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प्रयागराज से लेटे हनुमान ने औरंगजेब की औक़ात दिखाई, अब PM मोदी को और कितना उठाएँगे ?

अमृत नगरी कही जाने वाले इस प्रयागराज में ना ही अकबर अपनी दादागिरी दिखा पाया और ना ही औंरगजेब की ताक़त कुछ उखाड़ पाई क्योंकि समूचे विश्व में यही वो स्थान है, जहां महाबली हनुमान अपने लेटे अवस्था में दर्शन देते हैं। इन्हीं लेटे हनुमान के आगे इस बार जब पीएम मोदी ने शीश झुकाया, तो आशीर्वाद के रूप में किस प्रकार अजेय रहने का वरदान मिल गया। लेटे हनुमान का शिव भक्त पीएम मोदी से क्या कनेक्शन है।

15 Dec, 2024
( Updated: 15 Dec, 2024
09:57 AM )
प्रयागराज से लेटे हनुमान ने औरंगजेब की औक़ात दिखाई, अब PM मोदी को और कितना उठाएँगे ?

संगम नगरी के नाम से पहचाने जाने वाला प्रयागराज , जिसकी पावनधरा पर अगले साल महाकुंभ का आयोजन है, जिस कारण दिनों दिन यहाँ की बढ़ती रौनक़ ने इस्लामिक दुनिया को रोशन कर दिया है। यहाँ की महत्ता ऐसी है त्रिवेणी संगम पर जिस किसी ने आस्था की डुबकी लगाई, उसी क्षण उसके समस्त पाप धुल गये। अमृत नगरी कही जाने वाले इस प्रयागराज में ना ही अकबर अपनी दादागिरी दिखा पाया और ना ही औंरगजेब की ताक़त कुछ उखाड़ पाई क्योंकि समूचे विश्व में यही वो स्थान है, जहां महाबली हनुमान अपने लेटे अवस्था में दर्शन देते हैं। इन्हीं लेटे हनुमान के आगे इस बार जब पीएम मोदी ने शीश झुकाया, तो आशीर्वाद के रूप में किस प्रकार अजेय रहने का वरदान मिल गया। लेटे हनुमान का शिव भक्त पीएम मोदी से क्या कनेक्शन है..इस पर देखिये हमारी ये ख़ास रिपोर्ट।

देशभर में यूँ तो बजरंग बली को समर्पित अनगिनत मंदिर हैं लेकिन संगम तट पर स्थित बड़ा हनुमान का धाम एक ऐसा मंदिर है, जहां अंजनापुत्र अपनी लेटे अवस्था में विद्यमान हैं। गंगा, यमुना, सरस्वती के संगम पर स्थित लेटे हनुमान का धाम अबका नहीं। लगभग 700 वर्ष पुराना है राम भक्त हनुमान के इसी धाम को तोड़ने के लिए अकबर से लेकर औरंगजेब ने कई नापाक साज़िश रचीलेकिन परम ज्ञानी और शक्ति शाली हनुमान का कुछ बिगाड़ नहीं सके…ना ही अकबर की फ़ौज लेटे हनुमान को हिला पाई और ना ही औरंगजेब की ताक़त लेटे हनुमान को नुक़सान पहुँचा पाई..धरातल से 6 7 फीट नीचे दक्षिणाभिमुखी हनुमान की इसी प्रतिमा के नीचे आज भी अहिरावण दबा बैठा हैतो वहीं बाएं पैर के नीचे कामदा देवी विराजमान हैं। प्रतिमा से जुड़ी पौराणिक मान्यता तो यही कहती है

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लंका पर जीत हासिल करने के बाद जब हनुमानजी लौट रहे थे तो रास्‍ते में उन्‍हें थकान महसूस होने लगी। तो सीता माता के कहने पर वह यहां संगम के तट पर लेट गए। इसी को ध्‍यान में रखते हुए यहां लेटे हनुमानजी का मंदिर बन गया। सौ बात की एक बात ये कि प्रयागराज का श्री लेटे हनुमान जी मंदिर केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि आस्था, चमत्कार और आध्यात्मिकता का केंद्र है। महाकुंभ और संगम के साथ इसका महत्व और भी बढ़ जाता है..इसी महत्ता से परिचित शिव भक्ति पीएम मोदी जब लेटे हनुमान के धाम पहुँचे, तो उनके चरणों में नतमस्तक हो गये। प्रभु के चरणों पर बैठकर पीएम मोदी ने पूरे विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कीहल्दी ,सिंदूर , फूलमाला चढ़ाईम आरती उतारी, नैवेद्य अपर्ण किये , जिसके फलस्वरूप लेटे हनुमान से उन्हें अमरता का वरदान मिला।रण भूमि में अजेय रहने का वरदान मिला। लेटे हनुमान के प्रति पीएम मोदी की इसी भक्ति को देखते हुए यही क़यास लगाए जाने लगे कि अब काल भी पीएम मोदी का कुछ बिगाड़ नहीं सकता है।पीएम मोदी की ढाल बनीं लेटे हनुमान की शक्ति अब उन्हें दुनिया की हर नकारात्मकता से बचाएगी क्योंकि काल भी उसका बिगाड़े, जो भक्त हो महाकाल का ।

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