श्रीपद्मावती का ऐसा मंदिर जहां हाजिरी लगाए बिना अधूरी है तिरुपति बालाजी की पूजा, धनतेरस पर उमड़ता भक्तों का सैलाब
तिरुपति के पास तिरुचनूर में स्थित मां लक्ष्मी को समर्पित श्रीपद्मावती देवी मंदिर भक्तों के लिए महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है. मान्यता है कि तिरुपति बालाजी में की गई पूजा अर्चना इस मंदिर में दर्शन के बिना अधूरी है. साथ ही ये मंदिर धनतेरस के दौरान लाखों श्रद्धालुओं के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र बन जाता है. श्रद्धालु यहां धन से जुड़ी समस्याओं और मनोकामना पूर्ति के लिए आते हैं.
Follow Us:
मां लक्ष्मी को धन, समृद्धि और वैभव की देवी माना जाता है. हिंदू धर्म में उनकी पूजा-अर्चना से आर्थिक संकट दूर होने और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है. ऐसे में भारत में कई प्राचीन और प्रसिद्ध लक्ष्मी मंदिर हैं, जिनमें से एक प्रमुख मंदिर है श्री पद्मावती देवी मंदिर. तो चलिए विस्तार से जानते हैं इस अद्भुत मंदिर के बारे में जहां हाजिरी लगाए बिना अधूरी है तिरुपति बालाजी की पूजा…
देवी लक्ष्मी का ये मंदिर आंध्र प्रदेश के तिरुपति के पास तिरुचुनूर नामक छोटे से गांव में स्थित है और यहां मां लक्ष्मी को पद्मावती माता के रूप में पूजा जाता है.
भगवान तिरुपति ने किया था देवी पद्मावती से विवाह
पौराणिक कथाओं के अनुसार, पद्मावती देवी का जन्म पद्म सरोवर नामक पवित्र झील से हुआ था. इसी स्थान पर यह मंदिर स्थापित किया गया है. मान्यता है कि विष्णु भगवान, जिन्हें तिरुपति बालाजी के रूप में पूजा जाता है, उन्होंने पद्मावती देवी से विवाह किया था. आज भी मंदिर में भव्य रीति-रिवाज के साथ दोनों के विवाह का उत्सव मनाया जाता है और इसे अत्यंत शुभ दिन माना जाता है.
लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र है ये मंदिर
श्री पद्मावती देवी को देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है, जो धन और समृद्धि की देवी हैं. इस मंदिर की आस्था और महत्व दक्षिण भारत में विशेष रूप से बहुत अधिक है. तिरुपति बालाजी के मंदिर की तरह, श्री पद्मावती देवी मंदिर भी भक्तों से सालभर भरा रहता है.
मनोकामना की पूर्ति के लिए देवी श्री पद्मावती का आशीर्वाद क्यों जरूरी?
मान्यता के अनुसार, तिरुपति बालाजी के मंदिर में यदि कोई मुराद मांगता है तो उसे श्री पद्मावती देवी का भी आशीर्वाद प्राप्त करना जरूरी होता है, इसीलिए भक्त दोनों मंदिरों में दर्शन और पूजा के लिए पहुंचते हैं.
धनतेरस पर जरूर करें इस मंदिर के दर्शन
धनतेरस जैसे पवित्र अवसर पर इस मंदिर का विशेष महत्व होता है. इस दिन लाखों श्रद्धालु यहां आकर देवी पद्मावती के दर्शन करते हैं और अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार एवं समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं. इस मंदिर की यात्रा और पूजा-अर्चना को धन और वैभव प्राप्ति का माध्यम माना जाता है.
श्री पद्मावती मंदिर न सिर्फ धार्मिक स्थल है बल्कि ऐतिहासिक विरासत का भी केंद्र है
यह भी पढ़ें
श्री पद्मावती देवी मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व का भी केंद्र है. यह मंदिर तिरुपति से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर तिरुचुनूर में स्थित है और यहां की धार्मिक मान्यताएं तथा सांस्कृतिक परंपराएं आज भी जीवित हैं. भक्तों का विश्वास है कि यहां की पूजा से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में समृद्धि का आगमन होता है.
टिप्पणियाँ 0
कृपया Google से लॉग इन करें टिप्पणी पोस्ट करने के लिए
Google से लॉग इन करें