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मध्यप्रदेश के 5 ऐसे चमत्कारी शक्तिपीठ जहां नवरात्रि में दर्शन मात्र से पूरी होती हैं भक्तों की मनोकामनाएं

नवरात्रि का त्योहार सनातन धर्म में बहुत मायने रखता है. इस दौरान मां दुर्गा के भक्त माता के अलग-अलग मंदिरों में जाते हैं, उपवास रखते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं मध्यप्रदेश में 5 ऐसे शक्तिपीठ हैं जहां की मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान दर्शन मात्र से ही भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

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24 Sep 2025
( Updated: 11 Dec 2025
02:13 PM )
मध्यप्रदेश के 5 ऐसे चमत्कारी शक्तिपीठ जहां नवरात्रि में दर्शन मात्र से पूरी होती हैं भक्तों की मनोकामनाएं

शारदीय नवरात्रि देवी दुर्गा और उनकी उपासना के लिए बहुत शुभ समय होता है. इस दौरान देशभर के देवी मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ता है. भक्त मां की कृपा पाने के लिए उपवास रखते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं और उन शक्तिपीठों की उपासना करते हैं जिनमें आज भी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. ऐसे में मध्यप्रदेश में 4 ऐसे शक्तिपीठ हैं जहां कहा जाता है कि आज भी चमत्कार होते हैं. आज भी भक्तों की इच्छाओं की पूर्ति होती है. आइये विस्तार से जानते हैं इन शक्तिपीठों के बारे में…

मध्यप्रदेश में स्थित हैं ये 5 चमत्कारी शक्तिपीठ

अवंति शक्तिपीठ: मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में शिप्रा नदी के पूर्वी तट पर स्थित है अवंति शक्तिपीठ. देवी भक्तों के लिए यह तीर्थ प्रमुख केंद्र है. मान्यता है कि यहां माता सती का ऊपरी होंठ गिरा था. इसी कारण इस स्थल को 51 शक्तिपीठों में विशेष स्थान प्राप्त है. यहां माता को मां अवंती या अवंतिका के रूप में पूजा जाता है, जबकि भगवान शिव की पूजा लम्बकर्ण के रूप में की जाती है. नवरात्रि के समय यहां विशेष पूजन, भंडारा और भव्य आयोजन होते हैं. मान्यता है कि यहां आए भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और दुख भी दूर होते हैं.

कालमाधव शक्तिपीठ: अमरकंटक धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पावन स्थल माना जाता है. यहां स्थित कालमाधव शक्तिपीठ का महत्व इसलिए है, क्योंकि मान्यता है कि यहां देवी सती का बायां नितंब गिरा था. देवी को यहां काली रूप में पूजा जाता है, जबकि भगवान शिव कालमाधव या असितांग के रूप में विराजमान हैं. नवरात्रि के अवसर पर यहां विशेष धार्मिक अनुष्ठान, साधना और भजन-कीर्तन का आयोजन होता है और भक्तों को मनचाहा फल प्राप्त होता है.

नर्मदा शक्तिपीठ: अमरकंटक में ही स्थित देवी नर्मदा शक्तिपीठ को भी अत्यंत पवित्र तीर्थ स्थान माना जाता है. मान्यता है कि यहां माता सती का दायां नितंब गिरा था. इस स्थल पर देवी नर्मदा या सोनाक्षी के रूप में पूजा जाती हैं और भैरव भद्रसेन नाम से विराजमान हैं. यहां नवरात्रि के अलावा मकर संक्रांति, शरद पूर्णिमा, रामनवमी और दीपावली जैसे त्योहारों पर भी विशेष उत्सव का आयोजन होता है. लेकिन नवरात्रि के दौरान यहां का महत्व बहुत बढ़ जाता है. मां दुर्गा के भक्त यहां उनके दर्शन और अपने मंगल की कामना के लिए आते हैं.

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देवीपाटन शक्तिपीठ: भारत-नेपाल सीमा से सटे बलरामपुर जिले के पाटन गांव में स्थित देवीपाटन शक्तिपीठ का भी बहुत महत्व है. मान्यता है कि यहां माता सती का वाम स्कंध यानी बायां कंधा वस्त्र के साथ गिरा था. इसी कारण इस स्थान को देवीपाटन कहा जाता है. नवरात्रि के समय यहां दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं और मां की कृपा प्राप्त करते हैं. अगर आप भी नवरात्रि के दौरान मां सती के साथ मां दुर्गा की कृपा भी पाना चाहते हैं तो यहां जरूर जाएं. साथ ही आपको यह जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट कर जरूर बताएं.

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