Advertisement

Daitya Sudan Temple: अनोखे रूप में विराजमान हैं भगवान विष्णु, मंदिर से जुड़ा रहस्य आपको भी चौंका देगा

भगवान विष्णु के मंदिरों को आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र माना जाता है, लेकिन महाराष्ट्र के लोणार में भगवान विष्णु का ऐसा रहस्यमयी मंदिर है, जहां अनोखे रूप में भगवान विष्णु विराजमान हैं. ये मंदिर अपने रहस्य और वास्तुकला के लिए जाना जाता है.

23 Nov, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
05:38 AM )
Daitya Sudan Temple: अनोखे रूप में विराजमान हैं भगवान विष्णु, मंदिर से जुड़ा रहस्य आपको भी चौंका देगा

देशभर में भगवान विष्णु के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, जहां भक्त अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए जाते हैं. 

कहां है दैत्य सुदान मंदिर?

भगवान विष्णु के मंदिरों को आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र माना जाता है, लेकिन महाराष्ट्र के लोणार में भगवान विष्णु का ऐसा रहस्यमयी मंदिर है, जहां अनोखे रूप में भगवान विष्णु विराजमान हैं.  ये मंदिर अपने रहस्य और वास्तुकला के लिए जाना जाता है.

इस मंदिर के गर्भगृह में छत नहीं है

महाराष्ट्र के लोणार में भगवान विष्णु का दैत्य सुदान मंदिर है. इस मंदिर के निर्माण को लेकर कई तरह की कहानियां प्रचलित हैं. कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण इसलिए पूरा नहीं हो पाया क्योंकि आक्रमणकारियों ने हमला कर दिया था और मंदिर को ध्वस्त करने की कोशिश की थी, लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि मंदिर की संरचना ही ऐसी है कि मंदिर देखने में किसी रहस्य की तरह ही लगता है. हर मंदिर में गुंबद या गोपुरम होता है, लेकिन इस मंदिर के गर्भगृह में छत ही नहीं है.

मंदिर में भगवान विष्णु अनोखे रूप में विराजमान हैं

मंदिर के गर्भगृह पर एक गोल बड़ा छेद है. इस छेद से आने वाली सूरज की रोशनी पूरे मंदिर को रोशन करती है और मंदिर में किसी तरह का अंधेरा नहीं रहता है. कुछ खास मौके पर सूरज की रोशनी सीधा भगवान विष्णु के मुख और चरणों पर पड़ती है. जब भी ऐसा मौका आता है, तब मंदिर सूरज की किरणों से जमगमा उठता है. मंदिर में भगवान विष्णु अनोखे रूप में विराजमान हैं. उन्हें किसी दैत्य के ऊपर खड़ा दिखाया गया है. मूर्ति काफी पुरानी है.हालांकि, देखरेख के आभाव में मंदिर और मूर्ति दोनों की हालत जर्जर हो चुकी है.

मंदिर की मूर्ती से जुड़ा हुआ है ख़ास रहस्य

खास बात ये भी है कि भगवान विष्णु की मूर्ति लोहे से बनाई गई है, लेकिन देखने पर इस बात का पता नहीं लगाया जा सकता है, जब तक मूर्ति को छुआ न जाए. दैत्य सुदान मंदिर की वास्तुकला भी अनोखी है, जहां दीवारों और खंभों पर महाभारत और रामायण के पात्र देखने को मिलते हैं. इसके अलावा, मंदिर के कुछ हिस्सों में कामसूत्र की प्रतिमाएं भी दिख जाती हैं.

किसने मूर्ति का निर्माण कराया था

यह भी पढ़ें

यह मंदिर चालुक्य वंश के शासनकाल का है, जिसने छठी से बारहवीं शताब्दी के बीच मध्य और दक्षिण भारत पर शासन किया था. बताया जाता है कि मंदिर की मूल मूर्ति विलुप्त हो गई थी, जिसके बाद नागपुर के भोलसे शासकों ने भगवान विष्णु की मूर्ति का निर्माण कराया था.

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
'मुसलमान प्रधानमंत्री बनाने का प्लान, Yogi मारते-मारते भूत बना देंगे इनका’ ! Amit Jani
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें