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डीयू और गूगल क्लाउड की साझेदारी, छात्रों को मिलेगी AI, क्लाउड और साइबर सिक्योरिटी की ट्रेनिंग

डीयू और गूगल क्लाउड की यह साझेदारी पारंपरिक शिक्षा के ढांचे को आधुनिक तकनीकी जरूरतों से जोड़ने की दिशा में एक दूरदर्शी कदम है. यह पहल छात्रों को न केवल बेहतर करियर विकल्प प्रदान करेगी, बल्कि उन्हें एक वैश्विक नागरिक बनने में भी मदद करेगी. यह एक उदाहरण है कि जब शिक्षा संस्थान और तकनीकी कंपनियां साथ मिलकर काम करते हैं, तो भविष्य की नींव मजबूत होती है.

Image Credit: DU

Delhi University: दिल्ली विश्वविद्यालय ने छात्रों को भविष्य की जरूरतों के अनुसार तैयार करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल की है. अब डीयू के छात्र न केवल परंपरागत विषयों में शिक्षा लेंगे, बल्कि उन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), क्लाउड कंप्यूटिंग, साइबर सुरक्षा, डेटा एनालिटिक्स और डिजिटल साक्षरता जैसे आधुनिक और उच्च मांग वाले तकनीकी कौशल भी सिखाए जाएंगे. इसके लिए डीयू ने गूगल क्लाउड के साथ एक बहुवर्षीय साझेदारी की है, जो छात्रों को न सिर्फ तकनीकी रूप से सशक्त बनाएगी, बल्कि उन्हें उद्योग में प्रतिस्पर्धी बनने के लिए भी तैयार करेगी.

नवाचार, स्टार्टअप और इन्क्यूबेशन को मिलेगा बढ़ावा

इस साझेदारी का उद्देश्य सिर्फ शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह नवाचार और स्टार्टअप संस्कृति को भी प्रोत्साहित करेगा. डीयू और गूगल क्लाउड के बीच हुए औपचारिक समझौते के तहत छात्रों को क्लाउड क्रेडिट्स, तकनीकी सलाह और इन्क्यूबेशन सुविधाएं मिलेंगी, जिससे वे अपने स्टार्टअप आइडियाज को मूर्त रूप दे सकें. यह सहयोग न केवल छात्रों को सपोर्ट करेगा, बल्कि भारत के नवाचार आधारित अर्थव्यवस्था की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान भी देगा.

छात्रों को मिलेगा उद्योग-प्रासंगिक प्रशिक्षण और प्रमाणन

साझेदारी के अंतर्गत जो कोर्स पेश किए जाएंगे, वे केवल थ्योरी पर आधारित नहीं होंगे. इनमें प्रैक्टिकल लैब, वास्तविक समस्याओं पर आधारित प्रोजेक्ट्स, मूल्यांकन और प्रमाणन की सुविधा भी होगी. छात्रों को हैकथॉन, वेबिनार और अन्य इवेंट्स में भाग लेने का मौका मिलेगा, जिससे न केवल उनके तकनीकी कौशल मजबूत होंगे, बल्कि उनका आत्मविश्वास और रचनात्मक सोच भी विकसित होगी. फैकल्टी ऑफ टेक्नोलॉजी के डीन प्रो. संजीव सिंह ने बताया कि इन कोर्सों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि छात्र असली इंडस्ट्री जैसी परिस्थितियों में काम करना सीखें. इससे वे जॉब मार्केट के लिए अधिक तैयार होंगे और उन्हें बेहतर रोजगार के अवसर भी मिलेंगे.

नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप कदम

डीयू के रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता के अनुसार, यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की दिशा में भी एक ठोस कदम है. डीयू पहले ही कई नए कौशल-आधारित कोर्स शुरू कर चुका है, और गूगल क्लाउड के सहयोग से इन कोर्सों को और अधिक मजबूती मिलेगी. तकनीक का प्रयोग शिक्षा के हर स्तर पर बढ़ रहा है, और यह साझेदारी इसे और गति देने का काम करेगी.

भारत के शैक्षिक भविष्य की दिशा तय करेगा यह सहयोग

गूगल क्लाउड इंडिया के प्रबंध निदेशक शशिकुमार श्रीधरन ने इस सहयोग को भारत में एआई-सक्षम शैक्षणिक पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया है. उनका मानना है कि आने वाले वर्षों में यह साझेदारी भारतीय उच्च शिक्षा को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगी. इस ऐतिहासिक अवसर पर डीयू के कई वरिष्ठ अधिकारी, गूगल क्लाउड इंडिया के प्रतिनिधि और अन्य विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे. सबका यही मानना था कि यह पहल न केवल छात्रों के लिए बल्कि भारत के समग्र शिक्षा तंत्र के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी.

डीयू और गूगल क्लाउड की यह साझेदारी पारंपरिक शिक्षा के ढांचे को आधुनिक तकनीकी जरूरतों से जोड़ने की दिशा में एक दूरदर्शी कदम है. यह पहल छात्रों को न केवल बेहतर करियर विकल्प प्रदान करेगी, बल्कि उन्हें एक वैश्विक नागरिक बनने में भी मदद करेगी. यह एक उदाहरण है कि जब शिक्षा संस्थान और तकनीकी कंपनियां साथ मिलकर काम करते हैं, तो भविष्य की नींव मजबूत होती है.

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