अमेरिका हुआ सख्त तो ब्रिटेन ने दिया यूक्रेन का साथ, जेलेंस्की ने जताया आभार
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प से मुलाक़ात और तीखी बहस के बाद यूक्रेन ए राष्ट्रपति ब्रिटेन पहुंचे। यहां उन्होंने प्रधानमंत्री स्टार्मर से मुलाकात कर कई विषयों पर चर्चा की।
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अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प से मुलाक़ात के दौरान जेलेंस्की को भले ही निराशा हाथ लगी हो क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति का रवैय्या यूक्रेन को लेकर थोड़ा सख्त दिखाई दिया। यही वजह रही कि दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच बातचीत के डरैन माहौल गर्म दिखाई दिया । इस बीच यूक्रेन को अब ब्रिटेन का साथ मिल गया है। अमेरिका के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्क्य ब्रिटेन पहुंचे। यहां उन्होंने प्रधानमंत्री स्टार्मर से मुलाकात कर कई विषयों पर चर्चा की। इस दौरान जेलेंस्की ने युद्ध में ब्रिटेन के सहयोग के लिया उनका आभार भी जताया। डाउनिंग स्ट्रीट में अपनी बैठक के दौरान कीर स्टार्मर ने कहा कि यूक्रेन को “पूरे यूनाइटेड किंगडम का पूरा समर्थन प्राप्त है।” उन्होंने स्थायी शांति प्राप्त करने के लिए ब्रिटेन के “अटूट दृढ़ संकल्प” पर जोर दिया।
ब्रिटेन को लेकर जेलेंस्की ने क्या कहा ?
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, जेलेंस्की ने रूस-यूक्रेन संघर्ष की शुरुआत के बाद से ब्रिटेन द्वारा यूक्रेन को दिए गए समर्थन के लिए स्टार्मर को धन्यवाद दिया। जेलेंस्की की यात्रा ब्रिटेन द्वारा आयोजित रक्षा शिखर सम्मेलन से पहले हुई है, जिसमें यूरोपीय नेता रविवार को लंदन में यूक्रेन के लिए शांति योजना पर चर्चा करने के लिए एकत्रित होंगे। स्टार्मर ने कहा है कि उनका मानना है कि इस तरह के समझौते में संयुक्त राज्य अमेरिका को शामिल करना होगा।
अमेरिका ने क्या रखी शर्त
इससे पहले शनिवार को लंदन में अपने विमान के उतरने से कुछ समय पहले जेलेंस्की ने सोशल मीडिया पर कहा कि यूक्रेन संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ “खनिज समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार है,” लेकिन “सुरक्षा गारंटी के बिना युद्ध विराम यूक्रेन के लिए खतरनाक है।”
जेलेंस्की की ब्रिटेन यात्रा शुक्रवार शाम को व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ उनकी बैठक के बाद हुई, जहां प्रेस पूल के सामने उनकी नियमित उपस्थिति अप्रत्याशित रूप से नोकझोंक में बदल गई।दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के हस्तक्षेप से शुरू हुई, जिन्होंने मांग की कि जेलेंस्की को ट्रंप के उन प्रयासों के लिए आभारी होना चाहिए, जो उनके देश को रूस के साथ तीन साल के संघर्ष से बाहर निकालने में किए गए हैं। सार्वजनिक टकराव के बाद, जेलेंस्की को अंततः व्हाइट हाउस से जल्दी ही बाहर जाने के लिए कहा गया, जिससे दोनों पक्षों के बीच नियोजित खनिज समझौते पर हस्ताक्षर नहीं हो सके।
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