पितृपक्ष के दौरान लोग अक्सर कर देते हैं ये 4 गलतियां, कहीं आप भी तो इनमें शामिल नहीं! पितृ हो सकते हैं नाराज
पितृपक्ष के दौरान भूलकर भी मांसाहारी भोजन नहीं करना चाहिए. यह समय पितरों को याद करने और उनके प्रति शोक व्यक्त करने का होता है. इसलिए इस दौरान तामसिक भोजन से बचना चाहिए. जितना हो सके इस दौरान सात्विक भोजन ही करें. पितृ पक्ष के दौरान और किन गलतियों को करने से बचना चाहिए.
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सनातन धर्म में पितृपक्ष का यह समय बेहद ही खास माना जाता है. 15-16 दिन की यह अवधि पितरों को समर्पित होती है. इस दौरान उनकी कृपा पाने के लिए लोग श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करते हैं क्योंकि माना जाता है कि इस समय पितृ अपने परिजनों से मिलने के लिए आते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दौरान कुछ नियमों का पालन करना बेहद ही जरूरी है ताकि पितरों की कृपा बनी रहे. तो ऐसे में अगर आप भी पितरों की कृपा पाना चाहते हैं तो पितृपक्ष के दौरान भूलकर भी न करें ये गलतियां. लेकिन ऐसे में सवाल उठता है आखिर वो कौन सी गलतियां हैं जिन्हें पितृपक्ष के दौरान भूलकर भी नहीं करना चाहिए. आइए आपको भी बताते हैं...
पितृपक्ष के दौरान भूलकर भी न करें ये गलतियां
पितृपक्ष का समय सनातन धर्म में महत्वपूर्ण अवधि है. इस दौरान पूर्वजों को श्रद्धांजलि दी जाती है. इसलिए इस समय कुछ गलतियों को भूलकर भी न करें.
मांसाहारी भोजन का सेवन: पितृपक्ष के दौरान भूलकर भी मांसाहारी भोजन नहीं करना चाहिए. यह समय पितरों को याद करने और उनके प्रति शोक व्यक्त करने का होता है. इसलिए इस दौरान तामसिक भोजन से बचना चाहिए. जितना हो सके इस दौरान सात्विक भोजन ही करें.
नई शुरुआत या उत्सव: इस दौरान किसी भी तरह की नई शुरुआत करने से बचना चाहिए क्योंकि यह समय पितरों के लिए शोक मनाने का होता है. कहा यह भी जाता है कि इस दौरान पितृ अपने परिजनों से मिलने के लिए आते हैं. इसलिए इस अवधि में पितरों के प्रति शोक ही व्यक्त करें. किसी भी कार्य की नई शुरुआत करने से बचें वरना आप पितृ दोष का भी शिकार हो सकते हैं.
लोहे की खरीदारी से बचें: पितृपक्ष के दौरान लोहा खरीदना अशुभ माना जाता है. खास तौर पर किचन के लिए क्योंकि किचन का सामान लोहे का इस दौरान नहीं खरीदना चाहिए. किचन घर का सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र स्थान होता है. इसलिए किचन के लिए इस अवधि में लोहा खरीदने से घर में बरकत कम होती है और नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है.
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गाली देने या धोखा देने से बचें: मान्यता है कि इस दौरान पितृ अपने परिजनों से मिलने के लिए पितृ लोक से धरती पर आते हैं इसलिए इस अवधि में गाली देने से बचें. अगर आप किसी को धोखा दे रहे हैं तो भी सतर्क हो जाएं क्योंकि अगर आप इस दौरान कोई भी गलत कार्य करते हैं तो आपको उसका बुरा परिणाम भुगतना पड़ सकता है. इससे आपके पूर्वज नाराज हो सकते हैं. इसलिए इन चीजों का जरूर ध्यान रखें.
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