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आग से खेल रहे ट्रंप...! 'भारत कोई छोटा देश नहीं जो...' US के दिग्गज अर्थशास्त्री की चेतावनी, कहा- अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार रहा अमेरिका

भारत-अमेरिका टैरिफ वॉर की वजह से दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव काफी बढ़ गया है. अमेरिकी टीवी होस्ट रिक सांचेज और अर्थशास्त्री रिचर्ड वोल्फ का मानना है कि ट्रंप का भारत पर टैरिफ फैसला उल्टा असर डालेगा और BRICS को और मजबूत बनाएगा. यही पल इतिहास में बड़े बदलाव का संकेत है.

Image: RT / X

अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक तनाव ने अब नया मोड़ ले लिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से भारत पर 50% पेनल्टी टैरिफ लगाने के फैसले ने न केवल दोनों देशों के रिश्तों में खटास बढ़ाई है बल्कि वैश्विक आर्थिक समीकरण को भी झकझोर दिया है. इस मुद्दे पर अमेरिकी टीवी होस्ट रिक सांचेज और जाने-माने अर्थशास्त्री रिचर्ड वोल्फ ने खुलकर कहा कि यह फैसला दुनिया में नई आर्थिक ताकतों के उभरने का संकेत है.

भारत पर टैरिफ लगाने का होगा उल्टा असर 

रूस टुडे (RT) चैनल पर एक कार्यक्रम के दौरान अमेरिकी टीवी होस्ट रिक सांचेज ने कहा, "जब ट्रंप ने भारत पर इतने बड़े टैरिफ लगाए, उस पल मुझे लगा कि दुनिया बदल चुकी है. यह ऐसा क्षण है जिस पर आने वाले सालों में इतिहासकार लिखेंगे."

रिचर्ड वोल्फ यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स एमहर्स्ट के प्रोफेसर एमेरिटस और प्रसिद्ध मार्क्सवादी अर्थशास्त्री हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत पर दबाव डालकर अपनी ही कमजोरी उजागर कर रहा है. उन्होंने कहा, "भारत अब दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है. वह दशकों से रूस के साथ मजबूत रिश्ते रखता आया है. ऐसे में टैरिफ लगाकर उसे डराने की कोशिश करना न सिर्फ नाकामयाब होगा बल्कि इसका उल्टा असर होगा."

ट्रंप के टैरिफ फैसले पर भारत की प्रतिक्रिया 

वोल्फ ने चेतावनी दी कि अगर अमेरिका भारत को अपने बाजार से बाहर करेगा, तो भारत BRICS समूह की ओर और तेजी से झुकेगा और यह कदम अंततः पश्चिमी देशों के लिए चुनौती बन जाएगा.

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने 7 अगस्त से भारत पर 25% से बढ़ाकर 50% टैरिफ लागू करने का ऐलान किया. यह कदम उस समय उठाया गया जब अमेरिका ने लगभग 70 अन्य देशों पर भी नए टैरिफ लगाए. ट्रंप का आरोप था कि भारत रूस से कच्चा तेल खरीदकर अमेरिकी हितों को चुनौती दे रहा है. भारत ने भी पलटवार करते हुए अमेरिकी निर्यात पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाया. विशेषज्ञों का कहना है कि इस टैरिफ वॉर से आने वाले समय में दोनों देशों के आर्थिक रिश्ते और तनावपूर्ण हो सकते हैं.

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