क्या मां कामाख्या मंदिर से जुड़े हैं हनीमून हत्याकांड के तार ? बता रहे हैं स्वामी योगेश्वरानंद गिरी जी महाराज
एक-एक तांत्रिक क्रिया का रहस्य समेटे देवी की यही चौखट उनके भक्तों के लिए पूजनीय हो जाती है, लेकिन आज जब इसी चौखट को इंदौर हनीमून हत्याकांड से जोड़ा जा रहा है, तो भक्तों के मन में नरबलि प्रथा को लेकर कई सवाल हैं ? पूरा सच जानने के लिए नीचे दिए गए वीडियो को देखिए.

कामाख्या शक्तिपीठ रहस्यों का केंद्र, तांत्रिकों का गढ़ और चमत्कारों की जीवित मिसाल. असम स्थित यह विश्वविख्यात मंदिर न केवल देवी उपासकों के लिए एक पवित्र तीर्थ स्थल है, बल्कि तंत्र साधना का प्रमुख केंद्र भी माना जाता है. खास बात यह है कि यह वही शक्तिपीठ है, जहां देवी के ‘मासिक धर्म’ के प्रतीक स्वरूप पूजा होती है. यहां आकर हर भक्त स्वयं को धन्य मानता है. देवी की चौखट, जिसे तंत्र विद्या के अनेकों रहस्यों का केंद्र कहा जाता है, श्रद्धालुओं के लिए गहरी आस्था का प्रतीक है. लेकिन इन दिनों इस दिव्य धाम का नाम इंदौर हनीमून हत्याकांड जैसे वीभत्स प्रकरण से जोड़े जाने पर भक्तों के मन में कई सवाल उठ खड़े हुए हैं, क्या शास्त्रों में बलि का विधान वास्तव में है? और यदि हां, तो क्या उसमें नरबलि भी शामिल है? इन्हीं सवालों के जवाब जानने के लिए हमारी टीम ने बातचीत की स्वामी योगेश्वरानंद गिरि महाराज जी से, जिन्होंने रहस्य और मिथकों की परतें हटाकर सच्चाई को उजागर किया.
पूरा सच जानने के लिए नीचे दिए गए वीडियो को देखिए.