Advertisement

पाकिस्तान लगा रहा मदद की गुहार! भारत के एक्शन से खौफ में आतंकियों का आका... कभी चीन तो कभी सऊदी के सामने फैला रहा हाथ

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की कार्रवाई पर पहले तो पाकिस्तान गीदड़भभकी दे रहा था, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया तो पाकिस्तान की हालात नाज़ुक होती जा रही है. अब तो पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार भारत से पाक की इफ़जात के लिए चीन के आगे रोते हुए गुहार लगाई है

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल समझौता को सस्पेंड कर पाकिस्तान को उसकी असली औकात याद दिला दी है. मोदी सरकार के इस फैसले से पाकिस्तान पूरी तरह से बौखलाया हुआ है. इस बीच उसे भारत की ओर से किसी भी समय, किसी भी छोर से सैन्य कार्रवाई का डर सता रहा है. यही वजह है कि अब खौफ के साए में पाकिस्तान की सरकार अब भारत से बचने के लिए कभी चीन, तो कभी सऊदी अरब और कभी ब्रिटेन से मदद की गुहार लगा रहा है. 

पाक का दर-दर भटकना शुरू

आतंकी हमले के बाद भारत सरकार लगातार एक के बाद एक कई बड़े फैसले लेकर पाकिस्तान की कमर तोड़ने वाले फैसले लिए है. पाकिस्तान सरकार में शामिल नेता भले ही भारत को गीदड़भभकी दे रहे हो लेकिन भारत की जल,थल और नभ सेना की तैयारियों को देखकर पाकिस्तानी सरकार के पसीने छूट गए है. इस तनावपूर्ण माहौल के बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार भारत के प्रकोप से बचने के लिए दुनियाभर के कई देशों के सामने रोना शुरू कर दिए है. इशाक डार ने चीन के विदेश मंत्री को फोन कर मदद की गुहार लगाई है. इसके अलावा ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी और अन्य पश्चिमी देशों के समकक्षों को फोन कर स्थिति पर चर्चा करने और मध्यस्थता करने की अपील की है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाक के विदेश मंत्री इशाक डार ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी को फोन पर मौजूदा स्थिति के बारे में बताया. इस बातचीत को लेकर पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की ओर से एक बयान जारी कर बताया गया कि "दोनों नेताओं ने एकतरफा कार्रवाई और वर्चस्ववादी नीतियों का विरोध किया. डार ने भारत की एकतरफा कार्रवाई को ख़ारिज करते हुए इसे पाकिस्तान के खिलाफ प्रोपेगैंडा बताया है." वही चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक,"यह फोन कॉल पाकिस्तान के अनुरोध पर किया गया था और इस मामले की निष्पक्ष जांच का चिन्ह समर्थन किया है", अखबार में यह भी जानकारी दी गई है "इस माहौल में भारत और पाकिस्तान दोनों को संयम बरतने की जरूरत है."

बताते चलें कि पहलगाम के बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने अंधाधुंध फायरिंग करते हुए पर्यटकों को निशाना बनाया था. जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी जबकि 17 घायल हुए थे. इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना विदेशी दौरा बीच में छोड़कर भारत वापस लौटे थे, इसके बाद उन्होंने सुरक्षा मामलों की कैबिनेट बैठक कर पाकिस्तान पर डिप्लोमेटिक स्ट्राइक करने का फैसला लिया था. जिसमें सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया था. यह पहली बार है कि जब भारत ने पाकिस्तान के ऊपर इतनी बड़ी और सख्त कार्रवाई किया है. गौरतलब है कि अब तक भारत और पाकिस्तान के बीच तीन बार बड़ी जंग हो चुकी है लेकिन पहले भारत ने कभी सिंधु जल समझौते को स्थगित नहीं किया था.

Advertisement

यह भी पढ़ें

Advertisement

LIVE