ट्रंप की धमकियों नहीं हुआ असर... ब्राजील की सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति बोल्सोनारो को 27 साल जेल, घोषित किया आपराधिक संगठन का नेता
ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो को तख्तापलट की साजिश और लोकतंत्र पर हमला करने के आरोप में 27 साल और 3 महीने की जेल की सजा सुनाई. 2022 के चुनाव में हारने के बाद बोल्सोनारो सत्ता में बने रहने के लिए साजिश रच चुके थे, जिसमें राष्ट्रपति लूला और सुप्रीम कोर्ट के जजों की हत्या की योजना भी शामिल थी.
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ब्राजील में लोकतंत्र के इतिहास में एक नया अध्याय लिखा गया है. सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो को तख्तापलट की साजिश का दोषी ठहराते हुए 27 साल और तीन महीने की जेल की सजा सुनाई है. यह फैसला उस साजिश के बाद आया जिसमें 2022 के राष्ट्रपति चुनाव में हारने के बाद बोल्सोनारो ने सत्ता में बने रहने की कोशिश की थी.
कब हुई थी तख्तापलट की साजिश
बोल्सोनारो पर आरोप हैं कि उन्होंने संगठित अपराध और सशस्त्र आपराधिक संगठन का हिस्सा बनकर लोकतांत्रिक शासन को हिंसक तरीके से उखाड़ फेंकने का प्रयास किया. अभियोजन पक्ष के अनुसार, उन्होंने 2022 के चुनाव में हारने के बाद एक विस्तृत साजिश रची, जिसमें राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा, उपराष्ट्रपति जेराल्डो अल्कमिन और सुप्रीम कोर्ट के जज एलेक्जेंड्रे डी मोरेइस की हत्या की योजना भी शामिल थी. इसमें विस्फोटक, युद्ध हथियार और जहर इस्तेमाल करने की बात भी कही गई थी. साजिश का मुख्य बिंदु 8 जनवरी 2023 को हुआ हमला था, जब बोल्सोनारो के समर्थकों ने सुप्रीम कोर्ट भवन, राष्ट्रपति भवन और संसद पर हमला किया. इस घटना को अमेरिकी कैपिटल हिल दंगे से प्रेरित बताया गया. जज मोरेइस ने बोल्सोनारो को 'आपराधिक संगठन का नेता' करार दिया और कहा कि सैकड़ों सबूत मौजूद हैं जो साबित करते हैं कि उन्होंने चुनाव परिणाम स्वीकार करने से इनकार किया और सेना को लूला के शपथ ग्रहण को रोकने के लिए उकसाया.
बोल्सोनारो ने दिया था विवादित बयान
2022 चुनाव से पहले बोल्सोनारो ने कई बार विवादास्पद बयान दिए थे. एक इवेंजेलिकल लीडर्स की बैठक में उन्होंने कहा था, 'मेरे भविष्य के तीन विकल्प हैं: गिरफ्तारी, हत्या या जीत. कोई भी इंसान मुझे धमकी नहीं दे सकता.' इसके बाद 2023 में ब्राजील के इलेक्टोरल कोर्ट ने उन्हें 2030 तक सार्वजनिक पद पर आने से रोक दिया क्योंकि उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम पर बिना आधार के आरोप लगाए थे.
ट्रंप की धमकियों पर ब्राजील की जवाबी कार्रवाई
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, बोल्सोनारो के करीबी सहयोगी हैं. उन्होंने इस मुकदमे को 'विच हंट' करार दिया और ब्राजील पर आर्थिक दबाव डालने की कोशिश की. ट्रंप ने 50% टैरिफ लगाया, जजों के वीजा रद्द किए और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों पर हस्तक्षेप करने की धमकी दी. हालांकि, ब्राजील की सुप्रीम कोर्ट ने पूरी तरह विदेशी दबाव को नजरअंदाज किया. जजों ने कहा कि लोकतंत्र की रक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है. राष्ट्रपति लूला ने भी कहा, 'बोल्सोनारो ने तख्तापलट की कोशिश की और इसके सैकड़ों सबूत मौजूद हैं. कोई भी कानून से ऊपर नहीं है.'
कोर्ट के फैसले का कैसा होगा प्रभाव?
यह सजा ब्राजील के इतिहास में पहली बार किसी पूर्व राष्ट्रपति को लोकतंत्र पर हमले के लिए दोषी ठहराती है. 70 वर्षीय बोल्सोनारो अभी हाउस अरेस्ट में हैं और इलेक्ट्रॉनिक एंकल मॉनिटर पहन रहे हैं. हालांकि, राजनीतिक रूप से वे अभी भी मजबूत हैं. उनके समर्थक कांग्रेस में एमनेस्टी लॉ पेश कर चुके हैं, जिससे उन्हें राहत मिल सकती है. अगले साल के सीनेट चुनावों में दक्षिणपंथी उम्मीदवारों के लिए यह मामला एक हथियार के रूप में इस्तेमाल हो सकता है. 2026 के राष्ट्रपति चुनाव में भी बोल्सोनारो का प्रभाव बना रह सकता है.
बताते चलें कि ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट ने लोकतंत्र की रक्षा और तख्तापलट की कोशिश करने वालों के खिलाफ ऐतिहासिक कदम उठाया है. बोल्सोनारो की सजा ने स्पष्ट कर दिया है कि सत्ता में बने रहने के लिए हिंसा और अवैध तरीके अपनाना देश की न्याय व्यवस्था में कतई स्वीकार्य नहीं है. यह मामला न केवल ब्राजील के लिए, बल्कि दुनिया भर के लोकतंत्रों के लिए एक चेतावनी भी है कि कानून और न्याय हमेशा सर्वोपरि होते हैं.
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