बालक नाथ योगी ने अपने गुरु भाई योगी को लेकर कही चौंकाने वाली बात
अब जो कि बालक नाथ योगी भी हिंदू नववर्ष में प्रवेश कर चुके हैं। 30 अप्रैल से नवसंवत 2082 का स्वागत कर रहे हैं तो ऐसे मौक़े पर ख़ुद के गुरु भाई में उन्हें किसके दर्शन हुए और योगी बाबा के फ्यूचर को लेकर अभी से बालक नाथ योगी क्या ऐसा देख पा रहे हैं, जो शायद हम और आप अब तक देख नहीं पाए।
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महंत बालकनाथ योगी तिजारा सीट से प्रचंड वोटों से ऐतिहासिक जीत हासिल करने वाले बाबा बालकनाथ को आज भी राजस्थान का योगी कहा जाता है। भले ही बालकनाथ को मुख्यमंत्री ना बनाया हो लेकिन जनता को उन्हीं में योगी पार्ट 2 नज़र आता है। इन दो योगी के बीच का रिश्ता कितना मज़बूत है, इसका अंदाज़ा इसी से लगाइये। बालक नाथ आज भी गोरखपीठाधीश्वर योगी बाबा को अपना गुरु भाई कहकर बुलाते है। दोनों के बीच की समानताएँ ऐसे है कि आज यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिस नाथ संप्रदाय से आते हैं। उसी संप्रदाय से महंत बालक नाथ भी हैं। जिस प्रकार अवैधनाथ जी महाराज ने योगी आदित्यनाथ को गोरक्ष पीठाधीश्वर की गद्दी सौंपी। ठीक वैसे ही नाथ संप्रदाय से जुड़े मस्तनाथ मठ के महंत चांदनाथ योगी ने बालकनाथ को अपना उत्तराधिकारी चुना। इसी के चलते दोनों नेता एक ही संप्रदाय और संन्यासी होने के कारण एक दूसरे के करीबी भी हैं। इतना ही नहीं, योगी की ड्रैसिंग स्टाइल मठाधीश महंत बालकनाथ योगी को राजस्थान का योगी इसलिए कहा जाता है, क्योंकि योगी की तरह वो भी भगवा कपड़े पहनते हैं। कानों में कुंडल पहनते हैं और सबसे बड़ी चीज ये कि मुख्यमंत्री योगी की तरह हिंदुत्व के एजेंडे पर काफ़ी आक्रामक रहते हैं। जन कल्याण में अपनी जीवन समर्पित करने वाले बालक नाथ योगी 6 साल की उम्र में मस्तनाथ मठ से जुड़कर सन्यासी जीवन को धारण कर चुके हैं और अब अपने गुरु भाई के नक़्शे कदमों पर चल रहे हैं..अब जो कि बालक नाथ योगी भी हिंदू नववर्ष में प्रवेश कर चुके हैं। 30 अप्रैल से नवसंवत 2082 का स्वागत कर रहे हैं, तो ऐसे मौक़े पर ख़ुद के गुरु भाई में उन्हें किसके दर्शन हुए और योगी बाबा के फ्यूचर को लेकर अभी से बालक नाथ योगी क्या ऐसा देख पा रहे हैं, जो शायद हम और आप अब तक देख नहीं पाए।
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