ट्रंप ने लॉस एंजिल्स हिंसा पर जताई नाराज़गी, डाउनटाउन में लगा कर्फ्यू
लॉस एंजिल्स की मेयर कैरेन बास ने मंगलवार को इस फैसले की घोषणा की और साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से छापेमारी की कार्रवाई रोकने की अपील की. मेयर कैरेन बास ने कहा, “मैंने स्थानीय आपातकाल की घोषणा की है और तोड़फोड़ तथा लूटपाट की घटनाओं पर काबू पाने के लिए शहर के डाउनटाउन इलाके में कर्फ़्यू लागू किया गया है.”
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अमेरिका के दूसरे सबसे बड़े शहर लॉस एंजिल्स में बीते कुछ दिनों से जारी हिंसक विरोध प्रदर्शनों के मद्देनज़र शहर में कर्फ़्यू लागू कर दिया गया है. लॉस एंजिल्स की मेयर कैरेन बास ने मंगलवार को इस फैसले की घोषणा की और साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से छापेमारी की कार्रवाई रोकने की अपील की.
मेयर कैरेन बास ने कहा, “मैंने स्थानीय आपातकाल की घोषणा की है और तोड़फोड़ तथा लूटपाट की घटनाओं पर काबू पाने के लिए शहर के डाउनटाउन इलाके में कर्फ़्यू लागू किया गया है.” उन्होंने आगे कहा, “मैं राष्ट्रपति ट्रंप से अपील करती हूं कि वे छापेमारी बंद करें, ताकि हालात और न बिगड़ें.” मेयर के आदेश के मुताबिक लॉस एंजिलिस में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच मंगलवार रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक कर्फ़्यू लागू रहेगा. मेयर कैरेन बास ने जानकारी दी कि यह प्रतिबंध शहर के लगभग 1 वर्ग मील क्षेत्र में प्रभावी रहेगा, जिसमें वह इलाका भी शामिल है जहां शुक्रवार से लगातार प्रदर्शन जारी हैं. मेयर ने बताया कि अब तक शहर के 23 व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में लूटपाट की घटनाएं दर्ज की गई हैं. उन्होंने हालात पर चिंता जताते हुए कहा, "हम एक बेहद महत्वपूर्ण बिंदु पर पहुंच गए हैं. अगर अभी कदम नहीं उठाए गए, तो स्थिति और बिगड़ सकती है.”
किन लोगों को कर्फ़्यू से मिली छूट?
लॉस एंजिल्स में मंगलवार रात से लागू हुए कर्फ़्यू के बीच प्रशासन ने कुछ खास समूहों को इससे छूट दी है. पुलिस के मुताबिक, यह प्रतिबंध सभी नागरिकों पर लागू नहीं होगा. लॉस एंजिलिस पुलिस प्रमुख ने बताया कि कर्फ़्यू से उन लोगों को छूट दी गई है. जो कर्फ़्यू से प्रभावित क्षेत्रों में निवास करते हैं, जो लोग बेघर हैं और मीडिया प्रतिनिधि समेत सार्वजनिक सुरक्षा व आपातकालीन सेवाओं से जुड़े अधिकारी. कर्फ़्यू लागू होते ही पुलिस का एक हेलीकॉप्टर संघीय भवनों के ऊपर गश्त करते देखा गया. लोगों को क्षेत्र खाली करने का आदेश दिया गया है. हालांकि, इस बीच खबरें हैं कि कुछ प्रदर्शनकारी समूह कर्फ़्यू के उल्लंघन की योजना भी बना रहे हैं, जिससे कानून-व्यवस्था को लेकर चिंता बढ़ गई है.
कैसे शुरू हुआ पूरा बवाल?
दरअसल, इमिग्रेशन कानूनों के विरोध में भड़के हिंसक प्रदर्शनों के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लॉस एंजिल्स में सख्त सुरक्षा व्यवस्था लागू करने का निर्देश दिया है. सोमवार को ट्रंप प्रशासन ने 4,000 नेशनल गार्ड सैनिकों और 700 मरीन की तैनाती का आदेश दिया. सरकार के अनुसार, नेशनल गार्ड को हिंसा और अव्यवस्था से निपटने के लिए अधिकृत किया गया है. उन्हें अधिकारियों पर हमला करने वाले प्रदर्शनकारियों को अस्थायी रूप से हिरासत में लेने का अधिकार दिया गया है. हालांकि, गिरफ्तारी का अधिकार केवल स्थानीय पुलिस और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के पास ही रहेगा.
बताते चलें कि कर्फ़्यू का फैसला तब लिया गया जब विरोध प्रदर्शन लॉस एंजिलिस में कई स्थानों पर हिंसक रूप ले चुके हैं और लूटपाट व तोड़फोड़ की घटनाओं में तेजी आई है. प्रशासन का कहना है कि यह तैनाती सार्वजनिक संपत्ति, नागरिकों और सुरक्षा बलों की रक्षा के लिए जरूरी है.