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भारत के पक्ष में बोलने वालों का ट्रंप जबरन करा रहे मुंह बंद, पूर्व NSA बोल्टन के घर FBI का छापा, 'टैरिफ टेरर' पर बोला था हमला

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन के घर FBI ने छापा मारा है. बोल्टन लगातार ट्रंप की नीतियों की आलोचना करते रहे हैं. इसके अलावा जॉन बोल्टन का मानना हैं कि भारत के साथ ट्रंप अपने संबंध खराब कर रहे हैं, ट्रंप के ऐसा करने से भारत रूस और चीन के और करीब आ रहा है.

File Photo

अमेरिका में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. शुक्रवार (22 अगस्त 2025) को एफबीआई (FBI) की टीम ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन के घर पर छापा मारा है. यह छापा ऐसे समय में पड़ा है जब बोल्टन लगातार ट्रंप की नीतियों की आलोचना करते आ रहे हैं और ट्रैरिफ को लेकर भारत के पक्ष में बोल रहे है. FBI प्रमुख काश पटेल के आदेश पर यह कार्रवाई की गई है. 

कोई भी कानून से ऊपर नहीं... छापा के बाद FBI प्रमुख का ट्वीट 

FBI प्रमुख काश पटेल ने पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन के घर पर छापे के तुरंत बाद ‘X’ पर एक पोस्ट में लिखा, "कोई भी कानून से ऊपर नहीं है…" यह कार्रवाई सिक्ररेट डॉक्यूमेंट्स की एक पुरानी जाँच से जुड़ी है. बाइडेन प्रशासन ने इस जाँच को बंद कर दिया था, लेकिन अब इसे फिर से शुरू किया गया है. ट्रंप के राष्ट्रपति रहते हुए बोल्टन ने अपनी किताब 'द रूम वेयर इट हैपन्ड' में कई सीक्रेट बातें उजागर करने का आरोप लगाया था. ट्रंप ने यह कहते हुए किताब छपने से रोकने की कोशिश भी की थी कि बोल्टन ने गोपनीयता समझौते का उल्लंघन किया है. हालाँकि, बाइडेन प्रशासन ने उस समय इस मामले को बंद कर दिया था.

FBI के मौजूदा चीफ काश पटेल ने इस मामले को फिर से खोला है. उन्होंने छापे से एक दिन पहले पूर्व एफबीआई डायरेक्टर जेम्स कोमी पर भी गोपनीय जानकारियाँ लीक करने का आरोप लगाया था. जॉन बोल्टन लगातार ट्रंप की विदेश और राष्ट्रीय सुरक्षा नीतियों की आलोचना कर रहे हैं. हाल ही में उन्होंने रूस से तेल खरीदने पर भारत पर शुल्क लगाने के ट्रंप के फैसले को गलत बताया था. 

बोल्टन ने लगाया था आरोप- ट्रंप की वजह से भारत बीजिंग-मॉस्को करीब 

ट्रंप की नीतियों पर आरोप लगाते हुए जॉन बोल्टन ने ट्वीट किया था, "जब ट्रंप ने रूसी तेल खरीदने पर भारत पर टैरिफ लगाया, लेकिन चीन पर नहीं, जो रूस से तेल खरीदता है, तो हो सकता है कि इससे भारत बीजिंग-मास्को धुरी पर और भी ज़्यादा खिंच गया हो. ट्रंप प्रशासन की यह उदासीनता एक अनजाने में हुई गलती है." बोल्टन ने कहा कि रूस से तेल खरीदने के लिए केवल भारत पर शुल्क लगाना एक ‘गलती‘ है. उन्होंने कहा कि चीन भी रूस से तेल खरीदता है, लेकिन उस पर कोई शुल्क नहीं लगाया गया. बोल्टन के अनुसार, ट्रंप के इस कदम से अमेरिका ने भारत को छोड़ दिया है और इससे भारत रूस और चीन के करीब जा सकता है.

बोल्टन का मानना है कि ट्रंप की नीतियों में ‘रणनीतिक सोच की कमी’ है, जिससे भारत रूस के करीब जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका के रूस पर लगे प्रतिबंधों से भारत को रूसी तेल खरीदने से कानूनी तौर पर कोई रोक नहीं है. यह छापा ऐसे समय में पड़ा है जब भारत रूस और चीन के साथ अपने संबंधों को मजबूत कर रहा है. हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन को भारत आने का न्योता दिया है. इसके अलावा, वह चीन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भी शामिल होने वाले हैं.

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