एक-दो लोग नहीं, बल्कि इस देश की पूरी आबादी होगी ऑस्ट्रेलिया में शिफ्ट… जानिए क्या है वजह
प्रशांत महासागर का द्वीपीय देश तुवालु पूरी तरह से ऑस्ट्रेलिया में शिफ्ट होने की तैयारी कर रहा है. आधुनिक मानवीय इतिहास की यह ऐसी पहली घटना है. क्या है वजह जानिए…
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प्रशांत महासागर का छोटा द्वीपीय देश तुवालु अब पूरी तरह ऑस्ट्रेलिया में बसने की तैयारी में है. आधुनिक इतिहास में यह पहला मौका होगा, जब एक पूरे देश की आबादी को योजनाबद्ध तरीके से किसी दूसरे देश में बसाया जाएगा. इसकी वजह है तुवालु में समुद्र के बढ़ते जलस्तर का खतरा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगले 25 सालों में यहां के लोगों को मजबूरी में अपना देश छोड़ना पड़ेगा. ऐसे संकट में ऑस्ट्रेलिया ने मदद का हाथ बढ़ाया है. दोनों देशों के बीच हुई एक संधि के तहत, तुवालु के नागरिकों को ऑस्ट्रेलिया में स्थायी रूप से बसने की अनुमति दी जाएगी.
जानिए तुवालु के बारे में…
प्रशांत महासागर में 9 कोरल द्वीपों पर बसे इस देश की आबादी करीब 11,000 है. इस पूरे देश की समुद्र से औसत ऊंचाई केवल दो मीटर है. ऐसे में बाढ़, ऊंची लहरों और समुद्र का बढ़ता जलस्तर यहां की जनता के लिए आए दिन मौत कर कारण बनते रहते हैं. तुवालु की जनता ने वैश्विक जगत से जलवायु परिवर्तन से लड़ने गुहार लगाई है, क्योंकि यह देश इस मोर्चे पर सबसे आगे खड़ा हुआ है. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि आने वाले 80 सालों में तुवालु की पूरी जमीन समंदर में समा जाएगी. फिलहाल इस देश के दो द्वीप पानी में समा चुके हैं.
लगातार बढ़ते जलस्तर की वजह से अस्तित्व पर संकट को देखते हुए तुवालु और ऑस्ट्रेलिया ने 2023 में फलेपिली संधि पर हस्ताक्षर किए. इसके तहत हर साल 280 तुलावु निवासी ऑस्ट्रेलिया में स्थाई निवास के वहां पहुंचेंगे. इन लोगों को ऑस्ट्रेलियाई सरकार स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, नौकरियों और आवास के पूर्ण अधिकार देगी.
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