वती के दर्शन के लिए दिल्ली के इन मंदिरों में लगेगी भक्तों की भीड़

पौराणिक मान्यता है कि माता पार्वती ने कई जन्मों तक तपस्या कर शिवजी को पति रूप में प्राप्त किया. हरियाली तीज उस दिव्य मिलन का प्रतीक है. इस दिन महिलाएं व्रत रखकर शिव-पार्वती की पूजा करती हैं, श्रृंगार करती हैं और अच्छे दांपत्य जीवन की कामना करती हैं. यह दिन हरियाली और सौभाग्य का संदेश लेकर आता है. झूले, लोक गीत, मेहंदी, चूड़ियां और पारंपरिक वेशभूषा इस पर्व की पहचान हैं. शास्त्रों के अनुसार, इस दिन पूजा करने से सौभाग्य, प्रेम और समृद्धि मिलती है.

दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर जहां हरियाली तीज पर उमड़ती है श्रद्धा

  1. कालका जी मंदिर – शक्ति की साक्षात अनुभूति
    दिल्ली के सबसे पुराने और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक कालका जी मंदिर माता दुर्गा के स्वरूप को समर्पित है. हरियाली तीज के दिन यहां विशेष पूजा, आरती और कीर्तन होते हैं. महिलाएं पारंपरिक परिधान में सज-धज कर सुबह से ही यहां दर्शन के लिए पहुंचती हैं. मंदिर के आसपास मेले और भंडारे भी लगाए जाते हैं.
  2. झंडेवालान मंदिर – शक्ति और शिव का संगम
    यह मंदिर विशेष रूप से माता झंडेवाली और शिव की संयुक्त पूजा का केंद्र है. यहां हरियाली तीज पर महिलाएं माता को श्रृंगार चढ़ाती हैं, श्रृंगार सामग्री अर्पण करती हैं और विशेष तीज गीत गाए जाते हैं. मंदिर की सजावट देखने लायक होती है.
  3. नीलकंठ महादेव मंदिर, महरौली – स्वयंभू शिवलिंग का चमत्कार
    दिल्ली के महरौली स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर में हरियाली तीज पर शिव-पार्वती की युगल पूजा होती है. मान्यता है कि यहां का शिवलिंग स्वयंभू है और यहां की पूजा विशेष फलदायी होती है. हरियाली तीज के दिन हजारों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं.
  4. गोपाल मंदिर, चांदनी चौक – ऐतिहासिक और आध्यात्मिक संगम
    पुरानी दिल्ली के गोपाल मंदिर में शिव-पार्वती की भव्य मूर्तियों की पूजा होती है. मंदिर में हरियाली तीज के लिए विशेष श्रृंगार, झूले की स्थापना और रात्रि भजन संध्या का आयोजन होता है.

तीज पर महिलाएं करती हैं विशेष श्रृंगार और व्रत

हरियाली तीज महिलाओं का विशेष पर्व है. इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं, हरे रंग के कपड़े पहनती हैं और हाथों में मेहंदी लगाती हैं. व्रत रखकर वे शिव-पार्वती की पूजा करती हैं और कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की कामना करती हैं. मंदिरों में इस दिन सामूहिक पूजा, घोंघट रस्म, तीज गीत गायन और पारंपरिक नृत्य होते हैं. कई मंदिरों में सोलह श्रृंगार प्रतियोगिता और लोक नृत्य के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं.

मंदिर परिसर में लगते हैं तीज मेले

कालका जी और झंडेवालान जैसे मंदिरों के पास तीज के दिन पारंपरिक मेलों का आयोजन होता है. इन मेलों में पूजा सामग्री, चूड़ियां, कांच के बर्तन, मेहंदी, कपड़े और मिठाइयों की दुकानें लगती हैं. महिलाएं खरीदारी करती हैं और झूलों का आनंद लेती हैं. बच्चों के लिए खिलौनों और मिठाइयों का विशेष आकर्षण होता है.

प्रशासन की विशेष तैयारी और सुरक्षा व्यवस्था

हर साल दिल्ली पुलिस और मंदिर प्रबंधन मिलकर भीड़ नियंत्रित करने के लिए विशेष योजना बनाते हैं. ट्रैफिक डायवर्जन, मेडिकल कैम्प, महिला सुरक्षा और सीसीटीवी निगरानी की व्यवस्था की जाती है. भक्तों को दर्शन में कोई परेशानी न हो, इसके लिए मंदिरों के बाहर सूचना काउंटर भी लगाए जाते हैं.

भक्ति, परंपरा और सौंदर्य का पर्व

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हरियाली तीज 2025 नारी शक्ति, भक्ति और भारतीय संस्कृति का जीवंत उदाहरण है. दिल्ली के मंदिरों में इस दिन की रौनक देखने लायक होती है. महिलाएं इस दिन शिव-पार्वती के प्रेम को अपने जीवन में उतारने का प्रयास करती हैं. यह पर्व न सिर्फ धार्मिक बल्कि सामाजिक रूप से भी स्त्रियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है.

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