Diwali special 2025: श्रीराम से जुड़े पर्व दिवाली पर क्यों होती है मां लक्ष्मी की पूजा? जानें पीछे का रहस्य
दिवाली का त्योहार हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण होता है. पुराणों के अनुसार इस दिन भगवान श्रीराम 14 वर्ष का वनवास पूरा कर लंका पर विजय प्राप्त करके अयोध्या वापस लौटे थे. इसलिए पूरे नगर ने इस खुशी में घी के दीये जलाकर इस दिन को उत्सव की तरह मनाया था. लेकिन अक्सर मन में सवाल उठता है कि जब दीवाली भगवान राम के आने की खुशी में मनाई जाती है, तो राम की जगह मां लक्ष्मी की पूजा क्यों की जाती है?
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दिवाली का त्यौहार हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है. इस पर्व को दीपोत्सव के नाम से भी जाना जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान श्रीराम 14 साल के वनवास के बाद वापस अयोध्या आए थे. इसलिए उनके आने की खुशी में पूरी अयोध्या नगरी ने दीप जलाकर इस दिन को एक जश्न की तरह मनाया था. लेकिन कई बार लोगों के मन में एक सवाल उठता है कि जब दीवाली का त्यौहार भगवान श्रीराम से जुड़ा है तो इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा क्यों की जाती है? चलिए इसके बारे में आपको विस्तार से बताते हैं…
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक माह की अमावस्या के दिन भगवान श्रीराम 14 वर्ष के वनवास और लंका पर विजय पाकर अयोध्या वापस लौटे थे. उनके आने की खुशी में पूरे राज्य में घी के दीये जलाए गए थे. तभी से इस दिन को दीपावली के रूप में मनाया जाने लगा. लेकिन इस दिन को मां लक्ष्मी से जोड़कर भी देखा जाता है. कहते हैं अगर इस दिन घर में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाए तो धन की कमी दूर होती है. जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और अभाग्य दूर होता है.
दीवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा क्यों की जाती है?
पौराणिक कथाओं के अनुसार, कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को ही समुद्र मंथन से मां लक्ष्मी का आगमन हुआ था. इसलिए इस दिन को मां लक्ष्मी के जन्म उत्सव के रूप में मनाया जाता है. इसलिए मान्यता है कि जो भी भक्त पूरी श्रद्धा के साथ मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करता है, उस पर मां का सदैव आशीर्वाद बना रहता है. इस दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के भी उपाय किए जा सकते हैं.
दीवाली पर मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय
अगर आप भी पाना चाहते हैं मां लक्ष्मी की कृपा, चाहते हैं धन की कमी को दूर करना, तो दीवाली के दिन तुलसी के पेड़ के नीचे घी का दीया जरूर जलाएं. तीन बार तुलसी की परिक्रमा कर अपनी गलतियों की क्षमा जरूर मांगें और अपने अच्छे भविष्य की कामना जरूर करें. इस उपाय को करने के बाद मां लक्ष्मी का आशीर्वाद आपको मिल सकता है. इसके अलावा इस दिन पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर तुलसी में भी जरूर अर्पित करें. ऐसा करने से मानसिक तनाव से निजात मिल सकती है.
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दीवाली के दिन किन 5 मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए?
- ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः
- ॐ गं गणपतये नमः
- ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा
- ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ
- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
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