65 साल के सुदेश अपनी माँ को महाकुंभ पैदल बैल गाड़ी से लेकर आए
प्रयागराज की पावन धरा पर महाकुंभ शुरू हो चुका है, पूरी दुनिया से लोग इस महाकुंभ का हिस्सा बनने आ रहे हैं। ऐसे ही सुदेश पाल मालिक जो 65 साल के हैं, वे अपनी माँ को पैदल गाड़ी पर मुजफ्फरनगर से प्रयागराज महाकुंभ में ले जाते दिखे। उन्होंने कलयुग में सभी बच्चों के लिए एक मिसाल कायम की है। पूरी जानकारी के लिए इस वीडियो को देखें।

प्रयागराज की पावन धरा पर 144 सालों के दुर्लभ संयोग के बाद महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू हो गया है। ये महाकुंभ सभी के मिलन का मेला है जो पूरी दुनिया को एक अध्यात्म के बंधन में बांध रहा है, दुनिया भर के साधु-संत, श्रद्धालु महाकुंभ के अमृत स्नान के लिए यहां आ रहे हैं। ऐसे ही एक 65 साल के व्यक्ति, जिन्हें हम कलयुग का श्रवण कुमार भी कह सकते हैं, क्योंकि एक बेटे का धर्म निभाते हुए वो अपनी मां को पैदल ही बैल गाड़ी पर बैठाकर मुजफ्फरनगर से महाकुंभ ले आ रहे हैं। ऐसे बेटे को कोख से जन्म देकर उनकी माँ भी बहुत खुश हैं। आइये जानते हैं धर्म ज्ञान पर कलयुग के श्रवण कुमार की कहानी।
माँ-बाप को भगवान का रूप माना जाता है क्योंकि हर माँ-बाप अपने बच्चों की खुशी के लिए अपनी जान तक वार देते हैं लेकिन कलयुग की इस दुनिया में ऐसी कम ही संतान होंगी जो अपने माता-पिता के लिए खुद को कष्ट दें। चार बच्चों को एक अकेली माँ तो पाल सकती है, लेकिन चार बच्चे एक अकेली मॉ को पालें, ऐसा कम ही देखने को मिलता है। आये दिनों सोशल मीडिया पर मॉ-बाप पर जुर्म की खबरें वायरल होती रहती हैं, जिसे देख कर लोग कहते हैं सच में कलयुग चल रहा है लेकिन इसी बीच एक 65 साल के व्यक्ति ने कुछ ऐसा कर दिखाया है, जो कलयुग के हर एक बच्चे को पता होना चाहिए क्योंकि इस व्यक्ति का दृढ़ निश्चय ऐसा है कि 65 साल की उम्र में भी पैदल बैल गाड़ी से अपनी माँ को यूपी के मुजफ्फरनगर से प्रयागराज महाकुंभ ले जा रहे हैं। इनका नाम है चौधरी सुदेश पाल मालिक, जो खुद 65 साल के हैं और उनकी माँ की उम्र 92 साल है लेकिन इसके बावजूद पैदल ही अपनी मां को लेकर प्रयागराज की यात्रा पर निकल गये हैं और रोजाना 50 किमी का सफर तय कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि 25 साल पहले मेरे घुटने खराब हो गए थे, जिसके बाद मां की सेवा किया करते थे। मां और प्रभु के आशीर्वाद से मेरे पैर के घुटने ठीक हो गए। डॉक्टरों ने उनके इलाज के लिए मना कर दिया था, मैंने कोई दवाई नहीं खाई, मैंने मां के चरणों से आशीर्वाद लिया, जिसके बाद मेरे पैर काफी ठीक हो गए। इससे पहले भी अपनी मां को अपने कंधों पर गंगाजल लेकर हरिद्वार से मुजफ्फरनगर पहुंच चुका हूं ।
इसके साथ ही आपको बता दें कि सुदेश ने अपनी मां को प्रयागराज महाकुंभ में अमृत स्नान कराने का प्रण लिया है और 65 साल के सुदेश अपनी मां को बड़े ही जोश के साथ प्रयागराज ले जाते दिख रहे हैं। प्रयागराज महाकुंभ, मां गंगा, और भोलेनाथ के नारे लगाते हुए वे रोजाना अपनी मंजिल की तरफ बढ़ रहे हैं। मां की ममता और सुदेश का प्रण आज सुर्खियों में बने हुए हैं। कलयुग के श्रवण कुमार के बारे में जानकर आपको कैसा लगा?