धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का बड़ा ऐलान, 7 से 16 नवंबर तक वृंदावन तक पैदल यात्रा, बताया- हिन्दू राष्ट्र क्यों जरूरी
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हम काशी विश्वनाथ के चरणों में प्रार्थना भी कर आए हैं. जो पड़ोसी मुल्कों में हालात हैं वैसे हालात न हों तो इसके लिए देश में सामाजिक समरसता जरूरी है. भारत का हिन्दू राष्ट्र घोषित होना बहुत जरूरी है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि विश्व में शांति के लिए सनातन ही एकलौता सहारा है. पूरी जानकारी के लिए आगे पढ़ें.
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एक बार फिर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हिन्दू राष्ट्र का मुद्दा छेड़ दिया है. दरअसल धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री शनिवार को गया जी पहुंचे. इससे पहले वो काशी गए थे जहां उन्होंने हिन्दू राष्ट्र के मुद्दे को आगे रखा और मीडिया से बातचीत के दौरान सभी हिन्दुओं से एकजुट होने की अपील करते हुए क्या कुछ कहा आइए आपको भी बताते हैं…
हिन्दू राष्ट्र के लिए फिर दहाड़े धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री
हिन्दू राष्ट्र पर धीरेंद्र शास्त्री ने बयान देते हुए कहा कि ‘भारत पहले से ही अघोषित रूप से हिन्दू राष्ट्र है और अब इसे घोषित रूप से हिन्दू राष्ट्र हो जाना चाहिए. इसलिए 7 नवंबर से 16 नवंबर तक वृंदावन तक पैदल यात्रा भी निकाली जाएगी जिसका उद्देश्य इस संदेश को लोगों तक पहुंचाना होगा’. इस यात्रा के लिए काशीवासियों को निमंत्रण दे रहे हैं.
भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाना क्यों जरूरी?
इस दौरान धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने नेपाल के हालातों का जिक्र भी किया. उन्होंने कहा कि, हम काशी विश्वनाथ के चरणों में प्रार्थना भी कर आए हैं. जो पड़ोसी मुल्कों में हालात हैं वैसे हालात न हों तो इसके लिए देश में सामाजिक समरसता जरूरी है. भारत का हिन्दू राष्ट्र घोषित होना बहुत जरूरी है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि विश्व में शांति के लिए सनातन ही इकलौता सहारा है. सनातन से ही पूरे विश्व में शांति स्थापित की जा सकती है.
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हिन्दुओं पर निशाना बनाती विरोधी ताकतें
इसके बाद पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हिन्दुओं के हालात पर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में पहले जहां 22% हिन्दू थे वहीं अब 2% ही बचे हैं. वहीं बांग्लादेश में भी हिन्दुओं पर अत्याचार और नरसंहार हो रहा है. वहीं पूरी दुनिया में जहां भी हिन्दू हैं उन्हें हटाने के लिए हिन्दू विरोधी ताकतें सक्रिय हो रही हैं. इसके अलावा नेपाल में एक बार फिर राजसत्ता स्थापित हो जिससे हिन्दू राष्ट्र घोषित हो. पहले भी नेपाल हिन्दू राष्ट्र था लेकिन कम्युनिस्ट विचारधारा के लोगों ने हिन्दू राष्ट्र से उसे अलग कर दिया था.
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